Wednesday, January 11, 2017

किस कारण सोते समय हमारे शरीर में झटके उत्पन्न होते है और कैसे पाए झटकों से छुटकारा?

अनेक लोग निद्रा के दौरान मांसपेशियों में झटके को महसूस करते है और कुछ तो इस समस्या से गुज़रते है। इसे ह्य्प्नागोगिक जर्क (hypnagogic jerk) कहते है। इस को एक ऐसा समय बताया जाता है जब मनुष्य निद्रा और जागने के बीच में होता है। ह्य्प्नागोगिक जर्क को स्लीप स्टार्ट और ह्य्प्निक जर्क भी कहते है। हर व्यक्ति में अलग- प्रकार के मांसपेशियों के झटके को देखा गया है। यह परिथिति किसी व्यक्ति में लगातार देखि जा सकती है या किसी में यह केवल कुछ सेकंड के लिए होती है। ऐसे अनेक लोग है जिन्हें झटके सपनो के कारण भी उत्पन्न होते है। कभी- कभी उनके दिमाग में भारी आवाज भी गूंजती रहती है।

रिसर्च के अनुसार निद्रा में इस समस्या से गुज़रना एक सामान्य परिस्थिति है। रिसर्च के बाद रिपोर्ट के अनुसार 60 से 70 प्रतिशत लोग इस समस्या को अनुभाव करते है। कुछ व्यक्ति को तो पता ही नहीं रहता लेकिन वे रात में घबरा जाते है। जब वे सुबह उठते है तब उन्हें इसके बारे में कुछ याद भी नहीं रहता है की रात को उनके साथ क्या हुआ था। लेकिन जिन व्यक्ति को रात में झटके आते है उनके लिए यह बहुत ही परेशानी वाली समस्या है। कुछ लोग झटके कारण उठ भी जाते है और उनकी निद्रा दूर हो जाती है।
मांसपेशियों में झटके को फैस्कीकुलेशन कहते है, इस दौरान त्वचा के अंदर थोड़ी मात्रा में कॉन्ट्रैक्शन और रिलैक्ससेशन होता रहता है। मांसपेशियों में झटके तब पड़ते है जब तुरंत हमारे नयूरण के नीची वाली मांसपेशियों में डीपोलराइज़ेशन होता है जिस कारण स्केलेटल सिस्टम में एक यूनिट से कॉन्ट्रैक्शन उत्पन्न हो जाता है। मांसपेशियों में झटकों का अनेक कारण हो सकते है और इनका इलाज करने के लिए भी अनेक नुस्खे है।

निद्रा के दौरान झटके का कारण (Reasons for twitch while falling asleep)

साइंटिस्ट ने झटकों के अनेक कारणों का पता लगाया है जो व्यक्ति में निद्रा के दौरान उत्पन्न होते है। कुछ कारणों को नीचे दर्शाया गया है,
  • थकान
  • स्ट्रेस
  • सोने का अभाव (Sleep deprivation)
  • चिंता
  • कैफीन
अनेक साइंटिस्ट द्वारा अनेक थ्योरी बहार आ रही है और सभी के रिसर्च का विषय एक ही है। एक ह्य्पोठेसिस के अनुसार यह परिस्थिथि एक प्रकार से प्राकृतिक है जब शरीर आधी निद्रा में होता है और आधा जागृत रहता है। यह तब भी हो सकता है जब नसे इस प्रक्रिया दौरान मिसफायर हो जाती है।
कुछ का तो यह कहना है की पुराने जमानो में जब मांसपेशियां निद्रा के दौरान आराम करने लगती थी तब यह स्तिथि उत्पन्न हो जाती थी। सोते समय दिमाग आराम के सिग्नल में कुछ गलती कर बैठता था।  दिमाग के अनुसार स्लीपिंग प्राइमेट में आप पेड़ से नीचे गिर रहे होते है और आपकी मांसपेशियां तुरंत जागृत हो जाती है।

झटकों कैसे दूर रखें? (How to avoid twitching?)

