भारत में ब्याह का मतलब सिर्फ दो लोगो का मिलन नही होता है। भारत में शादी को दो परिवारों का मिलन भी माना जाता है क्योकि भारतीय समाज में परिवार को काफी तवज्जो दी जाती है इसलिए भारतीय समाज अन्य समाजो से भिन्न और ऊँचा माना जाता है लेकिन नई-नई शादी शुदा जोड़े के लिए परिवारवाद विचार कई बार ना चाहते हुए भी समस्या पैदा कर देता है।
परिवार के साथ उठना,परिवार के साथ खाना नये शादी शुदा जोड़े के रोमांस और स्पाइसी सेक्स की हत्या कर देता है। पारिवारिक मूल्यों और एकता में रहना चाहिए इसमे कोई संदेह नही है लेकिन पति-पत्नी के रिश्ते और उनके व्यक्तिगत समान काफी गोपनीय होते है इसलिए विवाहित जोड़े को संयुक्त परिवार की जगह आपसी प्यार की अधिक आवश्यकता होती है और इसके लिए उन्हें एक ऐसा घर चाहिये होता है जो उनका अपना निजी घर हो।
अगर आप नये भारतीय विवाहित जोड़े है और अपने पुरे परिवार के साथ रहते है तो जरुर आप सारा दिन एक ऐसे मौके की तलाश करते होंगे जिसमे आप और आपकी नई नेवली पत्नी कुछ समय साथ में या एकांत में बिता सके। आइये जानते है संयुक्त परिवार के साथ रहने वाले नये भारतीय जोड़े को किस-किस समस्या का सामना करना पड़ता है।
बिना खट-खट : भारतीय समाज में अधिकतर नई जोड़ी शर्म के कारण दिन के समय दरवाजे में कुंडी नही लगाती है और कई बार जीवन में ऐसे समय आते है जब आप कमरे में किसी को ना पा कर हल्के-फुल्के रोमांटिक हो जाते है तो कुंडी ना लगे कमरे में ऐसे मौके को परिवार के सदस्यों द्वारा या फिर बच्चो द्वारा बाधित किया जा सकता है। छोटे बच्चे और परिवार के लोग महत्वपूर्ण बातों की बात करने के लिए दिन में बिना दरवाजा खटखटायें दाखिल हो जाते है और कई बार तो आधी रात में भी बिना बात की गम्भीरता समझे आपको अपने पास बुला लेते है।
रोमांटिक सुबह नही : ज्यादातर सेक्स विज्ञानी मानते है कि सुबह में प्यार करने से आप अपने सारे दिन के प्रदर्शन में सुधार ला सकते है लेकिन मिडिल क्लास और गरीब घर के जोड़ो को सुबह प्यार करने का मौका ही नही मिलता है क्योकि पति की तुलना में पत्नी सुबह जल्दी उठती है और उसे घर का सारा काम करना पड़ता है फिर चाहे वो छुट्टी का ही दिन क्यों न हो। भारत में अन्य देशो के तरह कोई रोमांटिक सुबह नही होती है क्योकि जोड़ो के पास सुबह रोमांस और सेक्स करने का मौका ना के बराबर होता है जो बहुत ही दुःख की बात है।
बच्चों के लिए दबाव : घर के लोग दिल खोल कर आप दोनों की इच्छा अनुसार रोमांस बेशक जीवन भर ना करने दे पर सुहागरात की अगली सुबह जैसे ही दुल्हन बेडरूम से बाहर आती है। सास-भाभी या फिर ननद मजाक-मजाक में घर में नये मेहमान को लाने की बात जरुर करने लगते है और विवाह के एक साल बाद ये मजाक पति और पत्नी के उपर दवाब के रूप में महसूस होने लगते है।
पति पत्नी और बच्चे : अगर आपकी शादी थोड़ी पुरानी हो गई है और आपके बच्चे है तो इसका अर्थ है कि आपको सिर्फ अपने बच्चों से प्यार होना चाहिए। आप बच्चो को छोड़कर कभी भी एक दो दिन के लिए नाईट प्लान बना कर घुमने नही जा सकते है। परिवार आपको इसकी इजाजत जल्दी नही देगा इसके अलावा आप उन्हें रात में किसी और कमरे में भी बेफिक्र होकर नही सुला सकते।
प्यार कमरे से बाहर ना निकले : परिवार के कई लोग एक ही घर में रहते है बस इसलिए भारतीय पति-पत्नी कल्पना के अनुसार बेडरूम के बाहर अपना प्यार नही जता सकते है। घर और समाज के नियम इतने कड़े है कि पति-पत्नी एक साथ घर के बगीचे में या फिर छत पर जाकर थोडा फ़्लर्ट या एक दुसरे को गले भी नही लगा सकते है। परिवार और आस पड़ोस जोड़ो को कड़ाई से आदेश देता है कि आपको प्यार करने के लिए बस अपने कमरे से चिपके रहना है। आप रसोई में या छत पर सेक्स आनंद लेने के बारे में सोच भी नही सकते है।
