आर्सेनिक क्या है? आर्सेनिक एक तत्व है जो हमारे शरीर के लिए बहुत हानिप्रद है और यह हमारे भोजन से शरीर में पहुँचता है। एक रिपोर्ट के अनुसार आर्सेनिक का प्रयोग हत्या के लिए बनाये हत्यारों में किया जाता था और एक ऐसी दावा के रूप में जिससे लोगों को और अन्य जीव जंतुओं को मारा जाता था। दुनिया की कई जगहों पर इससे महामारी और फेफड़ों का कैंसर इससे फैला है।
राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अनुसार हर एक अरब में से 10 लोगों द्वारा आर्सेनिक युक्त पानी पीने पर उन 300 में से 1 में कैंसर का खतरा बढ़ गया।
उपभोक्ता समाचार पत्रिका तथा अमेरिकी खाद्य और औषधीय संगठन में हाल में 2 शोध प्रकाशित हुए हैं। इन दोनों शोधों का मुख्य उद्देश्य चावल आधारित प्रोसेस्ड (processed) भोजन तथा चावल में आर्सेनिक की मात्रा की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करवाना है। यह वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए ही काफी चिंता का कारण है क्योंकि फलों के रस और अन्य तरल पदार्थों में भी आर्सेनिक का प्रभाव उतना ही गंभीर साबित होता है। पीने के पानी में भी आर्सेनिक की मात्रा की जांच करनी चाहिए। भोजन और पानी में आर्सेनिक की मात्रा रहने से लोग अपने स्वास्थ्य में आ रहे नकारात्मक परिवर्तन को खुद ही महसूस कर सकते हैं। फ़ेडरल एजेंसियों (federal agencies) ने खाद्य पदार्थों पर आर्सेनिक की निम्नतम मात्रा की एक सीमा अवश्य तय की है, पर दुर्भाग्य से यह इतनी आसानी से दूर होने वाला नहीं है।
आर्सेनिक के संपर्क में कैसे न आया जाये (Steps to avoid arsenic exposure on family)
चावलों को कई बार धोना (Wash rice several times)
चावल बनाने से पहले उसे बहुत बार अच्छे से धोना चाहिए। चावलों को ज्यादा पानी में उबाला जाये इससे चावलों में आर्सेनिक की मात्रा 30 से 40 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। भूरे चावलों के लिए यह तरीका बहुत कारगर है।
चावल से बनी चाशनी के उत्पादों से सावधान (Be careful of products with rice syrup as sweetener)
आर्सेनिक की हानि, एक नए शोध में पाया गया है की परिष्कृत भोजन, भूरे चावल की चाशनी और खाद्य सामग्रियों के मधुरकों में बहुत ज्यादा मात्रा में आर्सेनिक पाया गया। इसलिए मधुरकों के प्रयोग वाले भोजन को यथा संभव खरीदने से बचना चाहिए।
नारंगी सब्जियों का अधिक प्रयोग (Replace rice cereals with orange vegetables)
सब्जियों और मुलायम फल जैसे एवोकाडो, शकरकंद और केले को चावल के स्थान पर अधिक प्रयोग में लिया जाना चाहिए खासकर जब बात बच्चों की हो।
फलों के रस का सीमित सेवन (Arsenic ke nuksan – Limitation of fruit juices)
एक समय पर फलों के रस को बहुत अच्छा आहार माना जाता था मगर फलों की पैदावार में उपयुक्त कीटनाशकों की वजह से इनमे आर्सेनिक की मात्रा बढ़ गयी है। इसलिए इन्हें दिन में आधा या एक कप ही लिया जाना चाहिए।
गाय के दूध का सेवन (No rice milk as substitute for cow’s milk)
आर्सेनिक के नुक्सान, चावल के दूध के स्थान पर गाय के दूध का सेवन किया जाना चाहिए खासकर नवजातों के लिए।
चावल का सीमित सेवन (Limitation of rice intake)
किसी अन्य अनाज की तुलना में आर्सेनिक चावलों में अधिक पाया जाता है क्योंकि इसकी पैदावार में आर्सेनिक आधारित कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। इसलिए चावलों का सेवन सीमित मात्र में किया जाना चाहिए।
आहार में परिवर्तन (Diet variation – arsenic ke side effect)
अपने आहार में हमेशा परिवर्तन लाते रहना चाहिए जिससे आर्सेनिक के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
पीने के पानी के विषय में जागरूकता (Consciousness about drinking water)
विश्व के कई स्थानों पर पानी में आर्सेनिक की मात्र पाई गयी है। इसलिए पानी ऐसे स्त्रोतों से लिया जाना चाहिए जहाँ का पानी शुद्ध और आर्सेनिक रहित हो।
बच्चों के आहार में चावल को नकारना (Non rice baby cereals)
चावल के स्थान पर बच्चों को दलीया या अन्य आहार दिए जाने चाहिए। ऐसे उत्पादों को खरीदना चाहिए जो प्रचलित हों और जिनमे चावल की मात्रा कम हो। बिना चावल वाले शिशु आहार को अच्छे से दूध में मिलाकर खिलाया जा सकता है।
खाने में स्वीटनर तथा ब्राउन राइस सिरप से परहेज करें (Avoid sweetener in food and brown rice syrup)
जब आप अपने बच्चे के लिए भोजन का चुनाव कर रहे हों तो यह काफी ज़रूरी हो जाता है कि आप कुछ ख़ास खाद्य पदार्थों से परहेज करें। चावल के सिरप से परहेज करें क्योंकि इसमें काफी मात्रा में आर्सेनिक की मात्रा मौजूद हो सकती है। दुग्ध उत्पादों के अलावा अन्य पेय पदार्थ, टॉडलर फार्मूला (toddler formula) तथा स्नैक्स बार (snacks bar) से भी परहेज करें, खासकर तब जब आप अपने बच्चे के खानपान की व्यवस्था कर रहे हों। इसके अलावा डेयरी और सोया (dairy and soy) उत्पादों में काफी मात्रा में आर्सेनिक मौजूद रहता है। पर हाल ही में एक ख़ास तरह का चावल का सिरप खोज निकाला गया है जिसे अच्छी तरह से प्रोसेस्ड करके इसमें से आर्सेनिक को निकाल दिया जाता है। आपको ऐसे उत्पादों की खरीदारी बाज़ार से करते हुए काफी सावधान रहना चाहिए, खासकर तब जब आपका बच्चा काफी छोटा हो।
0 comments:
Post a Comment