मांसपेशियों के झटके का इलाज लोग अनेक प्रकार से करते है। कुछ तरीके जिस से आप इस समस्या को दूर कर सकते है वो नीचे दर्शाए गए है:

पानी पीने से (Drinking water)

सबसे बेहतरीन उपाय जिस से आप मांसपेशियों में झटके उत्पन्न होने से रोक सकते है वो है, ज्यादा पानी का सेवन करने से। आप जब भी व्यायाम कर रहे है या आप बीमार है तब इस से आपके इलेक्ट्रोलाइट को बदला जा सकता है। अनेक लोग इस समस्या से तब गुज़रते है जब उनमे इलेक्ट्रोलाइट की कमी होती है या उनमे डीहाइड्रेशन होता है। इसलिए अधिक पानी पीने से वे इस समस्या से दूर रह सकते है।

मांसपेशियों को स्ट्रेच करना (Stretching muscles)

जब भी झटके होते है तब हमे पता रहता है की कौन से स्थान पर यह उत्पन्न हुआ है इसलिए हम उस मांसपेशियों को शरीर की गति और हलके स्ट्रेच से सुधार सकते है और दर्द को दूर कर सकते है।

नींद संबंधी विकार, गरम पैड (Heating pads)

आप आराम प्राप्त करने के लिए हीटिंग पैड का भी उपयोग कर सकते है। यह मांसपेशियों में झटके को उत्पन्न होने से रोकेगा। अगर दर्द लगातार बढ़ता जा रहा है तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए।

संतुलित आहार का सेवन करना (Eat a balanced diet)

स्वस्थ आहार और बढ़िया लाइफस्टाइल से किसी चीज़ का भी इलाज हो सकता है और आप अपनी मांसपेशियों के झटके का भी इलाज कर सकते है। इसके लिए आपको साधारण संतुलित आहार का पालन करना होगा।
  • सबसे महत्वपूर्ण यह है की आप पाने आहार में ताज़े सब्जियां और फलो का उपयोग करें। ताज़े फल और सब्जियों में स्वस्थ विटामिन और फाइबर भरे होते है जिस से आप अपने पूर्ण शरीर में मेटाबोलिस्म को सही से बनाए रख सकते है।
  • एक और मुख्य तरीका है की आप अनाज का सेवन करे। अनाज में अनेक स्वस्थ प्रोटीन और पोषण होता है जो हमारे शरीर को रोजाना चाहिए होता है। इस तरह शरीर में सभी कार्य सही से होते है। यही नहीं अनाज से हमे सही मात्रा में कार्बोहायड्रेट प्राप्त होता है जो शरीर में एनर्जी को बढ़ाता है।
  • एक और तरीका यह है की आप अपने आहार में सही मात्रा में प्रोटीन को मिलाए जैसे चिकन और टोफू। इन्हें लीन फैट से भरपूर खाना कहते है।

सही मात्रा में निद्रा प्राप्त करना (Get adequate sleep)

हमारे जीवन में सही मात्रा में निद्रा को प्राप्त करना भी बहुत आवश्यक है। आपको दिन में 6 से 8 घंटे के लिए सोना चाहिए जिस से आप एक स्वस्थ लाइफ स्टाइल को जी सकते है। निद्रा से आपकी आँखों ही आराम नहीं मिलता बल्कि आपके पूर्ण शरीर को आराम प्राप्त होता है और इस दौरान शरीर में प्राकृतिक एनर्जी भी दोबारा स्टोर हो जाती है। निद्रा से आप तंत्रिका तंत्र को संतुलित बनाए रखते है और इसका इलाज भी करते है।

नींद विकार, स्ट्रेस को निय्नात्रित करना (Manage stress)

