Friday, January 13, 2017

आहार शरीर की अंदरूनी सफाई के लिए

स्वस्थ जीवन के लिए अच्छा खाएं !! सुनने में अजीब लगता है, पर यह सच है क्योकि आपकी उर्जा आपका स्वास्थ्य और आपकी ख़ूबसूरती इस बात पर निर्भर करती है कि आप कैसा और क्या खाते हैं। आपने लोगो को बोलते हुये सुना होगा कि मोटापे के लिए यह न खायें, यह खायें। लेकिन शायद यह नहीं सुना होगा कि शरीर की सफाई और सुन्दर दिखने के लिए क्या खायें।

आइये पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों पर एक नज़र डालें और जानें कि शरीर को भीतर से साफ करने के लिए क्या खाना चाहिए। असल में इस तरह के कई फल और सब्जियां उपलब्ध हैं। ध्यान रखें कि हम केवल स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों की बात कर रहे हैं, अतः आपको इनका सेवन करके मज़ा भी आएगा।
बदलते हुये वातावरण में हवा, जल और ध्वनी प्रदूषण की वजह से कई विषैले पदार्थ हमारे शरीर में आकर अंगो को नुकसान पहुंचाते हैं लेकिन प्रकृतिक तरीकों और आहार द्वारा हम इन तत्वों को शरीर से बाहर निकाल सकते हैं और स्वस्थ और सुन्दर बने रह सकते हैं।
आमतौर पर हमारा शरीर गुर्दों की मदद से अशुद्धियों को बाहर निकालता है। गुर्दे हमारे रक्त में से जहरीले पदार्थों, जो कि हमारी हाजमा प्रणाली, त्वचा और श्वास प्रणाली से हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं, को बाहर निकालकर शरीर को साफ़ करते हैं। पर जब आपका गुर्दा तनाव या अतिरिक्त रूप से ज़हरीले पदार्थों के संपर्क में आने की वजह से प्रभावित हो जाता है तो आपके शरीर की हर प्रणाली में समास्या जन्म ले लेती है। गुर्दा बाइल (bile) का उत्पादन करता है जो शरीर से ज़हर निकालने की एक विधि है। यह भोजन से वसा और प्रोटीन्स (proteins) को अलग अलग करने के लिए ज़रूरी होता है।
ऐसा पाया गया है कि शरीर की कार्यशीलता के लिए ज़रूरी एंजाइम्स (enzymes) गुर्दे में जन्म लेते हैं। आँखों, ह्रदय, मस्तिष्क, जोड़ों और फेफड़ों की कार्यशीलता गुर्दे की सही कार्यशीलता पर निर्भर करती है। अगर गुर्दा खराब हो गया और अच्छे से काम नहीं कर पाया तो सारा शरीर इससे प्रभावित होगा।
आइये जानते हैं उस आहार के बारे में जो आपके शरीर की अन्दर से सफाई करके आप को सुन्दर बनाता है।

शरीर की अंदरूनी सफाई कैसे करें – ग्रीन टी (Green Tea)

अपने एंटीओक्सिडेंट गुणों के कारण ग्रीन टी एक बेहतर विकल्प है जो शरीर में तरलता बढ़ाती है और विषैले तत्वों को बाहर निकालती है। इसमें पाया जाने वाला कैटेचिन्स नामक एंटीओक्सिडेंट यौगिक शरीर से फ्री रेडिकल्स को दूर करता है और लीवर की क्रियाशीलता को बढ़ाता है।

शरीर की अंदरूनी सफाई – गोभी (Cabbage)

सल्फर यौगिक युक्त यह सस्ती सब्जी शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने और विटामिन सी की कमी को दूर करने का एक बेहतर विकल्प है।

शरीर की अंदरूनी सफाई कैसे करें – फूल गोभी (Cauliflower)

फाइटो केमिकल से युक्त यह सब्जी विटामिन सी और के का अच्छा स्त्रोत होती है जो लीवर की क्रियाशीलता को बढ़ाकर फ्री रेडिकल को बाहर निकालती है।

शरीर की अंदरूनी सफाई – अदरक (Ginger se sharir ko detoxify karna)

