Sunday, January 22, 2017

नाक के ऊपर के छिद्रों को बंद करने के उपाय, नोज पोर्स को कैसे बंद करें

नाक के ऊपर काले काले बिन्दुनुमा छिद्र देखने में कभी भी सुंदर नहीं लगते और ये काले बिन्दु नाक के ऊपर कुछ ज़्यादा और जल्दी ही नज़र में आ जाते हैं जो आपकी खूबसूरती को कम करने का काम करते हैं। आप चाहें इन्हें कितना ही नापसंद क्यों न करें लेकिन ये जिद्दी काले पोर्स आपका साथ नहीं छोडते और उपायों के कुछ दिन बाद फिर से वापस आ जाते हैं।

हमारी त्वचा में हर जगह पोर्स या छोटे छोटे छिद्र होते हैं, पर नाक और ठोड़ी के आस पास की जगह में ये ज़्यादा साफ दिखाई देते हैं, जिनका मुख्य कारण पर्यावरण का प्रदूषण और गंदगी है, त्वचा के इन पोर्स में डेड स्किन, धूल मिट्टी के कण और मैल आदि जमा होता रहता है जिसकी वजह से ये रॉम छिद्र बंद हो जाते हैं और इनमें जमा गंदगी काले काले बिन्दु के रूप में उभर आती हैं। इन्न पोर्स का मुख्य काम त्वचा को प्राकृतिक तरीके से तेल या नमी प्रदान करना है जो त्वचा को मुलायम और नैचुरल तरीके से कोमल बनाए रखती है। जब यह पोर्स गंदगी से बंद हो जाते हैं तो त्वचा के अंदर तेल या नमी का प्रवेश भी बंद हो जाता है। तेल न पहुँच पाने की स्थिति में त्वचा में फैलाव उत्पन्न होता है और ये पोर्स पहले से अधिक बड़े और स्पष्ट नज़र आने लगते हैं जो वाकई खराब दिखते हैं।
सबसे अच्छी बात यह है कि, अगर आप नियमित रूप से त्वचा की ठोड़ी देखभाल करें तो इन पोर्स से आप छुटकारा पा सकती हैं। अगर आपके नाक के पोर्स भी बड़े और साफ दिखते हैं तो आप इन्हें कुछ आसान उपायों से आसानी से दूर कर सकती हैं।

भाप के द्वारा नाक के पोर्स को साफ करने के उपाय (Face steaming to unclog nose pores, unclog nose pores at home)

भाप द्वारा चेहरे के किसी भी स्थान के पोर्स को आसानी से खोला जा सकता है, इसके द्वारा पोर्स को खोलकर उसमें जमा गंदगी और मैल इत्यादि बाहर निकल जाते हैं और पोर्स दोबारा सांस लेने में सक्षम हो जाते हैं। नीचे दिये गए इन चरणों के माध्यम से आप पोर्स को अनक्लोग कर सकते हैं।
  • फेशियल स्टिमिंग बंद पोर्स को खोलने का आसान तरीका है। सबसे पहले अपनी त्वचा या चेहरे पर लगा मेकअप निकाल लें। मेकअप उतारने के लिए मेकअप रिमूवर या ऑइल क्लिंजिंग की मदद ली जा सकती है। आप अपनी सहूलियत के अनुसार उत्पाद का चुनाव कर सकते हैं लेकिन इतना ध्यान रहे कि आपकी त्वचा से मेकअप का पूरा अंश निकल चुका हो और किसी भी तरह का कोई हिस्सा आपकी त्वचा में नहीं होना चाहिए।
  • अब गुनगुने पानी के साथ किसी सौम्य फेशियल क्लिंजर का इस्तेमाल करें। अपने चेहरे को गीला कर क्लिंजर की मदद से 1 मिनट तक हल्के हाथों से मसाज करें। मसाज करते वक़्त नाक और ठोड़ी की जगहों पर विशेष ध्यान देते हुये उन जगहों पर ज़्यादा बार मसाज दोहराएँ। 1 मिनट हो जाने के बाद हल्के गरम पानी से चेहरे को धोकर सूखा लें, चेहरे को साफ तौलिये से पोछें और रगड़कर न सुखाएँ।
  • चेहरे पर भाप देने के लिए फेशियल स्टीमर होना ज़रूरी नहीं है बल्कि आप घर पर ही एक मोटे तौलिये और छोड़े मुंह वाले बतरण या पैन के द्वारा ही स्टीम ले सकती हैं। एक बर्तन में पर्याप्त मात्रा में पानी लें और इसे बुलबुले उठते तक उबालें। पैन को आग से हटाकर बाहर रखें। एक मोटा तौलिया लें और इसे अपने सिर के ऊपर रखकर कवर करें। अपना चेहरा पैन से उठ रही भाप की ओर रखें और ऊपर से तौलिया आपके सिर पर ढंका हुआ होना चाहिए ताकि भाप बाहर न निकल जाये और आपके स्किन पर पर्याप्त भाप पड़ सके। ध्यान रखें कि आपका चेहरा गरम पानी की भाप से पर्याप्त दूरी पर हो।
  • 8 से 10 मिनट तक भाप लेने के बाद टॉवल को सिर से हटा लें, इसके बाद अपने चेहरे को सामान्य पानी धोकर साफ करें, इससे चेहरे के पोर्स में जमा गंदगी आदि निकल जाएगी, इसके बाद चेहरे को पोंछ कर ठंडे पानी से दोबारा चेहरा अच्छी तरह साफ कर सुखाएँ।
  • अपने चेहरे को सुखाने के बाद नॉन-अल्कोहल टोनर तुरंत अपने चेहरे पर लगा लें ताकि आपके पोर्स अच्छी तरह बंद हो जाएँ।
  • टोनर लगाने के बाद कोई सौम्य मोश्चराइजर अपनी त्वचा में लगा लें, क्योंकि भाप लेने की प्रक्रिया के दौरान आपको त्वचा की नमी खो जाती है इसी नमी को बनाए रखने के लिए सौम्य मोश्चराइजर लगाना बहुत ज़रूरी होता है।
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मेटाबोलिज्म तेजी से बढ़ाने वाले सुपर फूड्स

