अगर आप गर्भवती है और किसी बच्चे को नया जीवन देने वाली है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल के साथ अपनी फूड् लिस्ट का भी खास ध्यान रखना चाहिए क्योकि अगर आप खाने पीने में लापरवाही करती है तो आप बीमार हो सकती है जिसका नुकसान गर्भ में पल रहे बच्चे को भी उठाना पड़ सकता है। आप जो भी भोजन ग्रहण करें वह ताजा और पूरी तरह पकाया हुआ हो इसके अलावा आपको अतिरिक्त ध्यान के लिए उन खाद्य पदार्थ को भी सुनिश्चित करना होगा जिसका सेवन आप गर्भावस्था के दौरान नही करना चाहिए या कम करना चाहिए।
कैफीन : गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अधिकतर घर में रहना पड़ता है जिसकी वजह से सुस्ती और कामकाजी महिलाओं को घर में बोरियत का अहसास होता है और ऐसे में कॉफी, चाय, कोला या ऊर्जा वाली बजारी पेय अपनी डाइट में सामान्य से अधिक बढ़ा देती है जिससे गर्भपात का खतरा और अन्य स्वास्थ्य नुक्सान का सामना करना पड़ सकता है इसके अलावा गर्भ के पहली तिमाही के दौरान कैफीन का अधिक सेवन हरगिज नही करना चाहिए।
सॉफ्ट पनीर : कई बार गर्भवती महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और ऐसे में खाद्य जनित बीमारियों से ग्रस्त होना काफी आसान हो जाता है इसलिए सॉफ्ट पनीर का सेवन से परहेज करना चाहिए और अगर खाना पड़ भी जाए तो इसे अच्छी तरह पका कर ही खाना चाहिए। सॉफ्ट पनीर के अलावा नीले पनीर और बजारी पुराने पनीर में कई हानिकारक बैक्टीरियां उत्पन्न हो जाते है इसलिए सफेद छिलके के साथ पनीर अर्थात सॉफ्ट पनीर का प्रयोग पूर्ण सावधानी से करना चाहिये और एतिहत के तौर पर अगर पहले तिमाही इसका सेवन ना किया जाए तो ज्यादा अच्छा है।
मांस मछली अंडे : मांस मछली अंडे से बेशक प्रोटीन और विटामिन के महत्वपूर्ण हो और इन भोज्य पदार्थो को बेशक अनगिनत फायदे हो लेकिन गर्भवती होने पर इनकी कटौती करना ही बेहतर है। मछली का सेवन गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग में बाधा पैदा कर सकता है क्योकि कुछ मछलियों में मरक्युरी होती है इसके अलावा अंडे सलमोनेल्ला बैकटीरिया से ग्रस्त होते है जो शरीर में कई बिमारियों का कारण बनते है। मांस वैसे भी अधिक गर्म भोजन होता है और पहले तिमाही पर इसका सेवन करने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा अगर आप मार्किट में बने मांस या मछली का प्रयोग करती है तो संक्रमण और स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
शराब और सिगरेट छोड़ दे : शराब और सिगरेट का सेवन हर लिहाज से बुरा है लेकिन आज की भागदौड लाइफ में यह महिलाओं की लाइफस्टाइल में शामिल है लेकिन गर्भावस्था में इनका अधिक प्रयोग भ्रूण में पल रहे बच्चे को मानसिक तौर पर विकलांग,शारीरिक असामान्यताएं और उसके विकास तंत्र को प्रभावित कर सकता है।
जो महिलाएं गर्भवत के समय में शराब और सिगरेट पीती है उनके व्यवहार समस्याओं में भी असमानता आ जाती है इसलिए कुछ देशों में गर्भवती महिला के शराब और सिगरेट पर प्रतिबंध लगायें गये है।
इन खाद्य पदार्थो के अलावा फलों में पपीते ,अंगूर,अनानस जैसे फलों का सेवन बड़ी सावधानी से करना चाहिए क्योकि इन फलों के कच्चे होने पर हानि पंहुचा सकते थे।
प्रेगनेंसी में खान-पान का ध्यान रखते हुए मसालेदार भोजन और मैदे से बने भोजन से परहेज ही गर्भावस्था स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
प्रेगनेंसी के समय जो भी खाएं वह साफ़ सुधरा और पूर्ण रूप से पका हुआ हो, भोजन में जायफल और अधिक शक्कर की मात्रा वाले भोजन को भी अपनी दिनचर्या डाइट में सुझबुझ के साथ ही करें।
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