विभिन्न प्रकार के खनिज तत्व हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक होते हैं। यह हमारे शरीर के पोषण के लिए एक बहुत ही ज़रूरी अवयव है जो भोजन के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचता है। यह हमारे शरीर को न केवल एनर्जी और कैलोरी प्रदान करता है बल्कि इनकी अल्प मात्रा शरीर के सभी क्रियाकलापों को सही ढंग से सुचारु रखने में मदद करती है।
ऐसे खनिज जिनका निर्माण हमारा शरीर नहीं कर पाता उन्हें आहार के साथ बाहर से लेने की ज़रूरत पड़ती है जो इस प्रकार हैं,
- कैल्शियम (Calcium) : यह हड्डियों व दांतों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए ज़रूरी होता है।
- मैंग्नीशियम (Magnesium) : यह शरीर द्वारा प्रोटीन पदार्थों के संश्लेषण के लिए, पेशियों के संकुचन और तंत्रिका तंत्र के संचरण के लिए ज़रूरी होता है।
- फॉस्फ़ोरस (Phosphorus) : शरीर में PH ले स्तर को संतुलित रखने के लिए और साथ ही एनर्जी प्रदान करने वाले मेटाबोलिस्म की मात्रा को बढ़ाने के लिए फॉस्फ़ोरस मददगार होता है।
- पोटेशियम (Potassium hai mineral ka khana) : पोटेशियम शरीर में पानी के स्तर को संतुलित रखने के साथ तंत्रिका संचरण को भी सुचारु रखने में मदद करता है। साथ ही यह मांसपेशियों के संकुचन के भी सहायक होता है।
- सोडियम (Sodium) : सोडियम शरीर के भीतर जलयोजन को संतुलित करता है।
- क्लोराइड (Chloride) : कोशिकाओं के द्रव को नियंत्रण में रखता है। इसके साथ बालों और दांतों को स्वस्थ रखने में क्लोराइड सहायक होता है।
- क्रोमियम (Chromium) : यह शरीर के मेटाबोलिस्म को ठीक रख के शरीर को मजबूती प्रदान करता है। इसके साथ अधिक खाने की वजह से शरीर में बढ़े हुए कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करने में भी सहायक होता है।
- कॉपर (Copper) : हीमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक होता है।
- आयोडिन (Iodine) : आयोडिन त्वचा, बालों और नाखून को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- आयरन (Iron) : आयरन खून में लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में विशेष योगदान प्रदान करता है, इसके अलावा यह शरीर में ऑक्सीज़न के परिवहन को सुगम बनाता है।
- फ्लोराइड (Fluoride, mineral wale food) : यह दांतों से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
- मैंगनीज (Manganese) : यह इम्यूनिटी को बेहतर करने में मददगार होता है। साथ ही बाल, त्वचा और नाखून की सुरक्षा के लिए भी ज़रूरी तत्व है।
- सेलेनियम (Selenium) : समय से पहले बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के लिए सेलेनियम खास रूप से सहायक होता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर करता है।
- ज़िंक (Zinc) : यह शरीर के किसी भी हिस्से में घावों को भरने का काम करता है। पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने में इसका खास योगदान होता है। इम्यून सिस्टम को ज़िंक के सेवन से बेहतर किया जा सकता है।
क्या आप अपने आहार में उचित मात्रा में सभी मिनरल्स लेते हैं? (Does your diet contain sufficient levels of minerals?)