जब हम मेटाबोलिज्म शब्द सुनते है तो हम सबसे पहले वजन कम करने के बारें में सोचते है। हम अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुनते है कि अगर मेटाबोलिज्म कम है तो हम आसानी से वजन कम नही कर सकते है। यह एक फैक्ट है कि वजन घटाने के पीछे सबसे मुख्य चीजों में मेटाबोलिज्म शामिल है लेकिन विडंबना यह है कि हम लोग मेटाबोलिज्म में सुधार लाने से अधिक विचार अतरिक्त फैट कब कम होगी के बारें में सोचते है।



वजन कम करने के लिए हम योग जिम और खाने में कटौती सब कुछ करते है लेकिन जब मेटाबोलिज्म की दिशा में सुधार नही होता है तो हमारे यह प्रयास जल्द नतीजे नही देते है जिसकी वजह से हम जिम और योग में लगाव खोने लगते है। हम आप के लिए कुछ खाद्य पदार्थ के बारें में बताने जा रहा है जो मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकते है और इस तरह एक स्लिम बॉडी भी आसानी से प्राप्त हो सकती है।

# 1 साबुत अनाज : साबुत अनाज पोषक तत्वों और कार्बोहाइड्रेट से भरे होते है और ये मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के साथ साथ इंसुलिन के स्तर को स्थिर रखने में भी महत्वपूर्ण हो सकते है। दलिया, भूरे रंग के चावल आपकी बॉडी को बहुत सी उर्जा बिना ब्लड शुगर का लेवल बढाएं देते है। इस प्रकार मेटाबोलिज्म बढ़ाने के लिए साबुत अनाज एक आदर्श भोजन है।

# 2 ग्रीन टी : ग्रीन टी में वसा को जलाने वाले तत्व एपीगैलोकैटेचिन गैलेट होता है और यह वसा को कम करने की प्रक्रिया को बढ़ाता है। पीने के बाद यह अस्थायी रूप से मेटाबोलिज्म गति को तेज करता है। अगर आप फ्रिज में ठंडी ग्रीन टी का एक जार रखते है और दिन में 4-5 कप का सेवन करते है तो एक दिन में 70 अतिरिक्त कैलोरी तक कम करने में मदद मिल सकती है।

# 3 काली मिर्च : कई तरह के शोधो से यह तथ्य सामने आ गया है कि काली मिर्च की गर्मी से मेटाबोलिज्म को बढ़ाया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि ऊर्जा को जलाने और गर्मी बनाने के लिए काली मिर्च बॉडी को अच्छा प्रोत्साहित करती है। भूख बढ़ाने के साथ साथ यह कब्ज और पेट के कीड़े खत्म करने में भी बहुत उपयोगी है। बेहतरीन परिणाम के लिए आप इस एंटी-ऑक्सिडेंट्स का प्रयोग नियमित रूप से मसालों में शामिल करके कर सकते है।

# 4 कॉफी : कैफीन मन और शरीर में ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है और इसका एक परिणाम हमारी मेटाबोलिज्म दर पर भी पड़ता है। कैफीन द्वारा शोर्ट टर्म रूप से मेटाबोलिज्म में वृद्धि प्राप्त की जा सकती है लेकिन बहुत ज्यादा कैफीन शरीर के लिए हानिकारक है इस लिए अधिकतम 2 या 3 कप तक ही आपको सिमित रहना चाहिए।

वैसे अगर कॉफी का उचित उपयोग किया जाएं तो एक कप कॉफी से 75-110 कैलोरी जलाई जा सकती है। चीनी से भरे इस कप को ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए हमेशा पसंद किया जाता रहा है।

# 5 पालक : हरी पत्तेदार सब्जियों को ऊर्जा बूस्टर कहा जाएं तो गलत नही होगा। पालक को मेटाबोलिज्म बढ़ावा देने के लिए उच्चतम श्रेणी में रखा जाता है। पालक में उच्च फाइबर सामग्री होती है और इसके उपभोग से प्रति दिन 30% तक वसा को जलाने के दर में वृद्धि होती है। पालक भी लोहा भी मौजूद होता है जो मेटाबोलिज्म दर को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण तत्व है। पालक बॉडी को स्वस्थ खून प्रदान करता है इसलिए मेटाबोलिज्म दर बढ़ाने में आसानी होती है।