स्ट्रेस के कारण आप अस्वस्थ आदतों का शिकार बन सकते है। इस से आपके हॉर्मोन पर भी असर पड़ सकता है और आपके शरीर के कार्य में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसलिए ज़रूरी है की आप अपने जीवन से स्ट्रेस को दूर रखें और यह करने के लिए आपको कुछ प्रकार के आराम प्रदान करने वाली तकनीक का उपयोग करना चाहिए जैसे ध्यान, योग या तै ची। इन तकनीक से आप अपने पूर्ण शरीर को भी स्वस्थ रख सकते है, इसलिए इसे हफ्ते में 3 बार ज़रूर करें।

धूम्रपान को छोड़ दें (Quit smoking)

स्वास्थय के लिए धूम्रपान एक सही चुनाव नहीं है। इसलिए आपको अपने धूम्रपान की बुरी आदत को छोड़ना चाहिए। धूम्रपान से केवल आपकी स्वास्थय खराब नहीं होती आपके मुख्य अंगो पर असर पड़ने के साथ आपके तंत्रिका तंत्र पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। धूम्रपान से मेटाबोलिस्म भी कम होता है।

दवाइयों का उपयोग करें (Switch medications)

अगर आप असुविधा को महसूस कर रहे है तो बेहतर होगा की आप डॉक्टर से परामर्श लें। आपके डॉक्टर आपको कुछ दवाइयों का सेवन करने के लिए कहेंगे जिस से आपको इस मांसपेशियों में झटके की समस्या से आराम प्राप्त हो सकता है।

मांसपेशियों में झटकों के कारण का निदान करें (Diagnosing the cause of muscle twitching)

अपॉइंटमेंट के दौरान आपका डॉक्टर आप से अनेक सवाल को पूछेगा जो मांसपेशियों के झटके से सम्बंधित होते है, जैसे की:
  • कब मांसपेशियों में झटके उत्पन्न होना शुरू हुआ
  • कौन से स्थान पर मांसपेशियों में झटका उत्पन्न होता है
  • मांसपेशियों में जब झटका होता है तब कितना दर्द होता है
  • मांसपेशियों में झटका कितने समय तक बना रहता है
  • मांसपेशियों में झटके के अतिरिक्त कोई और लक्षण उत्पन्न होते है क्या नहीं
इन सामान्य सवालों को पूछने के बाद आपका डॉक्टर कुछ शरीक टेस्ट भी करेगा ताकि उन्हें मांसपेशियों का सही कारण पता चल सके और उसका इलाज सही से किया जा सके। कुछ फिजिकल जांच को नीचे दर्शाया गया है:
  • MRI स्कैन
  • CT स्कैन
  • एलेक्ट्रोम्योग्राफी ताकि मांसपेशियों की जांच की जा सके और साथ ही नस के सेल्स की भी परिस्थिति को पता लगाया जा सके

मांसपेशियों में झटके का इलाज (Treatment for muscle twitching)

ज्यादातर मांसपेशियों के झटके में स्वास्थय इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती है, अगर यह परिस्थिति लगातार दो दिनों से है तो आपको मेडिकल इलाज कराना चाहिए। इस इलाज में अनेक प्रकार के ड्रग का उपयोग किया जाएगा जैसे की:
  • कोर्टिकोस्टेरॉयड (corticosteroids) जैसे बीटामेथासोन (betamethasone) जिसे सलेस्टोन (Celestone) के नाम से भी दिया जाता है और एक और ड्रग जिसका नाम प्रेड्निसोन (prednisone) है जिसको रायोस (Rayos) भी कहते है।
  • मांसपेशियों का आराम प्रदान करने वाले ड्रग जैसे कैरीसोप्रोडोल (carisoprodol) या सोमा और साइक्लोबेंजाप्राइन (cyclobenzaprine) या अम्रिक्स (Amrix)
  • नसों की मांसपेशियों को ब्लॉक करने के ड्रग जैसे इनकोबोटुलिनमटोक्सिन A (incobotulinumtoxin A) जिसे ज़ेओमिन (Xeomin) भी कहते है और एक और ड्रग जैसे रीमाबोटुलिनमटोक्सिन (rimabotulinumtoxin) B जिसे म्योब्लोक (Myobloc) भी कहते है।
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