Wednesday, January 11, 2017

मोबाइल के बुरे प्रभावों से आँखों को कैसे बचाएं

क्या आप थकान और आँखों में सूखेपन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं? और क्या आपको इन दिनों आँखों के आस पास काले घेरे या डार्क सर्कल्स ज़्यादा दिखाई दे रहे हैं? क्या आपको लगातार कुछ समय तक सिर में दर्द का अनुभव हो रहा है जिसकी वजह से आपको  अपने रोजमर्रा के कामों को बेहतर तरीके से करने में असुविधा हो रही है, तो हम आपको बता दें कि, हो सकता है यह समस्या ज़्यादा देर तक मोबाइल के संपर्क में रहने की वजह से हो रही है। मोबाइल की स्क्रीन में हाइ एनर्जी विज़िबल लाइट (high energy visible light) होती है जिसे सामान्य भाषा में ब्लू लाइट (blue light) कहा जाता है। हाइ एनर्जी विज़िबल लाइट कम दूरी की तरंगों के रूप में आँखों के टिश्यूज़ (tissues) को नुकसान पहुंचा सकते हैं। स्टडी में यह प्रमाणित हुआ है कि, ब्लू लाइट या अधिक सामना करने पर रेटिना के उत्तकों को क्षति पहुँचती है जो आँखों में धुंधलापन या अन्य दृष्टि दोषों के समतुल्य है। तो इस बात से यह सिद्ध होता है कि, मोबाली आँखों की सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है। अंधत्व या आँखों के रोग का यह एक मुख्य कारण है। तो अब आप जान गए हैं कि आँखों को नुकसान पहुंचाने के पीछे इन मोबाइल्स की कितनी बड़ी भूमिका है वैसे तो एलईडी बल्ब और सूर्य की रोशनी में भी ये ब्लू लाइट उपस्थित होती है पर इनके संपर्क में हम लगातार नहीं रहते और न ही लगातार एकटक देखते रहते हैं इस मुक़ाबले मोबाइल का प्रयोग हम लगातार लंबे समय टक करते हैं, तो अब आपको अपने मोबाइल के प्रति थोड़ा और जागरूक होने की ज़रूरत है। आज के आधुनिक में सुविधा के साथ अपने कामों को भी आसान करने के लिए मोबाइल एक बहुत बड़ी ज़रूरत बन्न चुका है इसे त्यागना हमारे लिए लगभग नामुमकिन है, पर आँखों की सुरक्षा के लिए कुछ खास उपाय अपनाकर हम इस खतरे को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।

आज मोबाइल के बिना रहना बहुत मुश्किल है तो कुछ खास सावधानियों को ध्यान में रखकर मोबाइल से होने वाले बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है इसके लिए हमे अपनी कुछ आदतों में खास बदलाव करने की भी ज़रूरत है।
मोबाइल पर बिताने वाले समय की सीमा को कम कर इस दिशा में पहला कदम उठाया जा सकता है। अगर आप बहुत ज़्यादा समय तक या देर तक मोबाइल में व्यस्त रहते हैं तो अपनी इस आदत को बदलने की कोशिश कीजिये। इस आदत के साथ ही बाकी आगे आने वाली आदतों को रोजाना के जीवन में शामिल करना आसान हो जाएगा। यह आपके आँखों की सुरक्षा के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

आँखों की पलकों को जल्दी जल्दी झपकें (Blink frequently for mobile se aankhon ka bachaw)

पलकें झपकना एक प्राकृतिक क्रिया है जो आँखों को आराम देने के लिए ज़रूरी है। पलकें झपकाने से आँखों का तनाव भी कम होता है। जब हम मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे होते हैं तो अक्सर पलकें झपकना भूल जाते हैं या सामान्य से कम बार हमारी पलकें झपकती हैं। जब हम मोबाइल पर कुछ कर रहे होते हैं तो आँखों में जलन और सूखापन महसूस होता है। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि, कम पलके झपकाना आँखों की सेहत के लिए हानिकारक होता है इसके साथ ही आँखों में जलन और खुजली होती है। लगातार पलकें झपकाने से आप मोबाइल से निकलने वाली हाइ एनर्जी विज़िबल लाइट के हानिकारक प्रभावों को बहुत हद तक कम कर सकते हैं।

मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के लिए समय सीमा निर्धारित करें (Divide your mobile time)

