व्यायाम एक शरीर को स्वस्थ रखने के लिये सबसे उत्तम,कम खर्चीला और सबसे आसान तरीका है। बढ़ती और भागदौड भरी लाइफ में पुरुष और महिलाओं दोनों में व्यायाम की महत्ता बढ़ी है। आमतौर पर रोजाना लाइफ में महिलायें अपनी फिटनेस का ध्यान रखते हुए व्यायाम तो कर लेती है पर गर्भावस्था के दौरान जब शरीर में रक्त संचार की अधिक आवश्यकता होती है तो महिलायें व्यायाम से कन्नी काट जाती है।
एक नये शोध के अनुसार गर्भावस्था के दौरान अच्छे प्रशिक्षक की मदद से किये गये ऑक्सीजन को उचित मात्रा में रखने के अलावा भोजन को सही ढंग से पचा कर सभी पौष्टिक आहारों का लाभ बेबी तक आसानी से पहुचने में मदद करता है।
हाल ही में हुए इस शोध की पूरी बातों पर विश्वास करें तो गर्भावस्था के दौरान किये हुए सभी व्यायामों और योग का लाभ जितना गर्भ में पल रहे लड़के को होता है उतना लाभ लड़कियों को नही मिलता है। अपेक्षा से अधिक वजन वाली औरते अगर गर्भाधारण के समय नियमित व्यायाम और योग करती है तो उन माताओं के बच्चों के अन्दर मधुमेह होने का खतरा कम हो जाता है इसलिए सभी मोटी औरतों को बच्चे के इंसुलिन एवं ग्लूकोज के स्तर को ठीक रखने के लिए गर्भावस्था के दौरान नियमित व्यायाम और योग करना चाहिए।
उपरोक्त लिखी शोध की बातें आस्ट्रेलिया के एक जाने माने विश्वविद्यालय के शोध के दौरान पाई गयी है। शोध करने वाली टीम ने ये शोध चुहिया पर किया है।
एक नये शोध के अनुसार गर्भावस्था के दौरान अच्छे प्रशिक्षक की मदद से किये गये ऑक्सीजन को उचित मात्रा में रखने के अलावा भोजन को सही ढंग से पचा कर सभी पौष्टिक आहारों का लाभ बेबी तक आसानी से पहुचने में मदद करता है।
हाल ही में हुए इस शोध की पूरी बातों पर विश्वास करें तो गर्भावस्था के दौरान किये हुए सभी व्यायामों और योग का लाभ जितना गर्भ में पल रहे लड़के को होता है उतना लाभ लड़कियों को नही मिलता है। अपेक्षा से अधिक वजन वाली औरते अगर गर्भाधारण के समय नियमित व्यायाम और योग करती है तो उन माताओं के बच्चों के अन्दर मधुमेह होने का खतरा कम हो जाता है इसलिए सभी मोटी औरतों को बच्चे के इंसुलिन एवं ग्लूकोज के स्तर को ठीक रखने के लिए गर्भावस्था के दौरान नियमित व्यायाम और योग करना चाहिए।
उपरोक्त लिखी शोध की बातें आस्ट्रेलिया के एक जाने माने विश्वविद्यालय के शोध के दौरान पाई गयी है। शोध करने वाली टीम ने ये शोध चुहिया पर किया है।
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