अब आपके पास उन खाद्य पदार्थो को लिस्ट है जो आपके मेटाबोलिज्म तेज करने में आपकी मदद कर सकते है इसलिए अब लंबे समय तक इंतजार करना छोड़ कर अपने रसोई घर के अंदर जा कर जल्द से जल्द मेटाबोलिज्म में सुधार का कार्य शुरू कर दें।
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Friday, January 13, 2017

2 हफ़्तों में दूर करें झुर्रियां

प्रदूषण, धूल-मिट्‌टी, तनाव, धूप और दौड़भाग न जाने कितनी चीजों का सामना हमारी त्वचा को प्रतिदिन करना पड़ता है। ऐसे में समय रहते उचित देखभाल न करने से उम्र के पहले ही चेहरे पर झुर्रियों पड़ जाती हैं। चिरयुवा बने रहने तथा सौंदर्य कायम रखने में सबसे बड़ी बाधा हैं झुर्रियों की समस्या। बढ़ती उम्र के निशान सबसे पहले चहरे पर ही नजर आते हैं। यदि त्वचा की उचित तरीके से देखभाल की जाए तो वर्षो तक चेहरा स्निग्ध व कमनीय बना रहेगा।



नैसर्गिक रूप से महिलायें अपने सौंदर्य के प्रति सचेत रहती हैं, कभी-कभी असमय ही झाईयां-झुरियां होने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। आमतौर पर झुर्रियां बढ़ती उम्र की निशानी मानी जाती है लेकिन जिस तरह से हमारे खानपान व जीवनशैली में बदलाव आया है, उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लगी है। झुर्रियां अक्सर शरीर के भागों में होती हैं जो अक्सर खुला, नाजुक और कोमल रहता है।

कैसे पड़ती है झुर्रियां
झुर्रियों का प्रमुख कारण त्वचा की खुश्की है। त्वचा की प्राकृतिक चिकनाई होने लगती है। जिसके कारण त्वचा और आंखों के आसपास लकीरें होने लगती है। क्रोध, चिंता, शोध, झुंझलाहट, तनाव आदि का असर त्वचा पर पड़ता है। तनावयुक्त रहने पर हमारे माथे पर सलवटें पड़ती है जिससे वहां की त्वचा में ढीलापन आकर त्वचा लटक जाती है और झुर्रियां पड़ने लगती है।

अधिक धूप आंतरिक त्वचा के लिये नुकसानदायक है। तीव्र धूप त्वचा की स्कीन को सोखकर उसे सिकोड़ देती है जो अंखों के नीचे झुर्रियों का कारण होते हैं। ठंड के प्रकोप से भी त्वचा कठोर हो जाती है और झुर्रियां नजर आने लगती है।

साबुन में मौजूद कॉस्टिक सोडा त्वचा के रहे- सहे तेल को भी सोख लेता है। जिससे कम उम्र में ही हमारे चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लगती हैं। कॉस्मेटिक का अधिक उपयोग भी त्वचा के लिए हानिकारक है।

कॉस्मेटिक्स त्वचा के भीतर जाकर उसके रोमछिद्रों को अवरूद्ध कर देते है। जिससे त्वचा की सही तरीके से सफाई नहीं हो पाती और धीरे-धीरे हमारे चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लगती है।

कहां होती है झुर्रियां

झुर्रियां अक्सर हमारे चेहरे और गर्दन पर होती है। चूँकि ये शरीर के वे भाग हैं, जो सबसे ज्यादा धूप व बाहरी वायु के सम्पर्क में होते है। आंखों के नीचे से शुरू होकर झुर्रियां गर्दन के आसपास भी होने लगती है।

झुर्रियों से बचाव तथा उपचार

झुर्रियों से मुक्ति पाने का एकमात्र व सर्वश्रेष्ठ उपाय है, इससे बचाव। झुर्रियों से त्वचा को बचाने के लिए हमें अपने खानपान व जीवनशैली पर विशेष ध्यान देना होगा।


  • * प्रोटीन तथा तैलीय तत्वों से युक्त भोजन लें, किन्तु वह गरिष्ठ न हो इसका भी ध्यान रखें। बादाम, गाजर व आंवले का सेवन अत्यंत लाभप्रद है।
  • *नियमित व्यायाम करें। योग अभ्यास से भी त्वचा कसावदार व कांतिपूर्ण होती है।
  • *त्वचा को रूखा न रहने दें मलाई या माइश्चराइजर का प्रयोग करें। चेहरे के लिए हमेशा ग्लिसरीनयुक्त साबुन का प्रयोग करें।
  • * नियमित रूप से चेहरे की मालिश झुर्रियां रोकने में सहायक है।
  • * तनाव चिंता से दूर रहें दैनिक व्यवहार में सौम्य व प्रसन्न रहें।
  • * पानी भरपूर पिएं।