लगातार मोबाइल कि स्क्रीन कि तरफ एकटक देखने से कई प्रकार की आँखों से संबन्धित समस्याएँ हो सकती हैं जो आँखों की सेहत के लिए नुकसानदायक होती हैं। अगर आप इस समय सीमा को कम नहीं कर सकते तो इसे छोटे छोटे हिस्सों में बाँट लें और एक अंतराल लेते हुये मोबाइल का प्रयोग करें। कोशिश करें कि मोबाइल में बिताया जाने वाला आपका समय 20 मिनट से अधिक न हो। मोबाइल से कुछ दूरी बनाए रखें और हर 20 मिनट के बाद एक अंतराल लें, इस समय मोबाइल से दूर रहें या कुछ देर आंखे बंद करके आँखों को थोड़ा आराम दें। यह आपके आँखों की मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करेगा।

मोबाइल से सही दूरी बनाए (Maintain the right distance)

हमारी माँ हमेशा हमें सही सुझाव देती थी कि टीवी के ठीक सामने नहीं बैठना चाहिए और थोड़ी दूरी से टीवी की स्क्रीन को देखना चाहिए। बहुत पास से स्क्रीन को देखना आँखों के लिए नुकसानदायक होता है। ठीक इसी प्रकार मोबाइल का प्रयोग भी निश्चित दूरी से किया जाना बेहतर होता है।  सही लेवल और सही दूरी पर रखकर किया गया मोबाइल का उपयोग आँखों के खतरों को भी कम करने में मदद करता है और यह नियम केवल मोबाइल ही नहीं वरन पुस्तकों और अन्य दूसरी चीजों पर भी लागू होता है जिसे हम एकटक देखते हुये इस्तेमाल करते हैं। 8 इंच या इससे कम दूरी पर मोबाइल को रखकर इस्तेमाल करने से आँखों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की मात्रा भी ज़्यादा होती है। कभी भी कम से कम 16 इंच या 16 से 18 इंच तक की दूरी पर रखकर ही मोबाइल का प्रयोग किया जाना चाहिए।

मोबाइल रेडिएशन प्रोटेक्शन टिप्स : आँखों में बार बार पानी के छींटे मारे (Mobile radiation protection tips in Hindi : Splash your eyes with normal water frequently)

आँखों को साफ और सबसे आसान तरीके से सुरक्षित रखने के लिए यह उपाय सबसे आम और सरल है। पानी के छींटे मारने से आँखों का सूखापन दूर होता है और इसके साथ लंबे समय से काम करने की वजह से आँखों की थकान भी कम होती है। इस प्रयोग से आँखों की कुछ आम समस्या जैसे आँखों का धुंधलापन (blurred eyes) आदि कम होते हैं। अगर आप एकटक देखते हुये लंबे समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बीच बीच में अंतराल लेकर आँखों में पानी के छींटे मारने चाहिए। यह आपकी आँखों की सेहत के लिए बहुत उपयोगी होता है साथ ही आँखों को होने वाले कई प्रकार के खतरों से भी बचाता है। आँखों को रोगों से बचाने के लिए यह एक आम तरीका है जिसे आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है।

मोबाइल स्क्रीन की चमक को कम करके रखें (Cell phone radiation protection products – Minimize the glare)

अगर आप मोबाइल के प्रयोग की समय सीमा को कम नहीं कर सकते तो आपकी आँखों की सुरक्षा के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि, मोबाइल के ब्राइटनेस को कम कर के रखें। इसकी चमक या तेज रोशनी आँखों को जल्दी प्रभावित करती है। मोबाइल का प्रयोग करते समय हम इस बात को भूल जाते हैं कि इसकी तेज रोशनी हमारी आँखों पर कितना प्रभाव डालती है। वैसे आजकल नए स्मार्टफोंस आ गए हैं जिनकी स्क्रीन पर ग्लेयर प्रोटेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप इस तरह के मोबाइल या स्मार्टफोन का प्रयोग करें तो आपकी आँखों कि सुरक्षा की दृष्टि से यह आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। तो अपने आँखों को इस प्रकार के कष्ट से बचाने के लिए चमकरोधी ग्लास वाली स्क्रीन से बना मोबाइल इस्तेमाल करें।

ब्राइटनेस और कनट्रैस्ट को संतुलित रखें (Adjust the brightness and contrast of the screen)

