एक स्वस्थ शरीर के लिए खाने में संतुलित आहार का होना अधिक महत्वपूर्ण है। बात जब आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ गर्भ में पल रह नवजात बच्चे की हो तो खान पान आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
गर्भवती को अपने आहार या फिटनेस की योजना में किसी भी तरह का परिवर्तन करने से पहले पेशेवर चिकित्सा की सलाह जरुर लेनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को जो खाना चाहिए उसकी सूची नीचे दी गयी है जिसे आप संतुलित आहार लेने के लिए देख सकती है।
गाजर : अगर आप गर्भवती हैं तो विटामिन ए की आपूर्ति आप गाजर से कर सकती है लेकिन बहुत ज्यादा गाजर का सेवन अजन्मे बच्चे के लिए हानिकारक भी सकता है। गाजर और अन्य नारंगी सब्जियों के साथ फलों का मिश्रण विटामिन हासिल करने का शानदार तरीका हो सकता है। गाजर में पाए जाने वाला बीटा-कैरोटीन शरीर को विटामिन ए में परिवर्तित कर देता है लेकिन केवल तब जब शरीर को उसकी जरूरत हो।
सार्डिन : सार्डिन एक प्रकार की छोटी मछली होती है जिसमे आवश्यक ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है जो बच्चे के मस्तिष्क विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है इसके अतिरिक्त अगर आप मछली की नरम हड्डियों को खा रही है तो कैल्शियम स्रोत में भी काफी महत्वपूर्ण होगा जो आपके लिए अतिरिक्त बोनस है।
दुबला लाल मांस : गर्भावस्था के दौरान सबसे अधिक आयरन की जरूरत होती है जिसे आप पतले रेड मीट से पूर्ण कर सकती है। बच्चे में रक्त की आपूर्ति और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण करने का काम पतले रेड मीट से किया जा सकता है। आपकी बॉडी आसानी से इसे अवशोषित कर सकती है लेकिन सप्ताह में एक बार से अधिक खाना नुकसान देह भी हो सकता है इसलिए इसकी मात्रा बिना सलाह के ना लें।
लो फैट वाला दही : गर्भावस्था के दौरान बच्चे के हड्डियों के निर्माण में लो फैट वाला दही काफी मददगार साबित हो सकता है। कैल्शियम की आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए लो फैट वाला दही सबसे अच्छा स्त्रोत कहा जा सकता है।
संतरे : शाकाहारी खाद्य पदार्थों में विटामिन सी के लिए संतरा को बेहिचक चुन सकती है। आप संतरे के साथ-साथ विटामिन सी के लिए लाल और पीले मिर्च के अतिरिक्त टमाटर और किवी जैसे अन्य कई रसदार फलों से प्राप्त कर सकती है। साधारण रूप से बोले तो एक गिलास संतरे का जूस आपके और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए काफी लाभकारी है।
अनाज नाश्ता : बहुत से अनाज में फोलिक एसिड, विटामिन डी और गर्भावस्था के अनुकूल कई पोषक तत्व होते है। साबुत अनाज में फाइबर बढ़ावा देने वाले उपयोगी तत्व होते है। नाश्ते में अनाज का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें की चीनी और नमक की मात्रा कम हो।
ब्राउन राइस : ब्राउन राइस विटामिन बी का अच्छा स्रोत है। गर्भवती महिलाओं में ऊर्जा की मांग में वृद्धि होती है जिसे भोजन में विटामिन बी के साथ पूरा किया जा सकता है। भूरा चावल विटामिन बी के अतिरिक्त फोलिक एसिड भी प्रदान करता है।
अंडे : गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त विटामिन डी की जरूरत होती है और आप अपने भोजन से कैल्शियम को अवशोषित करने का प्रयास कर रही है तो सूर्य के प्रकाश के अतिरिक्त अंडे सबसे बेहतर विकल्प हो सकते है। विटामिन डी के अतिरिक्त आपको अंडे से लोहा, विटामिन ए और प्रोटीन अच्छी मात्रा में प्राप्त होते है।
