जोड़ों का दर्द जिसे मेडिकल की भाषा में आर्थराइटिस भी कहा जाता है, वह बीमारी होती है जिसमे दो हड्डियों के जोड़ पर दर्द होता है। जोड़ों में दर्द होना आर्थराइटिस के प्रारम्भिक लक्षण होते हैं हालांकि जोड़ो में दर्द का कारण कई अन्य बीमारियाँ भी हो सकती हैं। जोड़ों का दर्द चलें फिरने पे और भी अधिक बढ़ जाता है ऐसे कामों में जिनमे जोड़ो को मुड़ना पड़ता है, वे सारे काम दर्द को बढ़ाते हैं। घरेलू चिकित्सा द्वारा जोड़ों के दर्द को काफ़ी हद तक दूर किया जा सकता है और अगर नियमित रूप से इन्हें अपनाया जाए तो इस दर्द को दूर भी किया जा सकता है। जोड़ो के दर्द का सबसे आसान तरीका होता है कि जोड़ों को पर्याप्त आराम दिया जाये और चलने फिरने के काम कम किये जाएँ। कुछ व्यायाम भी इस दर्द से निपटने में सहायक होते हैं जिन्हें नियमित रूप से अपनाकर भी इस में आराम पाया जा सकता है।
जोड़ो में दर्द – जोड़ों के दर्द से बचने की घरेलू चिकित्सा (The several home remedies to get rid of joint pain are)
1. जोड़ों के दर्द को दूर करने की घरेलू चिकित्सा – तेल मालिश (Oil massage)
दर्द वाली जगह पर गहराई से की गयी तेल की मालिश भी दर्द से छुटकारा पाने में एक असरदार तरीका है। जोड़ों के दर्द का तेल, किसी अच्छे तेल से लगातार 20 मिनिट तक की गयी मालिश ऊतकों में रक्तसंचार को बढ़ा देता है और दर्द और सूजन को दूर करता है।
2. गठिया के उपचार – गर्म सिंकाई (Heat application)
जोड़ों के दर्द से बचने का एक अन्य तरीका सिकाई है जो एक प्रभावी घरेलू चिकित्सा है। तौलिये को गर्म करके या एक थैली में गर्म पानी को भर के 20 मिनिट तक की गयी जोड़ों की सिकाई जोड़ों के दर्द में शर्तिया आराम पहुंचाती है। सिकाई करने के लिए इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
3. जोड़ों के दर्द को दूर करने की घरेलू चिकित्सा – सेंधा नमक से उपचार (Treatment with Epsom salt)
जोड़ों का दर्द का इलाज, गरम पानी में सेंधा नमक मिलाकर जोड़ों को उसमे डुबो कर रखें या उस पानी को दर्द वाली जगह पर लगातार बहाते रहें । सेंधे नमक में मैग्नम सल्फेट होता है जो एंटी आर्थराइटिस और एंटी इन्फ्लेमेट्री के रूप में जाना जाता है। गर्म पानी से नहाने पर रक्त संचार बढ़ जाता है और जोड़ों के दर्द में आराम पहुचता है।
4. जोड़ों के दर्द का इलाज – स्वस्थ आहार (Indulging into a healthy diet)
कैल्शियम युक्त स्वस्थ आहार भी बहुत फायदेमंद होता है। जोड़ों का दर्द का इलाज, कैल्शियम को हड्डियों की मज़बूती और विकास के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसकी पूर्ति डेरी उत्पादों जैसे दूध, दही एवं अंडा आदि के सेवन द्वारा की जा सकती है। अपने भोजन में प्रतिदिन 1000 मि.ग्रा. कैल्शियम लेना आवश्यक होता है । जोड़ों के दर्द की एक वजह कैल्शियम और पोषक तत्वों की कमी भी होती है।
5. जोड़ों का दर्द – अन्य दवाइयाँ (Other remedies)
एक ग्लास दूध में हल्दी डालकर पीने से भी जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। जोड़ों का दर्द की दवा, अदरक भी इस रोग में एक लाभदायक औषधि मानी जाती है, अपने रोज के भोजन में आधा चम्मच अदरक जरुर खाएं। एक कपड़े में बर्फ़ के टुकड़ों को बाँध कर की गयी ठंडी सिकाई भी जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचाती है । जोड़ों पर गर्म विनेगर को रात में लगाकर सुबह धोने पर दर्द में आराम मिलता है। अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन को न खायें।