क्रिएटिविटी आपके लिए नही है : भारतीय युवा जोड़ी अपने प्यार के दिनों में अगर फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे या फिर अन्य फिल्म की तरह कोई क्रिएटिविटी कदम उठाना चाहती है तो उसे हजार बार सोचना पड़ेगा ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योकि सयुक्त परिवार में आपका निजी कमरा भी आपका नही होता है। आपके परिवार के कई सदस्य बिना कुछ बताएं आपके कमरे में दाखिल हो जाते है और वह आपसे सवाल भी कर लेते है कि ये रस्सी बेड पर क्या कर रही है और अचानक से सवाल आ जाने के कारण आप उसका सही जवाब देने में सक्षम नही होते है।
बिल्कुल चुप रहे : आपका बेडरूम चारों दिशाओं में अपने परिवार के सदस्यों से घिरा हुआ होता है इसलिए आप डर्टी टॉक नही कर सकते और प्यार करते हुए ऊँची हंसी और चिल्ला भी नही सकते है। प्यार के पूर्ण चरण पर होने के बावजूद आपको बिल्कुल चुप रहना पड़ता है या फिर खुद अपनी आवाज दबानी पड़ती है क्योकि गलती से भी आपकी आवाज बाहर ना निकल जाए। कई गरीब और मिडल क्लास फॅमिली में तो पति का नाम भी पत्नियाँ नही ले सकती है ऐसे घरों में तो सबके सामने लव यू कहना भी गुनाह से कम नही है।
फोरप्ले को बेडरूम से गायब करें : परिवार के बीच रहने वाले पति-पत्नियों के मन में अकसर ये डर बना रहता है कि कोई उनकी आवाज ना सुन ले या फिर कोई उन्हें किसी काम से बुला ना ले इसलिए शादीशुदा जोड़े को रोमांस पलो को भी जल्दी खत्म करना पड़ता है। फोरप्ले या अल्कोहल जैसी नई चीजे जो सेक्स इच्छा बढाती हो वो विवाहित लवबर्ड्स बेफिक्र होकर बेडरूम के अंदर दाखिल नही कर सकते।
बढ़ते बच्चो के सामने : घर में सभी वयस्कों को सेक्स के बारे में पता होता है और कुछ बिंदु तो बढ़ रहे बच्चो को भी पता होता है लेकिन भारतीय माँ बाप लगातार बच्चे को निगरानी में रखते है कि उन्हें सेक्स से जुडी हुई कोई भी जानकारी प्राप्त ना हो इसी डर के कारण व्यस्क बच्चो के माता-पिता अकेले बेडरूम में भी सेक्स करना या फिर रोमांटिक हो कर गले और माथे को चूमना भी सही नही मानते है।
फौरन कपड़े पहन ले : आपकी सेक्स क्रिया जैसे ही खत्म होती है आप फौरन कपडे पहन ले। कौन जानता है कब परिवार के अन्य सदस्य को आपको जरूरत कब पड़ जायें। सेक्स के बाद बेफिक्र होकर बिना कपड़े के चिमट कर सोने के लिए उनके पास कोई तरकीब नही होती है उन्हें अपने ही बेडरूम में ये डर सता रहा होता है कही उन्हें बिना कपड़ो के नींद ना आ जाएं।
लेडीज़ इनवेअर को भी लिस्ट से बाहर कर दे : अगर आप पति के साथ घर में अकेली नही रहती है तो सेक्सी इनवेअर और ड्रेस को अपनी लिस्ट से बाहर कर दें क्योकि यह एक कड़वी सच्चाई कि आप को सेक्सी इनवेअर को धोने और सूखने की जगह एकांत में नही मिलेगी।
लव-बाइट : प्यार करते हुए आपको इसलिए भी सतर्क रहना पड़ता है क्योकि कही गलती से कोई लव-बाइट ऐसी जगह ना पड़ जाए जो सबके सामने साफ़-साफ़ नजर आयें। भारत में यह स्नेह का प्रतीक छानबीन का विषय भी बन सकता है।
एक साथ शॉवर का मजा : एक साथ रहने वाले परिवार के घरों में बाथरूम ऐसी जगह बना होता है जहाँ सारा दिन आवगमन होता रहता है। एक साथ शॉवर लेना भी शादी कर चुके जोड़ी के लिए असंभव सा काम लगता है।
