Tuesday, January 10, 2017

खराब मूड को बदलने और मूड को बूस्ट करने के लिए अपनाएं ये खास योगासन

योग बॉडी में लचीलापन लाने और क्षमता में सुधार करने में मदद करता है यह बात अब किसी से छुपी नही है। अगर आप सोचते है योग सिर्फ स्वास्थ्य लाभ देते है तो आपको यह तथ्य जानकर हैरानी होगी कि योग के लगातार अभ्यास से मूड बूस्ट भी होता है।


योग का अभ्यास सकारात्मक रूप से मूड को प्रभावित करने का सबसे सस्ता उपाय है। योग गामा अमीनोबुटीरिक एसिड का रसायन स्तर बढ़ा देता है जिस वजह से चिंता विकारों को कम करने में मदद मिलती है और शोधों से भी यह बात साबित हो चुकी है कि दवाओं की अपेक्षा योग गामा एसिड बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका साबित होता है। 


योग मूड बनाने के साथ-साथ चिंता और तनाव से भी छुटकारा दिलाता है लेकिन योग क्रिया काफी विशाल है और हर मुद्रा और आसन मूड बूस्ट करने के लिए नही होती इसलिए हम कुछ ऐसे योग की सूचि आपके लिए लेकर आये है जो कुशलता पूर्वक मूड में सुधार लाते है।


सेतु बांध सर्वांगासन : इस आसन से आपके छाती, फेफड़े और कंधे खुलते है इसके अतिरिक्त यह मुद्र सिर दर्द में राहत देने और दिल को आराम का रोल करता है। योग मानता है कि शरीर को सात चक्रों में बांटा गया है और ये मुद्रा सातवें चक्र को उत्तेजित करता है। सर्वांगासन की मुद्रा से आप अनिद्रा, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं को जड से मिटा सकते है।


सेतु बांध आसन करने की विधि
 : 

  • दोनों हाथ और पैर सीधे कर लेट जाए और उसके बाद अपने घुटनों को मोड़ कर पैरों के तलवे पर जमीन टिका ले।

  • अब धीरे-धीरे अपने नितंबों और कमर को उपर की तरफ उठायें।

  • दोनों पैरों के चारों कोनों में समान रूप से अपने वजन डालते हुए अपनी जांघों और पैर को बराबर रखें।

  • सेतु बांध मुद्रा धारण करते समय सामान्य रूप से साँस लेते रहे और ठोड़ी को छाती से स्पर्श होने दे और जितनी देर आपके लिए संभव हो उतनी देर तक इस क्रिया में रुके।


  • मुद्रा पूर्ण होने के बाद धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापिस लौटना चाहिए।


सतर्कता : घुटने या गर्दन में दर्द होने की स्थिति में इस आसन से बचें।




नौकासन या नाव पोज
 : नाव मुद्रा ताकत निर्माण और पेट वसा को कम करने के अलावा तनाव रिलीवर भी है। इस योग क्रिया से आपके अंदर शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति का निर्माण होता है जिससे वजह से यह चिंतित व्यक्ति के मूड में बदलाव लाकर यह मूड बूस्ट में सहायक साबित होता है। 


नौकासन मुद्रा कैसे धारण करनी है। 


  • अपनी पीठ को फ्लैट कर मैट पर लेट जाएं

  • सामान्य रूप से साँस लेते हुए पैर और हाथ को समानांतर उठाकर धीरे-धीरे आगे बढ़ें।

  • दोनों पैर को उठा कर 45 डिग्री के कोण पर स्थापित करें।

  • यह एक नाव की मुद्रा के रूप में होगा।

  • 8 से 10 बार स्थिरतापूर्वक इस स्थिति में साँस प्रयास करें।

  • निरंतर अभ्यास के बाद धीरे-धीरे आप इस योग क्रिया के समय को बढ़ा सकते हैं।

  • वापस सामान्य लेटी स्थिति में धीरे-धीरे वापिस आएं।


सतर्कता नियम : आप हर्निया, अल्सर, गर्दन की चोट या कूल्हे से संबंधित समस्याओं से पीड़ित है तो इस नौकासन को हरगिज ना करें।


बलासन या बाल पोज : बलासन योग का सबसे सरल और सबसे अधिक आराम देने वाला योग है। यह योग रीढ़ खिंचाव मदद करने के अलावा,घबराहट और चिंता को शांत कर एक शांतिपूर्ण नींद लेने में मदद करता है। 


बलासन योग करने की विधि
 :