मोबाइल की स्क्रीन का ब्राइटनेस (brightness) और कनट्रैस्ट (contrast) आँखों पर पड़ने वाले रेडिएशन के दुष्प्रभावों को कम करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हें आरामदायक बनाए रखें। अत्यधिक या अत्यंत कम ब्राइटनेस दोनों ही आँखों पर बुरा प्रभाव डालते हैं। ज़्यादा कनट्रैस्ट चीजों को सटीक और बहुत साफ दिखाने में तो मदद करता है पर इससे आँखों पर तनाव भी ज़्यादा पड़ता है। इसीलिए स्क्रीन के ब्राइटनेस और कनट्रैस्ट दोनों को ही सही स्थिति में रखें ताकि आपकी आँखों पर ज़ोर न पड़े और आँखों को ज़रूरत के अनुसार आराम भी मिलता रहे। आँखों को रेडिएशन से बचाने के लिए यह उपाय बहुत ज़्यादा आवश्यक है। तो अगली बार जब भी मोबाइल इस्तेमाल करें उससे पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके मोबाइल या स्मार्टफोन का ब्राइटनेस और कनट्रैस्ट बिलकुल संतुलित है और आपकी आँखों को कम से कम क्षति पहुँच रही है।

मोबाइल की नियमित साफ सफाई पर ध्यान दें (Take the best care to keep your mobile screen clean)

मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी के रेडिएशन हमारी आँखों का तनाव बढ़ाकर अन्य समस्याएँ भी पैदा कर देते हैं। आंखों का सूखापन, जलन खुजली आदि आम समस्या हैं। यह सब मोबाइल के दुष्परिणाम हैं। पर इन सब के अलावा कुछ और वजह भी है जो मोबाइल के असावधानीपूर्ण तरीके से किए जाने वाले इस्तेमाल को ज़्यादा खतरनाक बना देती है। आँखों की सुरक्षा के लिए मोबाइल संबंधी कई टिप्स ऊपर दिये जा चुके हैं इनके अलावा एक खास बात का भी ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होता है। आप जिस मोबाइल का प्रयोग अपने नियमित कामों के लिए कर रहे हैं उसकी साफ सफाई का भी खास ध्यान रखें। मोबाइल हर वक्त हमारे हाथ या जेब में होता है यहाँ तक की बस या ट्रैवल करते समय भी मोबाइल को हम अपने साथ रखते हैं, इस दौरान न जाने कितने जीवाणु हमारे मोबाइल के संपर्क में आते हैं और उसी में रह जाते हैं। जिन हाथों से हम मोबाइल का प्रयोग करते हैं उन्हीं हाथों से चेहरे या आँखों को यह कई तरह की बीमारियों के वाहक होते हैं इसीलिए अपने मोबाइल की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

मोबाइल स्क्रीन के टेक्स्ट को सही आकार में रखें (Cell phone radiation protection – Set the right text size)

आँखों की अच्छी सेहत के लिए आप अपने मोबाइल की स्क्रीन से टेक्स्ट के आकारों में भी परिवर्तन कर सकते हैं। सेटिंग्स पर जाकर टेक्स्ट साइज़ को आँखों के अनुकूल रखें। मोबाइल स्क्रीन से निकलने वाली नुकसानदायक किरणों से आँखों को बचाने के उपाय बहुत सरल हैं, आप अपनी दिनचर्या में थोड़े से परिवर्तन कर आँखों को इन खतरों से बचा सकते हैं। ये सभी उपाय बड़े ही प्रभावी ढंग से कार्य करते हैं और आपकी आँखों की सुरक्षा में आपकी मदद भी करते हैं। शुरुआत के समय यह सभी उपाय आपको थोड़े असहज लग सकते हैं पर इनके रोज प्रयोग से ये जल्दी ही आपकी आदत में शामिल हो जाते हैं। अगर आप मोबाइल के उपयोग की समय सीमा में कटौती नहीं कर सकते तो आपको इन उपायों का पालन आवश्यक रूप से करना चाहिए। ये छोटे छोटे परिवर्तन आँखों की सेहत और सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी है। ये सामान्य और छोटे छोटे उपाय बड़ी परेशानियों को दूर रखने में आपकी मदद कर सकते हैं। आज मोबाइल हर इंसान की एक ज़रूरत का सामान है जो हमारे कई तरह कामों को आसान बनाने में हमारी मदद करता है, मोबाइल की हानिकारक किरणों से बचाव ही सही सुरक्ष या मोबाइल रेडिएशन सेफ़्टी  (mobile radiation safety) है। लेकिन इसका थोड़ी सावधानी से किया गया प्रयोग इससे होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम कर सकता है।
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