यह एक शक्तिशाली विष विरोधी औषधि है जो शरीर में डीटोक्सीफिकेशन कि प्रक्रिया को बढ़ाता है जो लीवर, कोलोन आदि अंगों से टोक्सिन को बाहर निकालने में मदद करती है।

चुकंदर (Artichokes)

यह लीवर में क्रियाशीलता को बढ़ाता है और एंजाइम्स के उत्पादन में सहायता करता है जिससे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं।

शरीर की अंदरूनी सफाई कैसे करें – शतावरी (Asparagus)

यह एक उच्च विष विरोधी औषधि है को बुढ़ापे, हृदय रोग और कैंसर से शरीर की सुरक्षा करती है और लीवर की क्रियाशीलता को बढ़ाती है।

सिंहपर्णी (Dandelions)

सिंहपर्णी की जड़ें आपके गुर्दे को स्वस्थ रखकर इसकी कार्यशीलता में मदद करती हैं। इस पौधे को बागवानी करने वाले लोगों के बीच जंगली घास के रूप में जाना जाता है, पर इसमें गुर्दे की मरम्मत करने के कई गुण होते हैं और यह शरीर से अशुद्धियों को भी दूर भगाता है। सालों से गुर्दे की समस्याएं दूर करने में सिंहपर्णी का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह शरीर को विषैले तत्वों से निजात दिलाता है।

जैतून का तेल (ओलिव आयल) (Olive Oil)

ओलिव ऑइल में फलों के रस को मिलाकर एक बेहतरीन क्लींजिंग एजेंट बनाया जा सकता है । डीटोक्सीफिकेशन की प्रक्रिया को बढाने के लिए यह एक बेहतरीन तेल है।

डीटॉक्सीफिकेशन कैसे करें – हल्दी (Turmeric)

शरीर को हानिकारक तत्वों से बचाने के लिए यह एक बेहतर औषधि है इसमें एंटीओक्सिडेंट और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो कई तरह से रोगों से शरीर को दूर रखता है।

शरीर की अंदरूनी सफाई कैसे करें – जल (Water)

पानी शरीर के सभी अंगो के लिए सबसे ज़रूरी तत्व है जो विषैले पदार्थो को बाहर निकालकर कर शरीर को स्वस्थ रखता है। यह शरीर को तरल बनाये रखता है।

डीटॉक्सीफिकेशन कैसे करें – बादाम (Almonds)

विटामिन ई, कैल्शियम, फाइबर, मेग्नीसियम और प्रोटीन से भरपूर यह सूखा मेवा शरीर में शुगर के लेवल को नियंत्रित करता है विषाक्त पदार्थो की सफाई करता है।

अजवायन (Parsley se sharir ki andar se safai)

इसमें काफी मात्रा में बीटा कैरोटीन (beta-carotene) तथा विटामिन ए, सी और के (A, C and K) होते हैं जो गुर्दे और मूत्राशय की रक्षा करते हैं। मूत्रवर्धक जड़ीबूटी अजवाइन गुर्दे में पथरी तथा मूत्राशय में संक्रमण की समस्या को दूर करता है और मूत्र की मात्रा में वृद्धि करके शरीर को साफ़ करने में भी सहायता करता है।

अखरोट (Walnuts)

अर्जिनाइन नामक अमीनो एसिड से युक्त है फल शरीर से हानिकारक अमोनिया को बाहर निकालता है और लीवर को मज़बूत बनाता है।

चुकंदर की जड़ें (Beet roots)

इन्हें सलाद या जूस किसी भी रूप में ले सकते हैं । इसमें उपस्थित प्राकृतिक यौगिक रक्त को शुद्ध करके लीवर को मज़बूत बनाते हैं।

शरीर की अंदरूनी सफाई – लहसुन (Garlic)

अपने एंटी कैंसर और एंटी ओक्सिडेंट गुणों की वजह से लहसुन शरीर के लिए एक अतिआवश्यक औषधि के समान होता है जो जीवाणुओं, विषाणुओं और आंतो एवं रक्त में उपस्थित हानिकारक पैरासाइट को शरीर से बाहर निकालता है।

डीटॉक्सीफिकेशन कैसे करें – सेब (Apples)

