नवजात शिशु को जीवन में लाने की योजना पर उस वक़्त पानी फिर जाता है जब गर्भवती महिला का गर्भपात अर्थात मिसकैरेज हो जाता है। प्रेगैंसी की अधिक ख्वाइश के बाद अगर मिसकैरेज होता है तो गर्भपात अवसाद महिला के अंदर क्रोध, भय,अपराध विनाशकारी भावनात्मक नतीजों को जन्म देने के साथ-साथ उनको मानसिक रूप से भी प्रताड़ित करता है।
गर्भावस्था के नुकसान के कठिन पहलुओं से लगभग सभी अवगत है लेकिन पूर्ण जानकारी लेकर माता-पिता के मिसकैरेज दर्द को कम किया जा सकता है। आइयें जानते है आनुवंशिक वजह ना होने पर वो कौन-कौन से कारण है जिनकी वजह से गर्भपात या मिसकैरेज हो जाता है।
प्रमुख शारीरिक कमियां और बीमारियाँ जिनकी वजह से होता है मिसकैरेज।
महिला का स्वास्थ्य : गर्भवती होने से स्वस्थ बच्चे को जन्म देने तक की प्रक्रिया में महिला का स्वस्थ्य अहम भूमिका अदा करता है इसलिए गर्भवती महिला शारीरिक रूप से एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। कोई बड़ी बीमारी जैसे हार्ट की या ब्लड प्रेशर,शुगर,किडनी की तकलीफ या फिर यूट्रस से संबंधित रोग होने पर मिसकैरेज अर्थात गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
क्रोमोजोम असामान्यता : क्रोमोजोम अर्थात गुणसूत्र असामान्यता भी मिसकैरेज की अहम वजहों में है। हाथ नीचे, एक गर्भपात में अंडे या भ्रूण गठन के दौरान शुक्राणु के गुणसूत्रों के साथ समस्या सबसे गर्भपात होने के सबसे आम कारणों में है। गुणसूत्रों अगर डीएनए के ब्लॉक कर रहे है तो बच्चे के रंग आंखों के विकसित होने में काफी दिक्कत आती है। सामान्य रूप से विकसित ना होने या भ्रूण के सक्षम ना के होने के परिणामस्वरूप मिसकैरेज हो जाता है।
एक अनुमान के अनुसार प्रेगनेंसी की शुरुआती अवस्था मिसकैरेज वाले दो-तिहाई जोड़ो में गुणसूत्र असामान्यताओं की संभावना को माना गया है।
नाल में दिक्कत : बच्चे के लिए रक्त की आपूर्ति को मां से करने वाले अंग का नाम नाल है अगर नाल के विकास में समस्या होती है तो भी गर्भपात होने का खतरा बना रहता है।
खून में कमी : जिन महिलाओं में शरीर में खून की कमी होती है उनका भी मिसकैरेज गर्भवस्था की शुरूआती अवस्था में हो जाता है क्योकि खून की कमी की वजह से फ़ीटस का पूर्ण विकास संभव नही है।
कमजोर गर्भाशय ग्रीवा : कुछ मामलों में गर्भाशय ग्रीवा की मांसपेशियों को सामान्य की तुलना कमजोर पाया जाता है जिस वजह से गर्भ पूर्ण रूप से नही ठहर पाटा है और मिसकैरेज हो जा है। समाज में कमजोर गर्भाशय ग्रीवा को अक्षमता के रूप में जाना जाता है।
थायराइड विकार : थायराइड बहुत कम या बहुत अधिक हो दोनों ही रूप में यह बांझपन की समस्याओं को जन्म देता है या फिर मिसकैरेज का कारण बन सकता है। अगर थायराइड कम होगा तो हार्मोन उत्पादन की भरपाई करने की कोशिश करेंगे जिससे ओवुलेशन को दबा सकते हैं इसके विपरीत थायराइड अधिक होगा तो बहुत सारे हार्मोन का उत्पादन करेंगा गर्भाशय बनाने पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते और वह एस्ट्रोजन की क्षमता के साथ हस्तक्षेप कर गर्भाशय से खून बहाने का नेतृत्व कर सकते हैं जिससे गर्भपात का खतरा बन जाता है।
मधुमेह : अनियंत्रित मधुमेह ज्यादातर गर्भपात का कारण बनता है। जो महिलायें प्रेगेनेंट हो उन्हें रक्त में A1C शर्करा को नियंत्रित करने के साथ-साथ रक्त शर्करा रक्त परीक्षण की जाँच भी समय-समय पर कराते रहना चाहिए।