झुर्रियां समाप्त करने के नुस्खे

  • *कच्चे दूध से चेहरा साफ करने तथा फेस पैक में शहद और संतरे का रस मिलाकर लगाने से त्वचा में निखार आता है।
  • *नीम, पुदीना, तुलसी की पत्ती का पाउडर और मेथी पाउडर एंटीसेप्टिक का काम करता है।
  • लाल चंदन शीतलता और चिकनाहट प्रदान करता है।
  • * टमाटर और नीबू का रस मिलाकर शरीर पर लगाएं। नहाते समय इस लेप को रगड़कर छुड़ा दें। कुछ सप्ताह तक ऐसा करने से त्वचा कोमल हो जाती है।
  • *शहद में मलाई और नीबू का रस मिलाकर अच्छी तरह मिक्स कर चेहरे व आंखों के नीचे लगाएं। इससे आंखों के नीचे का कालापन दूर होकर झुर्रियां समाप्त होती है।
  • * मूली कसकर रस निकालें व समान मात्रा में मक्खन मिलाकर चेहरे व गर्दन पर लगाएं, एक घण्टे बाद कुनकुने पानी से धो लें।
  • * गरम पानी में संतरे के छिलके डाल दें, रात भर पड़ा रहने दें। सुबह इसी पानी से चेहरा धोएं । ऐसा करने से त्वचा में कसाव आता है।
  • *पपीते का गुदा मसलकर चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद चेहरा साफ कर लें। कुछ दिन लगातार ऐसा करने से झुर्रियों से मुक्ति मिलती है।
  • *आधा चम्मच मलाई में नींबू की चार- पांच बूंदे मिलाकर सोने से पहले चेहरे पर अच्छी तरह मलें। दोनों हाथों से मलाई तब तक मलते रहें जब तक कि मलाई घुलकर त्वचा में एकसार न हो जाए।
  • *खीरे को कद्दूकस कर चेहरे पर लगाने से त्वचा कांतिमय होती है।
  • *त्वचा की झुर्रियां मिटाने के लिए गाजर, टमाटर और चुकंदर का रस नियमित पिएं।
  • * ई और ओ बोलते हुये एक बार चेहरे को फैलाएं और फिर सिकोड़ें। इससे गालों का अच्छा व्यायाम होता है। जिसमें गालों की पुष्टि होती है और झुर्रियों से बचाव।
  • * त्वचा पर बढ़ती झुर्रियां समय से पहले आपकी आयु बढ़ा देती हैं। इन्हें छिपाने के लिए लोग भांति भांति के कास्मेटिक्स प्रयोग करते हैं किन्तु मुख्य सफलता इन्हें छिपाने के बजाए हटाने में है।
  • *हल्दी शहद पेस्टः हल्दी में शहद मिलाकर पेस्ट बना लें और उसे गले और चेहरे पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद इसे पानी से धो लें।
  • * चावल के आटे का पेस्टः एक कप चावल के आटे में दूध और गुलाब जल मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे, गले और माथे पर लगाएं और 20 मिनट तक छोड़ दें और फिर पानी से धो लें।
  • *चंदन पाउडरः छाछ पाउडर न केवल त्वचा से झुर्रियां हटाने में सहायक है बल्कि चेहरे से मुंहासो को भी दूर करता है। चंदन पाउडर में गुलाब जल डालकर चेहरे पर लगाएं और 7-10 मिनट बाद पानी से धो लें।
  • *दूध, टमाटर और हल्दी पेस्टः कच्चे दूध में टमाटर की प्योरी, चावल का आटा और हल्दी पाउडर मिलाकर पेस्ट बना लें और चेहरे पर लगाएं। थोड़ी देर प्रतीक्षा करें और सूखने के बाद नर्म हाथों से अच्छी तरह धोएं। इससे त्वचा टाइट रहती है।
  • *टमाटर और हल्दी पेस्ट में छाछ या गन्ने का रस मिलाकर लगाने से झुर्रिया तो कम होती ही हैं झाईं भी दूर होती हैं।
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मुंह के छालों से लेकर एचआईवि तक लाभकारी केला, जाने ऐसे 8 तथ्य

केले के बारे में दुनिया जानती है। किसी शहर या कस्बे का कोई भी बाजार ऐसा नहीं जहां केला बिकते हुए ना मिलें। घर-घर में पसंद किया जाने वाला केला 10 हजार साल से हमारे जीवन का हिस्सा है और आने वाले सैकड़ों हजारों सालों तक इस फल को हम सराहते रहेंगे। महज एक फल के तौर पर जाने वाले केले के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इसके पौधे में औषधीय गुणों का खज़ाना है। चलिए आज जानते हैं आधुनिक औषधि विज्ञान जगत ने केले के किन-किन गुणों को क्लिनिकल तौर पर प्रमाणित किया है। क्या सिर्फ स्टार्च से भरपूर होने के अलावा केले में और भी कुछ है जो आम तौर पर ज्यादा लोगों को नहीं पता?


