अमरुद लाजवाव स्वाद वाला पौष्टिकता से भरपूर फल है जो सर्वाधिक मात्रा में भारत में ही पैदा होता है।इसका पेड़ तीन से दस मी. तक ऊँचा हो जाता है।यह साल के बारहों महिने हरा रहने वाला पेड़ है।100 ग्राम अमरुद हमें प्रचुर मात्रा में फास्फोरस व पोटेशियम देने के साथ 152 मिलीग्राम विटामिन सी, 7 ग्राम रेसे,33 मिलीग्राम कैल्सियम,1 मिलीग्राम आयरन प्रदान करता है।अमरुद का प्रत्येक अंग आयुर्वेदिक दवा में काम आता है।अमरुद कसेला,मधुर,खट्टा,तीक्ष्ण,बलवर्धक,उन्मादनाशक,त्रिदोषनाशक,दाह और बेहोशी नष्ट करने वाला है।बच्चों के लिए भी बहुत पौष्टिक फल है।अमरुद स्नायुमण्डल,पाचन तंत्र,हृदय व दिमाग को ताकत प्रदान करता है।
अमरुद रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा को संतुलित बनाए रखता है।यह रक्त का प्रवाह शरीर में बना रहे इसमें भी महत्वपूर्ण सहयोग करता है।
पेट के दर्द में अमरुद का सफेद गूदा हल्के नमक के साथ खाने से आराम मिलता है।
पुराने जुकाम में चूल्है की आग पर भुना हुआ अमरुद नमक व काली मिर्च के साथ खाने से जुकाम की स्थिति से छुटकारा प्राप्त होता है।
चहरे के मुहासे हो जाने पर इसके पत्तों को पानी में उबाल कर उसमें नमक डालकर चहरे पर लगाने से मुहासे ठीक हो जाते हैं।
अमरुद में पाया जाने बाला रेशा या फाइवर पाचन क्रिया को ठीक रखने की सबसे अच्छी दवा है तो जिन लोगों का पेट ख़राब रहता है वो लोग अमरुद का सेवन अवश्य करें।
नेत्र के रोगी भी अमरुद को खूब खाऐ कारण इसमे उनकी आँखों को लाभकारी तत्व विटामिन ए प्रचुर मात्रा में मिलता है।
मसूड़े व सांस के मरीजो के लिए इसकी पत्तियाँ चबाने से मसूड़े तो ताकतवर होंगे ही साथ ही साँस की ताजगी आएगी।
चमकती दमकती त्वचा के लिए भी यह फायदे मंद है क्योंकि इसमें विटामिन ए,बी,व सी के साथ पोटेशियम भी प्रचुर मात्रा में मिलती है।अमरुद को पीसकर अगर चहरे पर लगाया जाए तो स्किन के दाग धब्बे तो दूर होंगे ही साथ ही त्वचा का भी निखार आएगा।
ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल करने में बहुत सहायक है।
शोधों के आधार पर एक अमरुद में एक संतरे के फल से चार गुना विटामिन सी प्राप्त हो सकता है।और यह शरीर को क्लिंजर का काम करता है।पके अमरुद की अपेक्षा कच्चे अमरुद में विटामिन सी ज्यादा मात्रा में पायी जाती है।
अगर किसी विशेष रोग की जानकारी चाहिए तो कृपया कमेंट सेक्शन में लिखें हम उसे जल्द से जल्द आप तक पहुचाने की कोशिश करेंगे!!
अमरुद रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा को संतुलित बनाए रखता है।यह रक्त का प्रवाह शरीर में बना रहे इसमें भी महत्वपूर्ण सहयोग करता है।
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पुराने जुकाम में चूल्है की आग पर भुना हुआ अमरुद नमक व काली मिर्च के साथ खाने से जुकाम की स्थिति से छुटकारा प्राप्त होता है।
चहरे के मुहासे हो जाने पर इसके पत्तों को पानी में उबाल कर उसमें नमक डालकर चहरे पर लगाने से मुहासे ठीक हो जाते हैं।
अमरुद में पाया जाने बाला रेशा या फाइवर पाचन क्रिया को ठीक रखने की सबसे अच्छी दवा है तो जिन लोगों का पेट ख़राब रहता है वो लोग अमरुद का सेवन अवश्य करें।
नेत्र के रोगी भी अमरुद को खूब खाऐ कारण इसमे उनकी आँखों को लाभकारी तत्व विटामिन ए प्रचुर मात्रा में मिलता है।
मसूड़े व सांस के मरीजो के लिए इसकी पत्तियाँ चबाने से मसूड़े तो ताकतवर होंगे ही साथ ही साँस की ताजगी आएगी।
चमकती दमकती त्वचा के लिए भी यह फायदे मंद है क्योंकि इसमें विटामिन ए,बी,व सी के साथ पोटेशियम भी प्रचुर मात्रा में मिलती है।अमरुद को पीसकर अगर चहरे पर लगाया जाए तो स्किन के दाग धब्बे तो दूर होंगे ही साथ ही त्वचा का भी निखार आएगा।
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