इस आर्टिकल में कुछ ऐसे भोज्य पदार्थों के बारे में जानकारी दी जा रही है जिनमें उचित मात्रा में ये सभी खनिज तत्व मौजूद होते हैं। अपने रोज़मर्रा में आहार में इन चीजों को सम्मिलित कर आप सही मात्रा में और अपनी ज़रूरत के मुताबिक मिनरल्स का सेवन कर सकते हैं।
कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत (Best sources of calcium)
हरी और पत्तेदार सब्जियाँ कैल्शियम के बेहतर स्रोत होते हैं। इसके लिए आप पत्तागोभी, ब्रोकली, सी फूड, कच्ची गिरियाँ जैसे बादाम, काजू, तिल, साबुत अनाज, डेयरी उत्पाद जैसे दूध, चीज़, दही, सोयबीन, टोफू और सोय मिल्क आदि का सेवन कर सकते हैं।
मैंग्निशियम के बेहतरीन स्रोत (Best sources of magnesium)
मैंग्निशियम शरीर के लिए एक आवश्यक खनिज है इसे आप साबुत अनाजों के द्वारा ग्रहण कर सकते हैं। साबुत अनाजों में उच्च मात्रा में मैंग्निशियम पाया जाता है। इसके अलावा सूखे मेवे, बीन्स, हरे रंग की सब्जियो और सी फूड में भी मैंग्निशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा कुछ फल जैसे- सेब, नींबू और अंगूर इसके बेहतरीन स्रोत हैं।
फॉस्फोरस के बेहतरीन स्रोत (Best sources of phosphorous)
साबुत अनाज और चोकर (bran) आदि का मिश्रण, पनीर, पीनट बटर, मक्का, ब्रोकली, चिकन, सूरजमुखी के बीज, तितबैंगन (turkey), लहसुन, फलियाँ और सूखे मेवों में भरपूर मात्रा में फॉस्फोरस पाया जाता है। यह सभी चीज़ें आसानी से हमारे पास उपलब्ध होती हैं जिनका प्रयोग हमें अच्छी सेहत के लिए उचित मात्रा में करना चाहिए।
पोटेशियम के बेहतरीन स्रोत (Best sources of potassium)
पोटेशियम (potassium) एक ऐसा मिनरल है जो हमारे आहार में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है फिर कुछ खास चीजों की मदद से हम आसानी से पोटेशियम की कमी को इनके माध्यम से पूरा कर सकते हैं। बहुत सी हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, सौंफ, पत्तागोभी, फूल गोभी आदि में भरपूर मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है। इसके अलावा साइट्रस फलों जैसे नींबू, संतरा, मौसम्बी आदि में भी इसकी बहुलता होती है। ब्रोकली, शिमला मिर्च, अदरक, एवोकेडो, खीरा, पार्सले आदि में भी पोटेशियम पाया जाता है। अंकुरित अनाजों, गोभी, सरसों की साग, शलजम, टमाटर, दालों, फलियों और कई तरह के साबुत अनाजों के माध्यम से भी पोटेशियम की कमी पूरी की जा सकती है।
सोडियम के बेहतरीन स्रोत (Best sources of sodium)
प्राकृतिक रूप से नारियल, गाजर, सूखे मेवों और खुबानी जैसे फलों में पाया जाता है। इसके साथ ही अंजीर और किशमिश में भी पोटेशियम की बेहतरीन मात्रा पाई जाती है। पोटेशियम की पूर्ति के लिए आप इस सभी चीजों का सेवन कर सकते हैं।
क्लोराइड के बेहतर स्रोत (Best sources of chloride)
दही, नमक, ताज़ी सब्जियों, सोय सॉस, दूध, अंडे और मांस में क्लोराइड की मात्रा पाई जाती है, ये सभी चीज़ें क्लोराइड (chloride) से भरपूर हैं।
क्रोमियम के बेहतर स्रोत (Best sources of chromium)
क्रोमियम (chromium) भी शरीर के लिए ज़रूरी मिनरल्स में से एक है। यह यीस्ट, बड़ी सीप, मकई के तेल, चीज़, साबुत अनाज, वनस्पति तेल (vegetable oil) और मेवों में पाया जाता है।
कॉपर के बेहतर स्रोत (Best sources of copper)
मांस, घोंघे, मछलियों के अलावा कॉपर (copper) तत्व मेवों, बीजों, फलियों, पीनट बटर, चॉकलेट, सोयबीन, किशमिश और सी फूड्स में पाया जाता है।
आयोडिन के बेहतर स्रोत (Best sources of Iodine)
प्रेग्नेंसी (pregnancy) या गर्भधारण के समय आयोडिन की विशेष आवश्यकता होती है, इसके साथ ही बच्चे के विकास में भी आयोडिन का खास महत्व है। ताज़ा सब्जियों और ताज़े सी फूड के माध्यम से आयोडिन प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा आयोडाइज्ड नमक, लहसुन, सोयाबीन, पालक और शलजम की साग में भी भरपूर मात्रा में आयोडिन पाया जाता है।
आयरन के बेहतर स्रोत (Best sources of Iron)
मुख्य रूप से मांसाहारी भोजन के माध्यम से आइरन की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है। यह रेड मीट, जिगर, अंडे और मछली में मुख्य रूप से पाया जाता है। साबुत अनाजों, खुबानी, पार्सले, सूखे मेवे, पालक, जौ, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, चुकंदर, बीन्स, सोयाबीन, टोफू (tofu), नींबू, संतरा, मौसम्बी, अंगूर, टमाटर और स्ट्रोबेरी आयरन (iron) के अच्छे स्रोत होते हैं।