मुंह के छाले ठीक करता है
कई आर्टिफिसल और केमिकल्स वाली दवाएं जैसे एस्पिरिन, इण्डोमेथासिन, सिस्टियामाइन, हिस्टामाइन आदि के सेवन के बाद कई लोगों को मुंह में छाले आ जाते हैं। आधुनिक शोधों से जानकारी मिलती है कि कच्चे केले को सुखाकर चूर्ण बना लिया जाए और इस चूर्ण को चाटा जाए, तो मुंह के छालों को ठीक कर देता है।

पथरी बाहर निकालता है
केले के तने का रस पथरी में बेहद कारगर है। एक शोध के अनुसार केले के तने का रस किडनी में होने वाली पथरी, खास तौर से ओक्सालेट की बनी पथरी को तोड़कर पेशाब मार्ग से बाहर निकाल देता है।
एचआईवी कंट्रोल करता है
अनेक शोधों के परिणामों पर नजर डाली जाए, तो जानकारी मिलती है कि केले में वायरस नियंत्रण के जबरदस्त गुण होते हैं। कुछ शोध तो इसे MRSA और HIV के नियंत्रण तक के लिए उपयोगी मानते हैं।

नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायक
शोधों से यह भी जानकारी मिलती है कि केले का चूर्ण ना सिर्फ छालों की जगहों पर नई कोशिकाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करता है, बल्कि इसमें पाया जाने वाला फ़्लेवेनोयड ल्युकोसायनायडिन अल्सर (छाले) बनाने वाले अल्सरोजेन को भी रोकता है।

टाइप 1 डायबिटीज़ के रोगियों के लिए फायदेमंद
केले के फूल टाइप 1 डायबिटीज़ के रोगियों के लिए कारगर उपाय है। अनेक शोधों के जरिए यह निष्कर्ष निकाला गया है कि इसके फूल का रस तैयार करके टाइप 1 डायबिटीज रोगियों को दिया जाए, तो यह रक्त में शर्करा की मात्रा कम करने में मदद करता है।

डायबिटीज़ नियंत्रण करता है
केले की जडों और कच्चे केले में भी डायबिटीज़ नियंत्रण के लिए जबरदस्त गुण होते हैं। अनेक वैज्ञानिकों ने केले के पौधे के इन हिस्सों को डायबिटीज़ नियंत्रण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली औषधि ग्लिबेनक्लेमाईड के समान पाया है।

त्वचा रोगों को ठीक करता है
कई क्लिनिकल स्टडीज़ से यह भी ज्ञात हुआ है कि केले की पत्तियां त्वचा पर होने वाले खतरनाक बैक्टीरियल इन्फेक्शन्स को रोकने के लिए कारगर साबित हुई हैं। पत्तियों का रस अनेक तरह के त्वचा विकारों को दूर करने में सक्षम है।

दस्त रोकता है
ताजा हरा केला दस्तरोधी होता है। केला पकने से पहले जब हरा होता है, तो इसमें ऐसे स्टार्च पाए जाते हैं जो दस्त रोकने में मदद करते हैं। बांग्लादेश के देहाती इलाकों में आज भी नवजात शिशुओं को दस्त होने पर कच्चे केले को कुचलकर चटाते हैं।

टेस्टोस्टेरोन को सक्रिय नहीं होने देता
केले का छिलका प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि को रोकता है। टेस्टोस्टेरोन की वजह से अक्सर प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है और अनेक शोध बताती हैं कि केले का छिलका टेस्टोस्टेरोन को सक्रिय नहीं होने देता।
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इन 7 घरेलु चीजों से दूर करें अंडर आर्म की डार्कनेस

लड़कियां स्लीवलेस कपड़े पहना बेहद पसंद करती हैं, लेकिन अंडरआर्म की डार्कनेस उन्हें ऐसा करने से कई बार रोक देती है। इसकी वजह से शादी-पार्टी में उनको अपना मन मार कर फुल स्लिव कपड़े पहनने पड़ते हैं। इस आर्टिकल में हम लड़कियों को अंडरआर्म की डार्कनेस दूर करने के कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं।


नींबू

नीबू के छिलके से अंडरआर्म की डार्कनेस दूर होती है।10 से 15 मिनट तक अंडरआर्म पर नींबू के छिलके से मसाज करें और उसके बाद ठंडे पानी से धो लें। 2-3 दिन तक लगातार ऐसा करते रहें। इसके बाद आपको फर्क खुद महसूस होने लगेगा। आप नींबू के साथ चीनी मिक्‍स कर भी मसाज कर सकती हैं।

चीनी

डार्क रंग की स्किन से छुटकारा पाने के लिये चीनी और पानी का यूज करें। इसके मिश्रण को अंडरआर्म पर लगाएं। आप चाहें तो दिन में दो बार इस मिश्रण को अंडरआर्म पर लगा सकती हैं। इससे अंडरआर्म की डार्कनेस दूर होने लगती है और स्किन में चमक आती है।

बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा और पानी के पेस्‍ट से अंडरआर्म की मसाज करें। इससे अंडरआर्म की डार्कनेस हल्की पड़ती है और स्किन चमकने लगती है। जल्दी रिजल्ट के लिए बेकिंग सोडा के साथ गुलाब जल का यूज करें।

दूध
दूध के साथ केसर का पेस्ट बनाकर उसे अंडरआर्म पर लगाने से वहां की डार्कनेस खत्म हो जाती है।

नारियल
नारियल तेल से अंडर आर्म की मसाज करें। आप इसके साथ नींबू का रस और दही भी मिक्‍स कर सकती हैं। इससे अंडरआर्म की डार्कनेस हल्की पड़ती है और स्किन में ग्लो आती है।