आंतो की सफाई और कोलेस्ट्रोल के नियंत्रण के लिए फाइबर का यह एक बेहतरीन स्त्रोत होता है जो शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालता है।

एवोकाडो (Avocadoes)

कोलेस्ट्रोल को घटाता है और रक्त वाहिकाओं की सफाई करता है साथ ही लीवर से हानिकारक सिन्थेटिक केमिकल्स को बाहर निकालता है।

जामुन (Blueberries se body ki internal safai)

इसे प्राकृतिक दर्द निवारक कहा जाता है जो शरीर की सूजन को दूर करता है एवं मूत्र सबंधी परेशानियों से बचाता है। इसके विष विरोधी गुण मस्तिस्क में हानिकारक तत्वों को पहुँचने से रोकता है।

करोंदा (क्रेन बेरी) (Cranberries)

यह मूत्र मार्ग से विषैले विषाणुओं को दूर करता है एवं शरीर की जीवाणुओं सुरक्षा करता है।

डीटॉक्सीफिकेशन कैसे करें – अंगूर (Grape fruit)

इसमें पाए जाने वाले विषाणु विरोधी यौगिक आंत एवं लीवर की विषाणुओं से सुरक्षा करता है । इसे अपने नाश्ते में रोज शामिल करें।

अलसी के बीज और अलसी के बीज का तेल (Flaxseeds and Flaxseed Oil)

ये शरीर को साफ़ करने की कई क्रियाओं में काफी लाभदायक साबित होते हैं। ये ज़रूरी फैटी एसिड्स (fatty acids), खासकर ओमेगा 3 (Omega–3s) से भरपूर होते हैं।

नींबू / नींबू का रस (Lemons / Lemon juice)

रोज़ाना सुबह इसका सेवन करने से शरीर की अशुद्धियाँ दूर हो जाती हैं। इसमें काफी मात्रा में विटामिन सी (Vitamin C) मौजूद होता है जो ग्लुटाथियोन (glutathione) नामक तत्व के पैदा होने में सहायता करता है। ग्लुटाथियोन गुर्दे को हानिकारक रसायनों से बचाकर शुद्ध करता है।

अजमोद और अजमोद के बीज (Celery and Celery Seeds)

इसमें कैंसर (cancer) से लड़ने वाले कई तत्व होते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को शरीर से निकालते हैं। ये रक्त को भी साफ़ करते हैं। इसमें 20 से भी ज्यादा जलनरोधी तत्व मौजूद होते हैं। ये सिगरेट (cigarette) के धुएं में मौजूद हानिकारक तत्वों को भी दूर करते हैं।

फली (Legumes se sharir ki andruni dekhbhal)

यह आपके शरीर को कैंसर के खिलाफ लड़ने में मदद करता है। एक मुट्ठीभर पकी हुई फली अपने भोजन में शामिल करने से आपका भोजन फाइबर (fiber) युक्त बन जाता है, जिससे आपको कोलेस्ट्रोल (cholesterol) कम करने में सहायता मिलती है, आपके रक्त में शुगर (sugar) की मात्रा सही प्रकार नियंत्रित रहती है और आपकी आंत भी साफ़ होती है।

जलकुम्भी (Watercress)

अपने अगले सैंडविच (sandwich) में जलकुम्भी को अवश्य शामिल करने का प्रयास करें। यह शरीर की अशुद्धियाँ दूर करने वाले एंजाइम्स की मात्रामें वृद्धि करता है और शरीर की कैंसर कोशिकाओं पर काम करता है। यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में मौजूद नोर्विक फ़ूड रिसर्च सेंटर (Norwich Food Research Centre) में हुए शोध के मुताबिक़ धूम्रपान करने वाले जिन लोगों को रोजाना 170 ग्राम जलकुम्भी दी गयी, वे अपने मूत्र से औसत मात्रा से ज़्यादा कार्सिनोजेन्स (carcinogens) बाहर निकालने में सफल साबित हुए।

समुद्री शैवाल (Seaweed)

इसे मिनरल्स का ‘पॉवर हाउस’ कहा जाता है जो शरीर की रेडियो एक्टिव तत्वों से सुरक्षा करता है।
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