  • घुटनों के बल बैठ कर पैरों और पंजों को बाहर निकाल ले।

  • इस स्थिति में नितंब का सम्पर्क ऊँची एड़ी से होता रहता है।

  • हाथों को आगे बढाते हुए धीरे-धीरे आगे झुकना शुरू करें।

  • ऊँची एड़ी को नितंबों से स्पर्श कराते हुए धीरे-धीरे आगे झुकते हुए पीठ में खिंचाव पैदा करें।

  • इस आसन को करते समय श्वास का आवागमन सामान्य होना चाहिए।

  • एक मिनट के लिए इस स्थिति को कायम रखें।

  • धीरे-धीरे सामान्य घुटना टेकने की स्थिति में वापस आएं।


ध्यान देने वाली सतर्कता : यदि आप घुटने या पीठ की चोट झेल चुके है या झेल रहे है तो इस आसन को करने से पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह जुरूर कर ले।




शीर्षासन
 : शीर्षासन सहनशक्ति और संतुलन बनाने में रखने में मदद करता है और याददाश्त में सुधार लाता है। यह योग थोडा कठिन होता है पर इस योग से लंबे समय से चले रहे अवसाद, चिंता और अनिद्रा को कम करने की शक्ति मिलती है। यह मस्तिष्क की रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में उपयोगी सिद्ध होता है।


शीर्षासन योग करने की विधि 



  • दृढ़ता से फर्श पर घुटने को नीचे झुकाते हुए पैर की उंगलियों को रखें।

  • हाथों से एक उंगली को ऐसे लॉक करें कि कोहनी त्रिकोण जैसी लगे।

  • आगे झुको और कोहनी से बने त्रिकोण के बीच में अपने सिर स्थापित करें।

  • संतुलन बनाए रखते हुए धीरे-धीरे फर्श पर से अपने पैरों के तलवों को ऊपर के उठाना शुरू करें।

  • धीरे कूल्हों, जांघों और पैर लिफ्ट कराते हुए उपर आस्मां की ओर ले जाने का प्रयास करें।

  • इस योग में सिर नीचे और पैर उपर में बनी सीधे मुद्रा बनाए रखने का प्रयास  लगातार करते रहें।

  • शरीर का पूरा वजन सब आपके सिर पर आ गया हो तो ऐसी स्थिति में स्थिर साँस लेने का पूर्ण ध्यान रखें।

  • शुरुआत में एक दीवार की मदद से आप ये योग कर सकते है।

  • मूल स्थिति में धीरे-धीरे ही लौटें।


सतर्क रहने योग बात : यदि महिला गर्भवती हैं या मोटापे के शिकार हैं या फिर उच्च रक्तचाप या चोट या अन्य कारणों की वजह से गर्दन की कमजोर मांसपेशियों से ग्रस्त हैं तो शीर्षासन करने की भूल ना करें।




उष्ट्रासन
 : इस मुद्रा से शारीरिक के साथ-साथ मानसिक संतुलन में कुशलता पूर्वक स्थिरता लाई जा सकती है। उष्ट्रासन तनाव को कम करने के लिए ही जाना जाता है इसकी मदद से आप अपने खराब मूड में जल्द बदलाव ला सकते है।


उष्ट्रासन अर्थात ऊंट मुद्रा करने की विधि : उष्ट्रासन को ऊंट मुद्रा भी कहा जाता है ऐसा इसलिए कहते है क्योकि इस योग को करते समय हमारी बॉडी एक ऊंट की भाति प्रतीत होती है।



  • फर्श पर सीधा अपने घुटने के बल बैठ जाये।

  • धीरे ऊपर अपने शरीर को उठाते हुए अपने हाथ को पीछे की ओर मोड़ते हुए एड़ियों को छूने की कोशिश करें।

  • बॉडी के उपर करने के साथ साथ गर्दन से उपर की दिशा की तरफ देखें।

  •  इस स्थिति को कुछ समय तक कायम रखें।

  • उष्ट्रासन मुद्रा से धीरे-धीरे वापिस लौटे।


सतर्कता पर ध्यान दे : आप जोड़ो की समस्या से दो चार हो रहे है या फिर हाल ही में सर्जरी करायी हो तो ऐसे समय इस योग को करने की कोई जरूरत नही है।


आगर आप अभी योग की शुरुआत कर रहे है तो मूड बदलने वाले इन सभी योग आसनों को आप एक प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक से परामर्श कर या संभव हो तो उसके अंतर्गत ही करें। ये सभी आसन आपको भय चिंता और तनाव से राहत देंगे। ध्यान देने योग्य परिणाम देखने के लिए नियमित रूप से इन योग अभ्यास की आवश्यकता पड़ेगी।
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