आप कभी सोच भी नहीं सकती है कि आप अपने पीरियड अर्थात मासिक धर्म के टाइम में देरी हो और जब कभी भी ऐसा होता है तो उसके डर से फ़ौरन आपका दिगाग गर्भावस्था की तरफ इशारा करता है लेकिन पीरियड में देरी की वजह गर्भावस्था हो यह जरूरी नही है जीवन में कई अन्य चीजें है जो आपके मासिक चक्र को अव्यवस्थित कर देते है। मासिक धर्म की देरी के आतंक से बाहर निकल कर जब आप गहरी साँस लेती है तो आपको याद आयेंगा की आपकी लाइफस्टाइल भी पीरियड देरी की मुख्य वजह हो सकती है इसलिए इसके बारे में अधिक घबराने की जरूरत यहाँ हम कुछ अन्य कारणों का व्याख्या कर रहे है जो पीरियड में देरी का कारण बन सकते है।
दैनिक दिनचर्या बदलना : आपकी नई नौकरी या एक नए कॉलेज के लिए आपके उठने का समय अगर बार-बार बदलता रहता है या फिर किसी अन्य वजह से आपकी लाइफस्टाइल में निरंतर बदलाव आते रहते है तो आपका मासिक चक्र बिगड़ सकता है। यह सच है कि परिवर्तन हार्मोन भ्रमित करते है जिसकी वजह से अकसर देखा गया है कि पीरियड समय से पहले या फिर देरी से आते है इसलिए अधिक चिंता करने की आवश्यकता नही है एक बार आप अपनी नई दिनचर्या को समायोजित कर देती है तो पीरियड समय वापिस से सामान्य होने लगते है।
ट्रैवलिंग : आप बस ट्रेन या कार में सफर करती है अक्सर देखा गया है कि लंबी उड़ानें, नए स्थानों पर जाने से पीरियड टाइम में बदलाव आते है। कुछ के लिए यह समय जल्दी होता है और कुछ के लिए काफी देर हो सकता है। बिना टेंशन लिए अपनी यात्रा का आनंद ले और कुछ समय देने के बाद आप अपने पीरियड को समायोजित कर लेंगी।
आप स्ट्रेस्ड है : ब्रेकअप,फाइनल एग्जाम या फिर बॉस की वजह से नियमित रूप से आपके जीवन में तनाव पैदा होता रहता है तो आप यह अच्छी तरह जान लें तनाव पीरियड अवधि के प्रभावित होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है और इसके लिए प्रकृति का तरीका ही सबसे बेहतर होता है ना की कोई गोली आपको राहत दे सकती है इसलिए खुद को तनाव से दूर रख खुश रहने का प्रयास करें।
आप बीमार है : जरूरी नहीं की हर बार फ्लू होने पर ही आपका चक्र बिगड़ें कभी-कभी कोल्ड भी आपके पीरियड टाइम को प्रभावित कर सकता है। अगर आप पीरियड समय के आसपास बीमार होती है तो संभावना है कि पीरियड 2 सप्ताह तक लेट हो जाएं इसके अतिरिक्त बैक्टीरिया और वायरस के बॉडी प्रवेश पाने की वजह भी पीरियड में देरी हो सकती है। चिंता मत करिए अगली बार जब आपको छींक आये तो इसका अर्थ यह नही की आपका मासिक धर्म लेट होगा क्योकि हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि यह भी हो सकता है।
अचानक वजन घटना या बढ़ना : धीरे-धीरे वजन बढ़ना या घटना स्वास्थ्य के लिए ठीक रहता है लेकिन परहेज़ करके वजन घटाना या फिर अधिक कैलोरी लेकर वजन प्राप्त करना,बॉडी में अचानक पैदा हुए इस उतार चढ़ाव से पीरियड समय प्रभावित हो जाता है। नए शरीर के लिए आपके बदलते हार्मोन अनुकूल नही रहते जिसका सीधा प्रभाव आपके पीरियड पर पड़ता है इसलिए एक स्वस्थ तरीके से व्यायाम करते हुए ही वजन घटाने या हासिल करने की प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
गिनती में गड़बड़ी : सभी जानती है कि औसतन मासिक चक्र 28 दिनों का होता है लेकिन अधिकतर महिलाएं और लड़कियां इससे थोडा भ्रमित हो जाती है और अपनी तारीखों की गिनती गलत कर लेती है जिसका मतलब वास्तव में देर नहीं हुई होती है। अगर आपने पिछले महीने पीरियड को जल्दी पा लिया है तो संभावना है की अगली बार देर से हो या फिर समय से पहले इसलिए शरीर की इस बदलाव को आपको कबूल करना पड़ेगा। इसके अलावा मामूली अनियमितताओं की वजह से भी पीरियड समय सामान्य नही रहता है।
हार्मोनल असंतुलन : आपको पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम के बारें में जानकर आपको आश्चर्य हो सकता है लेकिन कुछ लड़कियां जानते हुए भी वे इसे पूरे जीवन तक नही जान पाती है। यह एक हार्मोनल असंतुलन है जिसमें एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रोन, और टेस्टोस्टेरोन सीधे आपके पीरियड चक्र को प्रभावित करता है। पीसीओ की वजह से समय में अनियमिता सबसे आम है लेकिन इनके लक्षणों का इलाज आसानी से किया जा सकता है। यदि आपको पीसीओ का संदेह है तो फौरन डॉक्टर से मिलें। थायराइड हार्मोन भी आपके पीरियड समय के साथ खिलवाड़ कर सकता है इसलिए इससे संबंधित विकार से बच कर रहें।