फल और सब्जियां : विटामिन और खनिज बच्चे के बढ़ने में मदद करने वाले प्राकृतिक स्रोत हैं। अपने डाइट को छोटे-छोटे भागों में बाँट कर आपको दिन भर मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन निरंतर अंतराल बाद करते रहना चाहिए।
टूना फिश : टूना में सेलेनियम पाया जाता है जिसमें कैंसर विरोधी गुण पाया जाता है। अधिकांश मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड उच्च मात्रा में होता है। हालांकि अधिक टूना मछलियां खाने से बच्चे के तंत्रिका तंत्र के लिए हानिकारक हो सकती है इसलिए एक सप्ताह में दुबारा खाने से बचे।
गोभी और हरे पत्तेदार साग : इन दोनों किस्म के पत्तेदार सब्जियों से फोलिक एसिड प्राप्त होता है। फोलिक एसिड भ्रूण के विकास के साथ जुड़ा होता है इन सब्जियों में भी लोहा, पोटेशियम और विटामिन सी, ई के साथ साथ विटामिन ए भी मिलता है। दैनिक जरूरतों का 25 फीसदी फोलिक एसिड आप गोभी और हरे पत्तेदार साग से पूरा कर सकती है।
खिचड़ी : ऊर्जा देने के साथ-साथ खिचड़ी पाचन तंत्र भी ठीक करती है। गर्भावस्था में सबसे अधिक पाचन की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसलिए खिचड़ी पाचने में आसान होने के साथ-साथ दालों के अंदर पाए जाने स्त्रोत भी बॉडी को देते है।
स्ट्रॉबेरीज : स्ट्रॉबेरीज विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है। बीटा कैरोटीन, फोलिक एसिड और पोटेशियम की जरूरतों को पूरा करने का काम अच्छे से करता है। लौह युक्त भोजन के बाद होने स्ट्रॉबेरी खाने से यह भारी भोजन पचाने में भी सहायक होते है।
ब्रोकोली : कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। ब्रोकोली में वह सभी तत्व है जो गर्भवती महिला को पोषक तत्व देते है। आप ब्रोकोली को उबाल कर या फ्राइ करके भी खा सकती है।
छोले : यह एक सब्जी है जिसे आपको प्रोटीन, कैल्शियम मैग्नीशियम, जिंक और फोलिक एसिड स्रोत में समृद्ध है और यह खाने में भी काफी स्वाद होते है इसलिए अपने डाइट प्लान में छोले को जरुर शामिल करें।
टोफू : शाकाहारी पसंद गर्भवती महिलाओं की प्रोटीन आवश्यकताओं को टोफू पूरा कर सकता है। टोफू में लोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन ए और विटामिन के मिलता है जो जन्म के बाद सामान्य ब्लड क्लॉटिंग में सहायक है।
शकरकंद अर्थात स्वीट आलू : स्वीट आलू ऊर्जा के साथ-साथ वह कैल्शियम, विटामिन सी और बीटा कैरोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरा हुआ है जो स्वस्थ त्वचा और आंखों के लिए बहुत लाभदायक साबित होते है।
कार्बोहाइड्रेट : गर्भवती महिलाओं के लिए कार्बोहाईड्रेट प्राथमिक स्रोत है। ब्रेड, पास्ता और आलू कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध स्रोत हैं। प्रेगनेंसी में बॉडी से उर्जा की अधिक मांग उठती है जिसकी पूर्ण ना होने पर जल्द ही थकान महसूस होने लगती है। इसकी रोकथाम के लिए कार्बोहाईड्रेट युक्त आहर का सेवन जरुर करना चाहिए।
सूरजमुखी के बीज : ओमेगा -3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड नेचुरल तरीके से प्राप्त करना चाहती है तो सूरजमुखी बीज आपके लिए उत्तम है मैग्नीशियम, कैल्शियम, लोहा, पोटेशियम जिंक और विटामिन ए, बी, डी, ई में यह खाद्य पदार्थ शामिल है।
तेल और वसा : तेल और वसा का नाम सुनते है आप परहेज की मुद्रा में आ जाती है। बॉडी के लिए आवश्यक तेल और वसा में फैटी एसिड होता है जो बच्चे के मस्तिष्क और आंखों के विकास में एक अहम भूमिका निभाता है। गर्भवती महिलाओं के भोजन में अलसी कैनोला, सोयाबीन तेल को मुख्य रूप से शामिल करना चाहिए।