बेसन का पेस्ट:-
अंडरआर्म पर लगाने के लिए बेसन, दही और नींबू का पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को एक-दो दिन तक लगातार अंडरआर्म पर लगाएं डार्कनेस खत्म हो जाएगी। ध्यान रखें कि पेस्ट लगाने के कुछ देर बाद उसे ठंडे पानी से धो लें।

आलू
आलू एक प्राकृतिक ब्‍लीचिंग एजेंट है। इससे अंडर आर्म का रंग हल्‍का हो जाता है।आलू की स्‍लाइस काट कर उसे दिन में दो बार 5 मिनट के लिये मसाज करें और अंडर आर्म को सफेद बनाएं।
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जाने उच्च रक्त चाप के लक्षण,प्रभाव एवम अचूक आयुर्वेदिक उपचार

क्या है उच्च रक्त चाप-

रक्तचाप धमनी की दीवारों पर लागू होने वाले बल का माप होता है। आजकल बदलती जीवनशैली और अनियमित दिनचर्या की वजह से हर इंसान पर किसी न किसी तरह का तनाव पाया जाता है और इस तनाव की वजह से धमनियों में बहने वाला रक्त अधिक या कम बल से बहने लगता है और रक्तचाप की समस्या का रूप ले लेता है।

ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए (लो, हाई)?
– – आदर्श ब्लड प्रेशर 12०/6० याने ऊंचे में 12० और नीचे में 6० होना चाहिए। युवा वर्ग में अक्सर डायस्टोलिक प्रेशर बढा हुआ पाया जाता है जबकि अधिक उम्र के लोगों में सिस्टोलिक प्रेशर ज्यादा देखने में आता है।
– रक्तचाप की समस्या आजकल तेजी से सामने आ रही है। भारत की लगभग 30 प्रतिशत शहरी आबादी इस रोग की चपेट में बताई गई है।
– जबकि 10 से 12 प्रतिशत ग्रामीण इस रोग से पीडित हैं। चिकित्सा विज्ञानं में निम्न रक्त चाप की तुलना में उच्च रक्त चाप ज्यादा नुकसानदेह बताया गया है।रक्तचाप की वजह से लकवा,हार्ट अटैक,किडनी के रोग, हृदय सम्बन्धी विकार और नाड़ी मंडल की तकलीफे आदि रोग होने लगते है। रक्त चाप के अधिकतम दवाब को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं। जबकि कम से कम दाब को डायस्टोलिक प्रेशर कहते हैं।

उच्च रक्त चाप की मुख्य कारण


  •     खानपान में अधिक नमक का सेवन
  •    मोटापा
  •     डायबिटीज या मधुमेह
  •     तनाव
  •     जेनेटिक फैक्टर्स
  •     महिलाओं में हार्मोन परिवर्तन



उच्च रक्तचाप के लक्षण


  • चक्कर आना
  • जी घबराना
  • उल्टी या मितलाई
  • चलते समय आँखों के सामने अँधेरा छाना
  • दौरा पड़कर मुँह टेढ़ा हो जाना
  • हृदय दर्द होना
  • सांस लेने में परेशानी आना
  • तेज सिर दर्द

 उच्च रक्त चाप के कारण होने वाले कुछ संभावित प्रभाव
स्ट्रोक
उच्च रक्त चाप स्ट्रोक का जोखिम पैदा करता है। इसके कारण मस्तिष्क की कोई कमजोर नस फट सकती है, इससे मस्तिष्क में रक्त स्त्राव हो सकता है, इसे स्ट्रोक कहते हैं।
आंखों पर प्रभाव
उच्च रक्त चाप के कारण आंख की रक्त वाहिकाएं फट सकती हैं या उनमें रक्त स्त्राव हो सकता है। इससे नजर धुंधली हो सकती है या दिखना काफी कम हो जाता है, जिससे अंधापन भी हो सकता है।
किडनी में प्रॉब्लम
किडनी हमारे शरीर में से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालती है। उच्च रक्त चाप के कारण किडनी की रक्त वाहिकाएं संकरी और मोटी हो सकती है। इससे किडनी अपना काम ठीक से नहीं कर पाती और खून में अपशिष्ट पदार्थ जमा होने लगते हैं।
हार्ट अटैक
उच्च रक्त चाप हार्ट अटैक के सिलसिले में काफी बड़ा जोखिम खड़ा करता है। अगर ह्वदय को संकरी या सख्त हो चुकी रक्त वाहिकाओं के कारण पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती तो छाती में दर्द या एन्जाइना हो सकता है। अगर खून का बहाव रूक जाए तो हार्ट अटैक हो सकता है।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर
उच्च रक्त चाप के कारण कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का खतरा रहता है। ये एक गंभीर दशा है, जिसमें ह्वदय धड़कते-धड़कते इतना थक जाता है कि ये शरीर की जरूरतों के मुताबिक पर्याप्त खून पम्प नहीं कर पाता।
वस्क्युलर डिमेंशिया
इसके कारण समय बीतते-बीतते, मस्तिष्क को खून की आपूर्ति और कम होती जाती है और व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति घटती जाती है।
पैरिफेरल ब्लड वैसल डिजीज
पैरों तक खून का बहाव प्रभावित होता है, जिससे दर्द तथा अन्य समस्याएं हो सकती हैं, कभी-कभी गैंगरीन भी हो जाता है।