खैर हम भारतीय अपने परिवार से अधिक प्यार करते है इसलिए अपने जीवन से स्पाइसी रोमांस को निकाल कर एडजस्ट करना हमें अधिक सुहाता है और हम छुप-छुप के प्यार के मजे को एडवेंचर समझ ही अपनी सेक्स लाइफ एन्जॉय करते है।
परिवार के साथ उठना,परिवार के साथ खाना नये शादी शुदा जोड़े के रोमांस और स्पाइसी सेक्स की हत्या कर देता है। पारिवारिक मूल्यों और एकता में रहना चाहिए इसमे कोई संदेह नही है लेकिन पति-पत्नी के रिश्ते और उनके व्यक्तिगत समान काफी गोपनीय होते है इसलिए विवाहित जोड़े को संयुक्त परिवार की जगह आपसी प्यार की अधिक आवश्यकता होती है और इसके लिए उन्हें एक ऐसा घर चाहिये होता है जो उनका अपना निजी घर हो।
अगर आप नये भारतीय विवाहित जोड़े है और अपने पुरे परिवार के साथ रहते है तो जरुर आप सारा दिन एक ऐसे मौके की तलाश करते होंगे जिसमे आप और आपकी नई नेवली पत्नी कुछ समय साथ में या एकांत में बिता सके। आइये जानते है संयुक्त परिवार के साथ रहने वाले नये भारतीय जोड़े को किस-किस समस्या का सामना करना पड़ता है।
बिना खट-खट : भारतीय समाज में अधिकतर नई जोड़ी शर्म के कारण दिन के समय दरवाजे में कुंडी नही लगाती है और कई बार जीवन में ऐसे समय आते है जब आप कमरे में किसी को ना पा कर हल्के-फुल्के रोमांटिक हो जाते है तो कुंडी ना लगे कमरे में ऐसे मौके को परिवार के सदस्यों द्वारा या फिर बच्चो द्वारा बाधित किया जा सकता है। छोटे बच्चे और परिवार के लोग महत्वपूर्ण बातों की बात करने के लिए दिन में बिना दरवाजा खटखटायें दाखिल हो जाते है और कई बार तो आधी रात में भी बिना बात की गम्भीरता समझे आपको अपने पास बुला लेते है।
रोमांटिक सुबह नही : ज्यादातर सेक्स विज्ञानी मानते है कि सुबह में प्यार करने से आप अपने सारे दिन के प्रदर्शन में सुधार ला सकते है लेकिन मिडिल क्लास और गरीब घर के जोड़ो को सुबह प्यार करने का मौका ही नही मिलता है क्योकि पति की तुलना में पत्नी सुबह जल्दी उठती है और उसे घर का सारा काम करना पड़ता है फिर चाहे वो छुट्टी का ही दिन क्यों न हो। भारत में अन्य देशो के तरह कोई रोमांटिक सुबह नही होती है क्योकि जोड़ो के पास सुबह रोमांस और सेक्स करने का मौका ना के बराबर होता है जो बहुत ही दुःख की बात है।
बच्चों के लिए दबाव : घर के लोग दिल खोल कर आप दोनों की इच्छा अनुसार रोमांस बेशक जीवन भर ना करने दे पर सुहागरात की अगली सुबह जैसे ही दुल्हन बेडरूम से बाहर आती है। सास-भाभी या फिर ननद मजाक-मजाक में घर में नये मेहमान को लाने की बात जरुर करने लगते है और विवाह के एक साल बाद ये मजाक पति और पत्नी के उपर दवाब के रूप में महसूस होने लगते है।
पति पत्नी और बच्चे : अगर आपकी शादी थोड़ी पुरानी हो गई है और आपके बच्चे है तो इसका अर्थ है कि आपको सिर्फ अपने बच्चों से प्यार होना चाहिए। आप बच्चो को छोड़कर कभी भी एक दो दिन के लिए नाईट प्लान बना कर घुमने नही जा सकते है। परिवार आपको इसकी इजाजत जल्दी नही देगा इसके अलावा आप उन्हें रात में किसी और कमरे में भी बेफिक्र होकर नही सुला सकते।
प्यार कमरे से बाहर ना निकले : परिवार के कई लोग एक ही घर में रहते है बस इसलिए भारतीय पति-पत्नी कल्पना के अनुसार बेडरूम के बाहर अपना प्यार नही जता सकते है। घर और समाज के नियम इतने कड़े है कि पति-पत्नी एक साथ घर के बगीचे में या फिर छत पर जाकर थोडा फ़्लर्ट या एक दुसरे को गले भी नही लगा सकते है। परिवार और आस पड़ोस जोड़ो को कड़ाई से आदेश देता है कि आपको प्यार करने के लिए बस अपने कमरे से चिपके रहना है। आप रसोई में या छत पर सेक्स आनंद लेने के बारे में सोच भी नही सकते है।