दैनिक दिनचर्या बदलना : आपकी नई नौकरी या एक नए कॉलेज के लिए आपके उठने का समय अगर बार-बार बदलता रहता है या फिर किसी अन्य वजह से आपकी लाइफस्टाइल में निरंतर बदलाव आते रहते है तो आपका मासिक चक्र बिगड़ सकता है। यह सच है कि परिवर्तन हार्मोन भ्रमित करते है जिसकी वजह से अकसर देखा गया है कि पीरियड समय से पहले या फिर देरी से आते है इसलिए अधिक चिंता करने की आवश्यकता नही है एक बार आप अपनी नई दिनचर्या को समायोजित कर देती है तो पीरियड समय वापिस से सामान्य होने लगते है।
ट्रैवलिंग : आप बस ट्रेन या कार में सफर करती है अक्सर देखा गया है कि लंबी उड़ानें, नए स्थानों पर जाने से पीरियड टाइम में बदलाव आते है। कुछ के लिए यह समय जल्दी होता है और कुछ के लिए काफी देर हो सकता है। बिना टेंशन लिए अपनी यात्रा का आनंद ले और कुछ समय देने के बाद आप अपने पीरियड को समायोजित कर लेंगी।
आप स्ट्रेस्ड है : ब्रेकअप,फाइनल एग्जाम या फिर बॉस की वजह से नियमित रूप से आपके जीवन में तनाव पैदा होता रहता है तो आप यह अच्छी तरह जान लें तनाव पीरियड अवधि के प्रभावित होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है और इसके लिए प्रकृति का तरीका ही सबसे बेहतर होता है ना की कोई गोली आपको राहत दे सकती है इसलिए खुद को तनाव से दूर रख खुश रहने का प्रयास करें।
आप बीमार है : जरूरी नहीं की हर बार फ्लू होने पर ही आपका चक्र बिगड़ें कभी-कभी कोल्ड भी आपके पीरियड टाइम को प्रभावित कर सकता है। अगर आप पीरियड समय के आसपास बीमार होती है तो संभावना है कि पीरियड 2 सप्ताह तक लेट हो जाएं इसके अतिरिक्त बैक्टीरिया और वायरस के बॉडी प्रवेश पाने की वजह भी पीरियड में देरी हो सकती है। चिंता मत करिए अगली बार जब आपको छींक आये तो इसका अर्थ यह नही की आपका मासिक धर्म लेट होगा क्योकि हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि यह भी हो सकता है।
अचानक वजन घटना या बढ़ना : धीरे-धीरे वजन बढ़ना या घटना स्वास्थ्य के लिए ठीक रहता है लेकिन परहेज़ करके वजन घटाना या फिर अधिक कैलोरी लेकर वजन प्राप्त करना,बॉडी में अचानक पैदा हुए इस उतार चढ़ाव से पीरियड समय प्रभावित हो जाता है। नए शरीर के लिए आपके बदलते हार्मोन अनुकूल नही रहते जिसका सीधा प्रभाव आपके पीरियड पर पड़ता है इसलिए एक स्वस्थ तरीके से व्यायाम करते हुए ही वजन घटाने या हासिल करने की प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
गिनती में गड़बड़ी : सभी जानती है कि औसतन मासिक चक्र 28 दिनों का होता है लेकिन अधिकतर महिलाएं और लड़कियां इससे थोडा भ्रमित हो जाती है और अपनी तारीखों की गिनती गलत कर लेती है जिसका मतलब वास्तव में देर नहीं हुई होती है। अगर आपने पिछले महीने पीरियड को जल्दी पा लिया है तो संभावना है की अगली बार देर से हो या फिर समय से पहले इसलिए शरीर की इस बदलाव को आपको कबूल करना पड़ेगा। इसके अलावा मामूली अनियमितताओं की वजह से भी पीरियड समय सामान्य नही रहता है।
हार्मोनल असंतुलन : आपको पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम के बारें में जानकर आपको आश्चर्य हो सकता है लेकिन कुछ लड़कियां जानते हुए भी वे इसे पूरे जीवन तक नही जान पाती है। यह एक हार्मोनल असंतुलन है जिसमें एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रोन, और टेस्टोस्टेरोन सीधे आपके पीरियड चक्र को प्रभावित करता है। पीसीओ की वजह से समय में अनियमिता सबसे आम है लेकिन इनके लक्षणों का इलाज आसानी से किया जा सकता है। यदि आपको पीसीओ का संदेह है तो फौरन डॉक्टर से मिलें। थायराइड हार्मोन भी आपके पीरियड समय के साथ खिलवाड़ कर सकता है इसलिए इससे संबंधित विकार से बच कर रहें।
0 comments:
Post a Comment