गर्भवती को अपने आहार या फिटनेस की योजना में किसी भी तरह का परिवर्तन करने से पहले पेशेवर चिकित्सा की सलाह जरुर लेनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को जो खाना चाहिए उसकी सूची नीचे दी गयी है जिसे आप संतुलित आहार लेने के लिए देख सकती है।
गाजर : अगर आप गर्भवती हैं तो विटामिन ए की आपूर्ति आप गाजर से कर सकती है लेकिन बहुत ज्यादा गाजर का सेवन अजन्मे बच्चे के लिए हानिकारक भी सकता है। गाजर और अन्य नारंगी सब्जियों के साथ फलों का मिश्रण विटामिन हासिल करने का शानदार तरीका हो सकता है। गाजर में पाए जाने वाला बीटा-कैरोटीन शरीर को विटामिन ए में परिवर्तित कर देता है लेकिन केवल तब जब शरीर को उसकी जरूरत हो।
सार्डिन : सार्डिन एक प्रकार की छोटी मछली होती है जिसमे आवश्यक ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है जो बच्चे के मस्तिष्क विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है इसके अतिरिक्त अगर आप मछली की नरम हड्डियों को खा रही है तो कैल्शियम स्रोत में भी काफी महत्वपूर्ण होगा जो आपके लिए अतिरिक्त बोनस है।
दुबला लाल मांस : गर्भावस्था के दौरान सबसे अधिक आयरन की जरूरत होती है जिसे आप पतले रेड मीट से पूर्ण कर सकती है। बच्चे में रक्त की आपूर्ति और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण करने का काम पतले रेड मीट से किया जा सकता है। आपकी बॉडी आसानी से इसे अवशोषित कर सकती है लेकिन सप्ताह में एक बार से अधिक खाना नुकसान देह भी हो सकता है इसलिए इसकी मात्रा बिना सलाह के ना लें।
लो फैट वाला दही : गर्भावस्था के दौरान बच्चे के हड्डियों के निर्माण में लो फैट वाला दही काफी मददगार साबित हो सकता है। कैल्शियम की आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए लो फैट वाला दही सबसे अच्छा स्त्रोत कहा जा सकता है।
संतरे : शाकाहारी खाद्य पदार्थों में विटामिन सी के लिए संतरा को बेहिचक चुन सकती है। आप संतरे के साथ-साथ विटामिन सी के लिए लाल और पीले मिर्च के अतिरिक्त टमाटर और किवी जैसे अन्य कई रसदार फलों से प्राप्त कर सकती है। साधारण रूप से बोले तो एक गिलास संतरे का जूस आपके और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए काफी लाभकारी है।
अनाज नाश्ता : बहुत से अनाज में फोलिक एसिड, विटामिन डी और गर्भावस्था के अनुकूल कई पोषक तत्व होते है। साबुत अनाज में फाइबर बढ़ावा देने वाले उपयोगी तत्व होते है। नाश्ते में अनाज का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें की चीनी और नमक की मात्रा कम हो।
ब्राउन राइस : ब्राउन राइस विटामिन बी का अच्छा स्रोत है। गर्भवती महिलाओं में ऊर्जा की मांग में वृद्धि होती है जिसे भोजन में विटामिन बी के साथ पूरा किया जा सकता है। भूरा चावल विटामिन बी के अतिरिक्त फोलिक एसिड भी प्रदान करता है।
अंडे : गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त विटामिन डी की जरूरत होती है और आप अपने भोजन से कैल्शियम को अवशोषित करने का प्रयास कर रही है तो सूर्य के प्रकाश के अतिरिक्त अंडे सबसे बेहतर विकल्प हो सकते है। विटामिन डी के अतिरिक्त आपको अंडे से लोहा, विटामिन ए और प्रोटीन अच्छी मात्रा में प्राप्त होते है।
फल और सब्जियां : विटामिन और खनिज बच्चे के बढ़ने में मदद करने वाले प्राकृतिक स्रोत हैं। अपने डाइट को छोटे-छोटे भागों में बाँट कर आपको दिन भर मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन निरंतर अंतराल बाद करते रहना चाहिए।
