ऐसी महिलाएं जो अभी अभी माँ बनी हैं, स्तनपान (breastfeeding) के दौरान उनका आहार (diet) अतिरिक्त रूप से सेहतमंद और पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। इस समय वो स्तनपान के द्वारा अपने शिशु को पोषण देने का कम करती है, इसीलिए उसके शरीर में इस कमी की पूर्ति बहुत ज़रूरी है, अगर ऐसा न किया जाये तो माँ का शरीर कई प्रकार की कमियों की वजह से समस्याओं से घिर सकता है, ये समस्याएँ शरीर में अन्य प्रकार की कमियों द्वारा किसी रोग का रूप ले सकती है। आपको एक सिरे से इन स्वस्थ आहार की पूरी श्रंखला के बारे में जानकारी लेनी चाहिए ताकि स्तनपान के दौरान भी बच्चा और माँ दोनों ही शारीरिक रूप से सेहतमंद रहें और साथ ही बिमारियों से भी दूर रहें। शिशुरोग चिकित्सक और न्यूट्रीशियन दूध पिलाने वाली माताओं के लिए आहार में लिए जाने वाले भोजन की एक पूरी सूची बनाते हैं जिनका प्रसव के बाद गंभीरता से पालन किए जाने की सलाह दी जाती है। अक्सर देखा गया है की नई माताएँ (new mother) बच्चे के जन्म के बाद की सेहत और खानपान से जुड़ी छोटी छोटी बातों से पूरी तरह अनभिज्ञ रहती हैं, उन्हें कई मामलों के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं होती। उन्हें इस बात का भी अंदाजा नहीं होता की शिशु को स्तनपान कराने के दौरान उनके शरीर पर इसका क्या और कितना प्रभाव पड़ रहा है? इस समय नई माताओं को तरल पेय और हेल्दी ड्रिंक्स जैसे जूस आदि का ज़्यादा से ज़्यादा सेवन करना चाहिए। जितना हो सके उतना मिर्च मसालेदार भोजन से दूर रहना बेहतर होता है। स्तनपान कराने के दौरान कुछ महीनों तक मिर्च मसालेदार खाना न खाएं।
अगर माँ स्वस्थ होगी तो शिशु की सेहत भी अपने आप भी बेहतर रहेगी। इस तरह सेहतमंद रहकर आप स्तनपान द्वारा अपने आप को भी कई तरह से स्वस्थ रख सकती हैं। अपने शिशु को पर्याप्त मात्रा में स्तनपान कराएं ताकि यह भूखा न रहे। माँ को हमेशा सेहतमंद आहार के साथ पर्याप्त मात्रा में सभी प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स का सेवन करना चाहिए। यह सभी चीज़ें शिशु और माता दोनों के लिए ही ज़रूरी है।
सेहत के साथ स्तनपान के लिए सही आहार (Healthy diet for breast feeding with health)
स्तनपान कराते समय लें संतुलित आहार (Balanced diet for healthy breastfeeding in Hindi)
स्तनपान कराने वाली माँ को भोजन के साथ सभी प्रकार के पोषक तत्वों का सेवन करना ज़रूरी होता है। संतुलित आहार में सभी प्रकार के प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट्स, आयरन और सेहत के लिए ज़रूरी वसा आदि मौजूद होने चाहिए। यह एक संतुलित आहार के लिए बहुत आवश्यक बातें हैं जिसे चिकित्सक भी सलाह के रूप में या आहार सूची के साथ देते हैं। कई माताएँ अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत लापरवाह होती हैं और सही मात्रा में पर्याप्त पोषण नहीं लेती। पर उन्हें यह मालूम होना चाहिए की इस बात का उनके व शिशु के शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। जब आप बच्चे को दूध पिलाती हैं तो आपके शरीर की बहुत सी ऊर्जा और ताकत शरीर से बाहर चला जाता है संतुलित आहार के द्वारा इसकी पूर्ति आवश्यक होती है। भोजन के साथ आवश्यक पोषक तत्वों को लेना बहुत ज़रूरी है साथ ही अगर आप अपनी ऊर्जा में कमी महसूस करें तो आपको दिन में कई कई थोड़ा थोड़ा आहार लेना चाहिए।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सालमान मछली (Salmon for breast feeding mother)
जैसे ही बच्चे का जन्म होता है माँ के ऊपर कई तरह की जिम्मेदारियाँ आ जाती हैं। सबसे पहली ज़िम्मेदारी अपनी सेहत का ध्यान रखने की होती है। जब आप बच्चे को दूध पिला रही हैं तो आपके शरीर में भी पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए और इन पोषक तत्वों की कमी शरीर में नहीं होनी चाहिए। इसके लियी आपको सही मात्रा में सेहतमंद भोजन के द्वारा अपने शरीर को स्वस्थ रखने की ज़रूरत पड़ती है। प्रसव के बाद सेहत को बेहतर रखने के लिए आप सालमन मछली (salmon fish) को आहार में शामिल कर सकती हैं। यह पोषण का एक बेहतरीन स्रोत है। इसमें उच्च मात्रा में डीएचए पाया जाता है जो दिमागी विकास के लिए बहुत फायदेमंद होता है। माँ की सेहत के साथ साथ बच्चे के दिमागी विकास के लिए भी यह बहुत प्रभावकारी है। यह शिशु के नर्वस सिस्टम को भी बेहतर करने में मदद करता है।
स्तनपान के दौरान लिया जाने वाला स्वस्थ आहार, मांस (Lean Meat for healthy Diet in Breastfeeding)
शिशु और माँ दोनों के ही शरीर को स्तनपान के दौरान उच्च मात्रा में प्रोटीन तत्व की ज़रूरत पड़ती है जो चिकन में अच्छी मात्रा में मौजूद होता है। मुर्गी के मांस या चिकन में प्रोटीन के साथ आयरन की भी मौजूदगी होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान भी यह होने वाली माँ को खिलाया जाए तो शरीर में आयरन या लौह तत्व की कमी को पूरा किया जा सकता है। दूध पिलाने की वजह से माँ के शरीर की ऊर्जा नष्ट होती रहती है। उचित मात्रा में प्रोटीन और आयरन इस कमी को पूरा करने में मदद करते हैं। प्रसव के बाद शारीरिक सुधार और आंतरिक मरम्मत के लिए भी ये दोनों तत्व बहुत फायदेमंद होते हैं और प्रभावी ढंग से शरीर पर अपना असर दिखाते हैं।
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