Friday, January 13, 2017

अनिंद्रा को दूर करने के जानिये आसान घरेलु समाधान

नींद की कमी होना या अनिंद्रा की स्थिति को आधुनिक चिकित्सा में इन्सोम्निआ अथवा स्लीप डिसओर्डर कहते हैं। शरीर की क्रियाओं के संतुलित संचालन हेतु नींद की महता निर्विवाद मानी गई है। नींद से तनाव और चिंताओं का शमन होता है। वयस्क व्यक्ति के लिये ७ से ९ घंटे की नींद जरुरी है। हर इन्सान को जीवन में कभी न कभी अनिंद्रा की तकलीफ़ से रुबरू होना पडता है। अनिंद्रा से मस्तिष्क को वांछित आराम नहीं मिल पाता है जिससे दैनिक गतिविधियों में बाधा पडती है। आधुनिक चिकित्सा में अनिंद्रा की चिकित्सा के लिये कई दवाएं मौजूद हैं लेकिन इन दवाओं के शरीर पर अवांछित प्रभाव भी देखने में आ रहे हैं। अत: अनिंद्रा का कुदरती एवं घरेलू पदार्थों से इलाज करना उचित है।




  • पोस्तदाना (पोपी सीड्स) सुबह पानी में गला दें शाम को थोडा सा पानी डालकर मिक्सर में चलाकर करीब ४० मिलि दूध बनालें। इसमें उचित मात्रा में शकर मिलाकर रात को सोते वक्त पियें। अनिंद्रा का बेहद कारगर उपचार है।
  • रात को सोते वक्त एक गिलास गाय का मामूली गरम मीठा दूध पीना हितकर है।
  • घी और मक्खन का उपयोग अनिंद्रा में लाभकारी हैं।
  • जायफ़ल ३-४ नग पीसकर पावडर बनालें। सोने से पहले पानी के साथ लें गुणकारी उपचार है।
  • नियमित समय पर सोना और नियमित समय पर उठने का नियम बनाकर उस पर सख्ती से अमल करे। ९ बजे रात को सोना और सुबह ५ बजे उठना श्रेष्ठ नियम है।
  • रात को टीवी देखने से परहेज करें।
  • केला,दही, हरी सब्जियां नींद की कमी में उपकारी है।
  • अपना पलंग मन-मुताबिक ही चुनें और जिस मुद्रा में आपको सोने में आराम महसूस होता हो, उसी मुद्रा में पहले सोने की कोशिश करें। अनचाही मुद्रा में सोने से शरीर की थकावट बनी रहती है, जो नींद में बाधा उत्पन्न करती है।
  • रात्रि भोजन करने के बाद पन्द्रह से बीस मिनट धीमी चाल से सैर कर लेने के बाद ही बिस्तर पर जाने की आदत बना लेनी चाहिए। इससे अच्छी नींद के अलावा पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।
  • अगर तनाव की वजह से नींद नहीं आ रही हो या फिर मन में घबराहट सी हो तब अपना मन पसंद संगीत सुनें या फिर अच्छा साहित्य या स्वास्थ्य से संबंधित पुस्तकें पढ़ें, ऐसा करने से मन में शांति का भाव आएगा, जो गहरी नींद में काफी सहायक होता है।
  • अनिद्रा के रोगी को अपने हाथ-पैर मुँह स्वच्छ जल से धोकर बिस्तर पर जाना जाहिए। इससे नींद आने में कठिनाई नहीं होगी। एक खास बात यह कि बाजार में मिलने वाले सुगंधित तेलों का प्रयोग नींद लाने के लिए नहीं करें, नहीं तो यह आपकी आदत में शामिल हो जाएगा।
  • सोते समय दिनभर का घटनाक्रम भूल जाएँ। अगले दिन के कार्यक्रम के बारे में भी कुछ न सोचें। सारी बातें सुबह तक के लिए छोड़ दें। दिनचर्या के बारे में सोचने से मस्तिष्क में तनाव भर जाता है, जिस कारण नींद नहीं आती।
  • अगर अनिद्रा की समस्या पुरानी और गंभीर है, नींद की गोलियाँ खाने की आदत बनी हुई है तो किसी योग चिकित्सक की सलाह लेकर शवासन का अभ्यास करें और रात को सोते वक्त शवासन करें। इससे पूरे शरीर की माँसपेशियों का तनाव निकल जाता है और मस्तिष्क को आराम मिलता है, जिस कारण आसानी से नींद आ जाती है।
  • अच्छी नींद के लिए कमरे का हवादार होना भी जरूरी है। अगर मौसम बाहर सोने के अनुकूल है तो छत पर या बाहर सोने को प्राथमिकता दें। कमरे में कूलर-पँखा या फिर एयर कंडीशनर का शोर ज्यादा रहता है, तो इनकी भी मरम्मत करवा लेनी चाहिए, क्योंकि शोर से मस्तिष्क उत्तेजित रहता है, जिस कारण निद्रा में बाधा पड़ जाती है।
  • सोने से पहले चाय-कॉफी या अन्य तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करें। इससे मस्तिष्क की शिराएँ उत्तेजित हो जाती हैं, जो कि गहरी नींद आने में बाधक होती हैं।
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