फ्लोराइड के बेहतर स्रोत (Best sources of fluoride)
फ्लोराइड की कुछ मात्रा पीने के पानी, चाय और सी फूड (sea food) में होती है। यह भी शरीर के लिए एक ज़रूरी तत्व या मिनरल है।
मैंगनीज़ के बेहतर स्रोत (Best sources of manganese)
साबुत अनाजों, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, एवोकेडो, ब्लूबेरी, ग्रीन टी, ताज़े चुकंदर, अजवायन, अंडे की ज़र्दी, केले, चोकर, अखरोट, अनानास और एस्परैगस में मैंग्नीज पाया जाता है। इसके सेवन से इसकी कमी पूरी की जा सकती है।
सेलेनियम के बेहतर स्रोत (Best sources of selenium)
प्राकृतिक तरीके से सेलेनियम (selenium) का सेवन करने के लिए आपको साबुत अनाज, ब्रोकली, प्याज़, लहसुन, तिल, मेवे और टूना मछली (tuna fish) आदि का सेवन करना फायदेमंद होता है।
ज़िंक के बेहतर स्रोत (Best sources of zinc)
मछली और कुछ खास समुद्री जीवों जैसे घोघे, सीप (oysters) आदि में यह पाया जाता है। विशेष रूप से सीप, केकड़े, झींगा मछली, रेड मीट, लीवर (lever), अंडे, फलियों और साबुत अनाजों में इसकी उचित मात्रा होती है।
मेटाबॉलिस्म (Metabolism)
शरीर के भीतर होने वाली कई आंतरिक क्रियाओं में मेटाबोलिस्म का भी विशेष योगदान होता है। यह अनपचे भोजन को पाचने में सहायता करता है जिससे प्राप्त ऊर्जा शरीर के कई कामों में प्रयोग की जाती है। पाचन की क्रिया में मेटाबोलिस्म विटामिन्स और मिनरल्स द्वारा अहम भूमिका निभाते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड मेडिकल सेंटर का दावा है कि, कोएंजाइम (coenzyme) के निर्माण में विटामिन बी2 और राइबोफ्लेविन (riboflavin) की मुख्य भूमिका होती है। विटामिन बी6 और बी12 कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट मेटाबोलिस्म के लिए बहुत ज़रूरी अवयव होते हैं। मैंगनीज़ जैसे कुछ खास मिनरल्स भी ऊर्जा बढ़ाने के लिए ज़रूरी मेटाबोलिस्म (metabolism) का एक खास हिस्सा है। पालक, ब्रोकली, बीन्स, जौ (oats), मछली, मुर्गी और अंडों में विटामिन बी और कई मिनरल्स होते हैं।
हृदय की सुरक्षा (Heart care)
अपने रोजाना के भोजन में सभी प्रकार के आवश्यक मिनरल्स और विटामिन्स के प्रयोग से हृदय के खतरों से बचा जा सकता है। इन सभी के प्रयोग से दिल की बिमारियों का खतरा कम हो जाता है। विटामिन ए, सी और बीटा केरोटीन सेहत के लिए ज़रूरी होते हैं इनका उचित मात्रा में सेवन ज़रूरी होता है। फल और सब्जियाँ इन मिनरल्स से भरे होते हैं तो इन ज़रूरी पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए फलों और ताज़ी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
हड्डियों की सेहत के लिए (Bone health)
उचित मात्रा में सभी ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स लेकर हम हड्डियों को सुरक्षित रख सकते हैं। हड्डियों के रोग जैसे ओस्टोपोरोसिस (osteoporosis) या हड्डी की कमजोरी आदि को इन मिनरल्स के प्रयोग से दूर रखा जा सकता है। कैल्शियम, मैंग्निशियम, फॉस्फोरस आदि हड्डियों के लिए ज़रूरी मिनरल्स हैं जो कई रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। विटामिन डी और विटामिन के का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान होता है।
प्रजनन में प्रभाव (Fertility)
हमारे शरीर के अंगों के क्रियाकलाप के अनुसार हार्मोन्स अपना कार्य करते हैं और शरीर की संरचना के अनुसार ही कोशिकाएँ प्रजनन और गर्भ के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है। महिला हो या पुरुष, दोनों के ही शरीर को प्रजनन के लिए अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता होती है जो ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स की उपस्थिति से बेहतर होता है। पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और शुक्राणुओं की संख्या (sperm count) में वृद्धि करने के लिए गतिशील मिनरल और ज़िंक (zinc) अति आवश्यक तत्व हैं। रेड मीट, पोल्ट्री उत्पाद, बीन्स, सूखे मेवे, मगज के दाने, सीप आदि ज़िंक के भरपूर खाद्य पदार्थ हैं। इसके साथ ही प्रजनन अंगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विटामिन सी, ई, बी12 और बीटा केरोटीन (beta carotene) के साथ फॉलिक एसिड और सेलेनियम जैसे ज़रूरी मिनरल्स लेना भी आवश्यक होता है।
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