क्रिएटिविटी आपके लिए नही है : भारतीय युवा जोड़ी अपने प्यार के दिनों में अगर फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे या फिर अन्य फिल्म की तरह कोई क्रिएटिविटी कदम उठाना चाहती है तो उसे हजार बार सोचना पड़ेगा ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योकि सयुक्त परिवार में आपका निजी कमरा भी आपका नही होता है। आपके परिवार के कई सदस्य बिना कुछ बताएं आपके कमरे में दाखिल हो जाते है और वह आपसे सवाल भी कर लेते है कि ये रस्सी बेड पर क्या कर रही है और अचानक से सवाल आ जाने के कारण आप उसका सही जवाब देने में सक्षम नही होते है।
बिल्कुल चुप रहे : आपका बेडरूम चारों दिशाओं में अपने परिवार के सदस्यों से घिरा हुआ होता है इसलिए आप डर्टी टॉक नही कर सकते और प्यार करते हुए ऊँची हंसी और चिल्ला भी नही सकते है। प्यार के पूर्ण चरण पर होने के बावजूद आपको बिल्कुल चुप रहना पड़ता है या फिर खुद अपनी आवाज दबानी पड़ती है क्योकि गलती से भी आपकी आवाज बाहर ना निकल जाए। कई गरीब और मिडल क्लास फॅमिली में तो पति का नाम भी पत्नियाँ नही ले सकती है ऐसे घरों में तो सबके सामने लव यू कहना भी गुनाह से कम नही है।
फोरप्ले को बेडरूम से गायब करें : परिवार के बीच रहने वाले पति-पत्नियों के मन में अकसर ये डर बना रहता है कि कोई उनकी आवाज ना सुन ले या फिर कोई उन्हें किसी काम से बुला ना ले इसलिए शादीशुदा जोड़े को रोमांस पलो को भी जल्दी खत्म करना पड़ता है। फोरप्ले या अल्कोहल जैसी नई चीजे जो सेक्स इच्छा बढाती हो वो विवाहित लवबर्ड्स बेफिक्र होकर बेडरूम के अंदर दाखिल नही कर सकते।
बढ़ते बच्चो के सामने : घर में सभी वयस्कों को सेक्स के बारे में पता होता है और कुछ बिंदु तो बढ़ रहे बच्चो को भी पता होता है लेकिन भारतीय माँ बाप लगातार बच्चे को निगरानी में रखते है कि उन्हें सेक्स से जुडी हुई कोई भी जानकारी प्राप्त ना हो इसी डर के कारण व्यस्क बच्चो के माता-पिता अकेले बेडरूम में भी सेक्स करना या फिर रोमांटिक हो कर गले और माथे को चूमना भी सही नही मानते है।
फौरन कपड़े पहन ले : आपकी सेक्स क्रिया जैसे ही खत्म होती है आप फौरन कपडे पहन ले। कौन जानता है कब परिवार के अन्य सदस्य को आपको जरूरत कब पड़ जायें। सेक्स के बाद बेफिक्र होकर बिना कपड़े के चिमट कर सोने के लिए उनके पास कोई तरकीब नही होती है उन्हें अपने ही बेडरूम में ये डर सता रहा होता है कही उन्हें बिना कपड़ो के नींद ना आ जाएं।
लेडीज़ इनवेअर को भी लिस्ट से बाहर कर दे : अगर आप पति के साथ घर में अकेली नही रहती है तो सेक्सी इनवेअर और ड्रेस को अपनी लिस्ट से बाहर कर दें क्योकि यह एक कड़वी सच्चाई कि आप को सेक्सी इनवेअर को धोने और सूखने की जगह एकांत में नही मिलेगी।
लव-बाइट : प्यार करते हुए आपको इसलिए भी सतर्क रहना पड़ता है क्योकि कही गलती से कोई लव-बाइट ऐसी जगह ना पड़ जाए जो सबके सामने साफ़-साफ़ नजर आयें। भारत में यह स्नेह का प्रतीक छानबीन का विषय भी बन सकता है।
एक साथ शॉवर का मजा : एक साथ रहने वाले परिवार के घरों में बाथरूम ऐसी जगह बना होता है जहाँ सारा दिन आवगमन होता रहता है। एक साथ शॉवर लेना भी शादी कर चुके जोड़ी के लिए असंभव सा काम लगता है।
खैर हम भारतीय अपने परिवार से अधिक प्यार करते है इसलिए अपने जीवन से स्पाइसी रोमांस को निकाल कर एडजस्ट करना हमें अधिक सुहाता है और हम छुप-छुप के प्यार के मजे को एडवेंचर समझ ही अपनी सेक्स लाइफ एन्जॉय करते है।
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