उच्च रक्त चाप का सरल आयुर्वेदिक उपचार

शहद और आंवला –
1 बडा चम्मच आंवले  का रस और इतना ही शहद मिला कर  सुबह खाली  पेट  लेने से रक्तचाप  की समस्या से काफी हद तक निजात मिल जाती है।

 काली मिर्च-
आधा  गिलास गरम पानी में  1 चम्मच  काली मिर्च पाउडर मिलकर पीने से बढ़ा हुआ रक्तचाप  कुछ ही समय में सामान्य हो जाता है।

नींबू का रस-
रक्तचाप नियंत्रण करने के लिए थोड़ी थोड़ी देर में निम्बू पानी पीते रहे,आराम मिलेगा।

हरी घास पर सैर –
हर रोज नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट चले । इससे रक्तचाप नियंत्रण में रहेगा।

एक गिलास ठंडा पानी –
नहाकर प्रतिदिन एक गिलास ठंडा पानी पीने से रक्त चाप सही रहता है।

पालक और गाजर –
पालक और गाजर का रस बनाकर सुबह खाली पेट लेने से आपको काफी फायदा होगा।
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सफ़ेद बालों से छुटकारा इन आयुर्वेदिक तरीकों से

वैसे देखा जाए तो बढ़ती उम्र के साथ-साथ बालों का सफेद होना आम बात है, लेकिन समय से पहले बालों का सफेद हो जाना एक प्रकार का रोग है।बालों का सफेद होना एक चिंता का विषय है और विशेषकर महिलाओं के लिए। यदि बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं तो व्यक्ति की चेहरे की सुन्दरता अच्छी नहीं लगती है। इसलिए बालों के सफेद होने पर इसका इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से किया जा सकता है।



बालों के सफेद होने का कारण


  • असंतुलित भोजन तथा भोजन में विटामिन `बी´, लोहतत्व, तांबा और आयोडीन की कमी होने के कारण बाल सफेद हो जाते हैं।
  • मानसिक चिंता करने के कारण भी बाल सफेद होने लगते हैं।
  • सिर की सही तरीके से सफाई न करने के कारण भी व्यक्ति के बाल सफेद होने लगते हैं।
  • कई प्रकार के रोग जैसे- साईनस, पुरानी कब्ज, रक्त का सही संचारण न होना आदि के कारण बाल सफेद हो सकते हैं।
  • रसायनयुक्त शैम्पू, साबुन, तेलों का उपयोग करने के कारण भी बाल सफेद हो सकते हैं।
  • अच्छी या पूरी नींद न लेने के कारण भी बाल सफेद हो सकते हैं।
  • बालों को सही तरीके से पोषण न मिलने के कारण भी ये सफेद हो जाते हैं।
  • अधिक क्रोध, चिंता और श्रम करने पर उत्पन्न हुई गर्मी और पित्त सिर की नाड़ियों तक पहुंचकर बालों को रूखा-सूखा तथा सफेद कर देती हैं।
  • अनियमित खान-पान तथा दूषित आचार-विचार के कारण भी बाल सफेद हो जाते हैं।

बालों के सफेद होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार


  • रोगी को गाजर, पालक, आंवले का रस अधिक मात्रा में पीना चाहिए।
  • रोगी व्यक्ति को काले तिल तथा सोयाबीन का दूध पीना चाहिए।
  • इस रोग से बचने के लिए व्यक्ति को बादाम तथा अखरोट का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
  • गाय का घी खाने में प्रयोग करने से व्यक्ति के बाल जल्दी सफेद नहीं होते हैं तथा सफेद बालों की समस्या भी दूर हो जाती है।
  • आंवला, ब्राह्मी तथा भृंगराज को आपस में मिलाकर पीस लें। फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में फूलने के लिए रख दें। सुबह के समय इसको मसलकर लेप बना लें फिर इसके बाद 15 मिनट तक इसे बालों में लगाएं। इस प्रकार से उपचार सप्ताह में 2 बार करने से बाल सफेद होना बंद होकर कुदरती काले हो जाते हैं।
  • गुड़हल के फूल तथा पोदीने की पत्तियों को एकसाथ पीसकर थोड़े से पानी में मिलाकर लेप बना लें। फिर इस लेप को अपने बालों पर सप्ताह में कम से कम दो बार आधे घण्टे के लिए लगाएं। ऐसा करने से सफेद बाल काले होने लगते हैं।
  • चुकन्दर के पत्तों का लगभग 80 मिलीलीटर रस सरसों के 150 मिलीलीटर तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। फिर जब पत्तों का रस सूख जाए, तो आग पर से उतार लें। फिर इसे ठंडा करके छानकर बोतल में भर लें। इस तेल से प्रतिदिन सिर की मालिश करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं और समय से पहले सफेद नहीं होते हैं। इससे बालों की कई प्रकार की समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
  • बादाम के तेल तथा आंवले के रस को बराबर मात्रा में मिला लें। इस तेल से रात को सोते समय सिर की मालिश करने से बाल सफेद होना बंद हो जाते हैं।
  • रात के समय तुलसी के पत्तों को पीसकर और इसमें आंवले का चूर्ण मिलाकर पानी में भिगोने के लिए रख दें। सुबह के समय में इस पानी को छानकर इससे सिर को धो लें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में सफेद बाल काले हो जाते हैं।
  • आंवले के चूर्ण को नींबू के रस में मिलाकर बालों में लगाने से बाल काले, घने तथा मजबूत हो जाते हैं।
  • कई प्रकार के योगासन (सर्वांगासन, मत्स्यासन, शवासन तथा योगनिद्रा) प्रतिदिन करने से रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है और उसके बाल सफेद होना रुक जाते हैं।
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इन आयुर्वेदिक तरीकों से बढ़ाएं आँखों की रौशनी