टूना फिश : टूना में सेलेनियम पाया जाता है जिसमें कैंसर विरोधी गुण पाया जाता है। अधिकांश मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड उच्च मात्रा में होता है। हालांकि अधिक टूना मछलियां खाने से बच्चे के तंत्रिका तंत्र के लिए हानिकारक हो सकती है इसलिए एक सप्ताह में दुबारा खाने से बचे।
गोभी और हरे पत्तेदार साग : इन दोनों किस्म के पत्तेदार सब्जियों से फोलिक एसिड प्राप्त होता है। फोलिक एसिड भ्रूण के विकास के साथ जुड़ा होता है इन सब्जियों में भी लोहा, पोटेशियम और विटामिन सी, ई के साथ साथ विटामिन ए भी मिलता है। दैनिक जरूरतों का 25 फीसदी फोलिक एसिड आप गोभी और हरे पत्तेदार साग से पूरा कर सकती है।
खिचड़ी : ऊर्जा देने के साथ-साथ खिचड़ी पाचन तंत्र भी ठीक करती है। गर्भावस्था में सबसे अधिक पाचन की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसलिए खिचड़ी पाचने में आसान होने के साथ-साथ दालों के अंदर पाए जाने स्त्रोत भी बॉडी को देते है।
स्ट्रॉबेरीज : स्ट्रॉबेरीज विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है। बीटा कैरोटीन, फोलिक एसिड और पोटेशियम की जरूरतों को पूरा करने का काम अच्छे से करता है। लौह युक्त भोजन के बाद होने स्ट्रॉबेरी खाने से यह भारी भोजन पचाने में भी सहायक होते है।
ब्रोकोली : कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। ब्रोकोली में वह सभी तत्व है जो गर्भवती महिला को पोषक तत्व देते है। आप ब्रोकोली को उबाल कर या फ्राइ करके भी खा सकती है।
छोले : यह एक सब्जी है जिसे आपको प्रोटीन, कैल्शियम मैग्नीशियम, जिंक और फोलिक एसिड स्रोत में समृद्ध है और यह खाने में भी काफी स्वाद होते है इसलिए अपने डाइट प्लान में छोले को जरुर शामिल करें।
टोफू : शाकाहारी पसंद गर्भवती महिलाओं की प्रोटीन आवश्यकताओं को टोफू पूरा कर सकता है। टोफू में लोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन ए और विटामिन के मिलता है जो जन्म के बाद सामान्य ब्लड क्लॉटिंग में सहायक है।
शकरकंद अर्थात स्वीट आलू : स्वीट आलू ऊर्जा के साथ-साथ वह कैल्शियम, विटामिन सी और बीटा कैरोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरा हुआ है जो स्वस्थ त्वचा और आंखों के लिए बहुत लाभदायक साबित होते है।
कार्बोहाइड्रेट : गर्भवती महिलाओं के लिए कार्बोहाईड्रेट प्राथमिक स्रोत है। ब्रेड, पास्ता और आलू कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध स्रोत हैं। प्रेगनेंसी में बॉडी से उर्जा की अधिक मांग उठती है जिसकी पूर्ण ना होने पर जल्द ही थकान महसूस होने लगती है। इसकी रोकथाम के लिए कार्बोहाईड्रेट युक्त आहर का सेवन जरुर करना चाहिए।
सूरजमुखी के बीज : ओमेगा -3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड नेचुरल तरीके से प्राप्त करना चाहती है तो सूरजमुखी बीज आपके लिए उत्तम है मैग्नीशियम, कैल्शियम, लोहा, पोटेशियम जिंक और विटामिन ए, बी, डी, ई में यह खाद्य पदार्थ शामिल है।
तेल और वसा : तेल और वसा का नाम सुनते है आप परहेज की मुद्रा में आ जाती है। बॉडी के लिए आवश्यक तेल और वसा में फैटी एसिड होता है जो बच्चे के मस्तिष्क और आंखों के विकास में एक अहम भूमिका निभाता है। गर्भवती महिलाओं के भोजन में अलसी कैनोला, सोयाबीन तेल को मुख्य रूप से शामिल करना चाहिए।
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