Wednesday, January 11, 2017

आँख आने से कैसे बचें, कंजक्टीवाइटिस से बचने के आसान घरेलू उपाय

पिंक आई (pink eye) या आँख आना एक संक्रामक रोग है जिसकी वजह से आँखों में सूजन और दर्द रहता है। यह आँख के सफ़ेद हिस्से में विशेष रूप से दिखाई देता है जिसमें आँखों का रंग लाल या गुलाबी हो जाता है। आँख आना एक संक्रमण (infection) के कारण होने वाला रोग है जिसमें वाइरस (virus) के फैलने की वजह से आँखों में यह रोग होता है। यह तेजी से फैलने वाली यह बिमारी वैसे तो कुछ दिनों में बिना इलाज के अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन बैक्टीरिया (bacteria) और वाइरसजनित यह रोग कभी कभी बहुत गंभीर रूप ले लेता है और आँखों को नुकसान पहुंचाता है, इसका समय पर इलाज न होने पर आँखों की रोशनी चली जा सकती है। एलर्जिक कंजक्टीवाइटिस कई कारणों से हो सकते हैं जैसे आँखों में पराग (pollen) चले जाने की वजह से होने वाली एलर्जी जो संक्रमण का कारण बनती है। इसके अलावा धूल या पशुओं के संपर्क में रहने की वजह से उनके शरीर की रूसी (dander) से होने वाला संक्रमण। कई बार यह मौसमी भी होता है जैसे फूलों के पराग कण हवा के माध्यम से उड़ कर आँखों को संक्रमित कर देते हैं।

पिंक आई या आँख आना क्या है? आँख आने का इलाज कैसे करें? (What are pink eye and how you can treat it?)

पिंक आई (pink eye) या आँख आना (aankh aana) एक संक्रमण है जो आँखों को प्रभावित करता है। इसकी वजह से आँखों में लालिमा के साथ सूजन रहती है। कुछ खास उत्पादों या चीजों की वजह से भी यह संक्रमण होता है।

पिंक आई/ कंजक्टीवाइटिस के इलाज के कुछ आसान उपाय (Simple steps to treat your pink eye)

अगर आपको यह रोग है और आप कांटैक्ट लेंस का प्रयोग करते हैं तो इसे निकाल कर चश्मे का प्रयोग करें, जब तक आपका यह इन्फेक्शन ठीक नहीं हो जाता तब तक कांटैक्ट लेंस आँखों में न लगाएँ। आँखों में दर्द और पानी आने की शिकायत को कम करने के लिए ठंडे और गरम सेंक का इस्तेमाल सबसे बेहतर होता है यह उपाय दर्द को कम करने में काफी हद तक मदद करता है। अगर आपको एलर्जिक पिंक आई की समस्या है तो आपको अपनी आँखों में ठंडी सेंक लेनी चाहिए, यह एलर्जी (allergy) के प्रभाव को कम करता है। इसी तरह गर्म सेंक या भाप की सिंकाई भी पिंक आई (pink eye) में दर्द और लालिमा को कम करने में मदद करती है। हमेशा ध्यान रखें की दोनों आँखों में सिंकाई के लिए अलग अलग साफ कपड़े का प्रयोग हो ताकि इन्फेक्शन एक आँख से दूसरी आँख में न फैल सके। हर बार किसी साफ कपड़े या नैपकिन से ही आँखों को पोंछे, अंदर से बाहर की ओर ले जाते हुये आँखों को पोंछना बेहतर होता है। जल्दबाज़ी में कभी भी न भूलें की उपयोग में लाये गए कपड़े या आँखों के लिए इस्तेमाल किए गए नैपकिन को अलग हटा कर रखें, ताकि यह किसी भी तरह से संक्रमण का कारण बन दूसरों को प्रभावित न करें। आँखों को पोंछने के बाद या आँखों को छूने के बाद हाथों को ज़रूर धोएँ, यह इन्फेक्शन को रोकने के लिए बहुत ज़रूरी है।

कंजक्टीवाईटिस के घरेलू उपाय के दौरान पाये जाने वाले लक्षण (Symptoms to be checked during Home Treatments)

कंजक्टीवाईटिस के लक्षणों में आँखों का लाल होना सबसे आम लक्षण है जो इस दौरान देखने को मिलता है। आँख आने पर आँख के सफ़ेद हिस्से में लालिमा के साथ दर्द और जलन भी रहता है। इसके अलावा आँख आने का एक और सामान्य लक्षण आँखों से लगातार पानी का बहना है। इस दौरान आँखों में होने वाले संक्रमण के प्रतिवाद में आँखों से अत्यधिक मात्रा में पानी का रिसाव होता है यह पानी का रिसाव हरे या पीले चिपचिपे पदार्थ के साथ हो सकता है। इसके साथ आँखों की पलकों में सूजन रहती है जो धुंधलेपन का कर्ण भी बन सकती है इसमें आँखों से साफ दिखाई नहीं देता। यह इन्फेक्शन एक आँख से शुरू होता हुआ दोनों आँखों को प्रभावित कर सकता है। आँख आने या पिंक आई के कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं।
  • आँखों में लगातार बढ़ता हुआ दर्द और खुजली
  • आँखों से धुंधला दिखाई देना और कमजोर दृष्टि
  • रोग के लक्षणों में लगातार वृद्धि
  • तेज रोशनी या चमकीली चीजों की तरफ देखने में परेशानी
  • संक्रमण के लक्षण
संक्रमणजनित कंजक्टीवाईटिस (viral conjunctivitis) से तुरंत मुक्ति पाना एक बहुत मुश्किल काम है लेकिन घर पर कुछ घरेलू उपाय द्वारा आप कंजक्टीवाईटिस का प्राकृतिक उपचार कर सकते हैं। इस रोग के इलाज में डॉक्टर एंटीहिस्टामिन (antihistamines) और डीकंजेस्टंट (decongestants) युक्त आई ड्रॉप की सलाह देते हैं। पिंक आई के घरेलू इलाज में गर्म और ठंडी सेंक आँखों के दर्द और लालिमा को कम करने में प्रभावकारी होती है।
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