  • सुबह उठकर मुह मे पानी भरकर  आँखें खोलकर साफ पानी के छींटे  आँखों मे मरने चाहिए इससे  आँखों की नजर बढ़ती है|
  • बालों पर रंग ,हैयर डाई और केमिकल शेम्पू लगाने से परहेज करें|  ये चीजें आँखों की रोशनी घटाती हैं|
  • सुबह खाली पेट आधा चम्मच मक्खन आधा चम्मच  पीसी हुई मिश्री  और 5 पीसी हुई काली मिर्च मिलाकर चाट लें|  तत्पशचात कच्चे नारियल की गिरी के 2-3 टुकड़े भली भांति चबाकर  खाएं|  फिर थौड़ी  सी सौंफ चबाकर खाएं| 2-3 माह तक यह उपाय करने से दृष्टि  तेज हो जाती है|
  • रात को एक चम्मच त्रिफला चूर्ण  एक गिलास पानी डालें| सुबह उठकर छानकर  इस पानी से  आँखें धोएँ|  इससे नेत्र ज्योति  बढ़ती है | और आँखों के कई रोग नष्ट होते हैं|
  • सरसों के तेल से पैरों के तलवों की मालिश करना चाहिए|  नहाने से 15 मिनिट पहिले पेरों के अँगूठों को सरसो के तेल  मे  तर कर लें |  आँखों की ज्योति लंबे समय तक कायम रखने मे मददगार उपाय है|
  • 10 ग्राम छोटी हरी ईलायची ,20 ग्राम सौंफ के मिश्रण को  महीन पीसकर काँच की शीशी मे भर लें| एक चम्मच मिश्रण दूध के साथ लेते रहने से नजर तेज हो जाती है|
  • अंगूर नियमित रूप से खाएं | इससे रात मे देखने की शक्ति बढ़ती है|
  • एक चम्मच त्रिफला चूर्ण,एक चम्मच शहद  और दो चम्मच गाय के घी को भली प्रकार मिश्रित  करें  इसे रात को सोते वक्त चाट लें| इससे नेत्र रोग दूर होते हैं,नजर तेज होती है और शारीरिक कमजोरी  मे भी लाभदायक है|
  • एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण,एक चम्मच शहद  आधा चम्मच देसी घी  को भली प्रकार मिश्रित कर  एक पाव दूध के साथ सुबह शाम 3  माह तक सेवन करने से  दृष्टि  तेज होती है|
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इस आयुर्वेदिक फेस पैक से लाये चेहरे पर रौनक

कौन गोरा नहीं होना चाहता है? शायद आपका जवाब होगा, हर कोई। और यह सच भी है। अगर आप प्राकृतिक रूप से गोरे हैं, तो आपको इसके लिए कुछ नहीं करना। लेकिन, अगर आपका रंग साँवला है या गेहूँआ है, तो आप ज़रूर चाहेंगे कि आपका रंग थोड़ा निखर जाए।



तो चलिए हम आपको गोरे होने के कुछ नुस्खे बताते हैं। ये आसान भी हैं और इनसे कोई नुकसान भी नहीं होता है।



शहद और टमाटर का रस

शहद आपके चेहरे पर प्राकृतिक निखार लाता है। ये ख़ासतौर से उन लोगों के लिए बहुत अच्छा होता है जिनकी त्वचा सूखी होती है।टमाटर का रस भी आपके रंग को गोरा करता है। इसके लिए टमाटर को पीसकर या हाथों से निचोड़कर 3-4 चम्मच रस निकाल लें। इसमें एक चम्मच शहद अच्छी तरह मिला लें। कोशिश करें कि शहद शुद्ध हो। अगर आपको अंडे से परहेज़ नहीं है, तो इस पैक में अंडे की सफ़ेदी भी मिला सकते हैं। ये भी चेहरे की सफ़ाई करने के लिए और गोरा करने के लिए कारगर होता है।

पैक को अच्छी तरह मिक्स करके चेहरे पर लगा लें। इसे 20-30 मिनट बाद धो लें।

खीरा और नींबू

अपना रंग निखारने के लिए खीरे और नींबू के रस का इस्तेमाल करें। ये दोनों ही गहरे रंग को हल्का करते हैं और आपके चेहरे पर निखार लाते हैं। इसके लिए खीरे को मिक्सर में पीसकर उसे छान लें। आपके पास लगभग 2 चम्मच खीरे का रस होना चाहिए। फिर इसमें 2 चम्मच नींबू का रस मिला लें। अगर आप चाहें, तो इसमें कुछ बूँदे गुलाब जल (rose water) भी डाल सकते हैं। गुलाब जल भी रंग निखारने के बहुत काम आता है।
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