डेंगू : ताजा रिपोर्ट के अनुसार नवजात शिशुओं को गर्भ में पाल रही उन महिलाओं के मिसकैरेज में वृद्धि हुई है जो डेंगू से पीड़ित होती है। डेंगू प्लेटलेट स्तर में गिरावट का कारण बनता है इसलिए गर्भवती महिलाओं में भारी रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। गर्भ के पहले दो हफ्तों के दौरान बीमारी विकसित होती है तो गर्भपात का खतरा सबसे अधिक हो जाता है इसलिए गर्भवती महिला के डेंगू होने पर जल्द से जल्द अच्छे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
उपरोक्त बीमारियाँ को अतिरिक्त कुछ अन्य बीमारियाँ नीचे दी गयी है जो गर्भपात की वजह बनती है।
- गुर्दे की बीमारी
- कोएलियाक बीमारी
- बैक्टीरियल दिक्कत
- क्लैमाइडिया
- एचआईवी
- गानरीअ
- सिफलिस
- मलेरिया
- खसरा
लाइफस्टाइल : आप की पर्सनल लाइफ स्टाइल जैसी मर्जी हो लेकिन जब आप गर्भावस्था में होती है तो आपका लाइफस्टाइल प्रेगनेंसी के अनुकूल नही होता है तो मिसकैरेज होना स्वाभविक हो जाता है। आइये जानतें है आपकी उन आदतों को जो गर्भपात का खतरा बढ़ाती है।
सिगरेट या हुक्का मारने की आदत : प्रेगनेंसी के दौरान सिगरेट की आदत छोड़ देनी चाहिए नही तो इस लत की वजह से मिसकैरेज हो सकता है क्योकि जब महिलायें गर्भवती होने पर सिगरेट या हुक्के के कश का सेवन करती है तो सिगरेट का धुंआ वह उनके गर्भ में आक्सीजन की कमी कर देता है जिसकी वजह से फ़ीटस तक पर्याप्त मात्रा तक में आक्सीजन नही पहुच पाती और प्रेगेन्ट महिला का गर्भपात हो जाता है। इसके अलावा क्रोमोजोम असामान्यता भी सिगरेट सेवन की वजह से आती है।
गर्भावस्था में कैफीन का अधिक उपयोग : हमारे शरीर को कैफीन,शराब,कॉफ़ी,चाय आदि से सामान्य रूप में मिलती है इसलिए शराब आदि को तो त्याग देना चाहिए तथा कॉफ़ी चाय की मात्रा डॉक्टरी सलाह पर ही लेनी चाहिए। साधारण रूप से एक दिन में 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का उपयोग की वजह से भी कई बार मिसकैरेज हो जाता है इसलिए डॉक्टरी सलाह के बाद ही कैफीन की मात्रा को अपने लिए चुनना चाहिए। कैफीन के अधिक उपयोग से गर्भनाल के निकलने का जोखिम बढ़ जाता है जो गर्भपात के प्रमुख कारणों में है।
तनाव पूर्ण लाइफस्टाइल : अगर आपकी लाइफस्टाइल तनाव पूर्ण और चिंता से ग्रस्त रहती है तो गर्भावस्था के दौरान गर्भपात का खतरा बना रहता है। शारीरिक स्वस्थता के साथ-साथ बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए मानसिक रूप से मजबूत और खुश होना अनिवार्य है।
सही भोजन की परख ना होना : प्रेग्नेंट महिला की डाइट प्लान सामान्य से बिलकुल भिन्न होता है इसलिए एक प्रेग्नेंट महिला को पता होना चाहिए कि उसके हेल्थ के अनुसार उनके लिए कौन से भोजन उपयुक्त है और कौन सा अनउपयुक्त है। अधिक गर्म प्रवृति वाले भोजन फ़ास्ट फ़ूड , मसालेदार,अधपका मीट मछली और संक्रमण युक्त भोजन अधिकतर मिसकैरेज का कारण बनते है इसलिए गर्भावस्था के शुरूआती अवस्था में भोजन का चुनाव बड़ी समझदारी से करना चाहिए।
गलत दवाइयों का चुनाव : कई बार महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान हल्के बदन दर्द या बुखार अवस्था में बिना डॉक्टरी सलाह के दवाईयां ले लेती है जो उनकी गर्भावस्था बॉडी के अनुकूल नही होती है तो भी गर्भपात हो जाता है इसके अलावा सामान्य बिमारी में डॉक्टर से प्रेगनेंसी की बात छुपाने का कारण भी मिसकैरेज की वजह बनती है।
कुछ अन्य कारण जिनकी वजह से हो सकता है मिसकैरेज
- प्रेग्नेंट महिला को किसी तरह का सदमा लगना
- प्रेगनेंसी के समय गलत सेक्स पोजीसन का चुनाव
- प्रेगनेंसी के समय फिटनेस की चाह में गलत कसरत का चुनना
- उछल कूद से सीढियाँ चढना या रोजाना अधिक देर तक ड्राइव करना
- अधिक समय तक बैठे रहना या फिर खड़े होकर काम करना
- अधिक हवाई यात्रा करना
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