6. सेब का सिरका (Apple cider vinegar)
सेब के सिरके की मदद से जोड़ों के दर्द में कमी लाई जा सकती है क्योंकि यह उन सारे विषैले पदार्थों को निकाल बाहर करता है जो सामूहिक कोशिकाओं और जोड़ों के बीच में जमा होकर रहते हैं।
यह अपने अल्कलाईजिंग (alkalizing) प्रभाव की वजह से गठिये के मरीजों के लिए काफी लाभदायक होता है। इसके अलावा इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस (magnesium, calcium, potassium and phosphorus) भी मौजूद होते हैं।
- एक कप गर्म पानी में 1 से 3 चम्मच जैविक सेब का सिरका और थोड़ा सा शहद मिश्रित करें। भोजन करने से पहले इस मिश्रण का सेवन करें और यह आपके जोड़ों के दर्द एवं आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य में काफी सुधार लाने में सहायक साबित होगा।
- आप 1 चम्मच सेब के सिरके के साथ जैतून के तेल (olive oil) का भी मिश्रण कर सकते हैं और दर्दभरे भाग पर तब तक मालिश कर सकते हैं, जब तक यह ठीक ना हो जाए।
7. लाल मिर्च (Cayenne se jodo ka dard in hindi)
कायेन मिर्च में कैपसाईसिन (capsaicin ) पाया जाता है, जिसमें प्राकृतिक रूप से दर्द को कम करने के गुण छिपे होते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि ऐसे जेल (gel) का प्रयोग करना, जिसमें 0.0125 प्रतिशत कैपसाईसिन मिला हुआ हो, हल्के से थोड़े तीव्र मात्रा में घुटनों के ओस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) की पीड़ा, जिसका शिकार ज़्यादातर महिलाएं होती हैं, कम करने में मददगार साबित होता है।
- आधे कप नारियल के तेल को हल्का गर्म करें और इसमें 2 चम्मच पाउडर वाला कायेन मिर्च डालें। इस तेल का प्रयोग प्रभावित भाग पर करें और इस भाग को करीब 20 मिनट के लिए छोड़ने के बाद इसे धो लें। रोजाना दिन में कई बार इस उपचार का प्रयोग करें जब तक आपका दर्द कम ना हो जाए।
- आप दर्द भरे भाग पर कैपसाईसिन क्रीम का भी प्रयोग कर सकते हैं।
नोट – कायेन के प्रयोग से शुरुआत में काफी जलन हो सकती है, अतः इसका इस्तेमाल खुले ज़ख्मों पर ना करें।
8. लहसुन (Garlic)
लहसुन गठिये और जोड़ों के दर्द के मरीजों के लिए काफी प्रभावशाली सिद्ध होता है, क्योंकि इसमें सल्फर और सेलेनियम (sulfur and selenium) की मात्रा पायी जाती है। जोड़ों के दर्द और सूजन का उपचार सल्फर की मदद से होता है और शोधों के मुताबिक़ सेलेनियम में भी एंटी रूमेटिक (antirheumatic) तत्व पाए जाते हैं। ऐसा भी पाया गया है कि गठिये के मरीजों में सेलेनियम की काफी कम मात्रा पायी जाती है।
- अपने भोजन में कच्चा या पका हुआ लहसुन अवश्य शामिल करें। आप बिना किसी नुकसान के लहसुन के 2 से 3 फाहे आसानी से खा सकते हैं। अगर आपको लहसुन की महक या स्वाद से कोई परेशानी हो रही है जैसी कि कई लोगों को होती है, तो आप लहसुन से युक्त पूरक पदार्थ ले सकते हैं। (लेबल (label) में दिए गए निर्देशों को अच्छे से पढ़ लें)
- अगर आप चाहें तो आप लहसुन के दो फाहों को 2 चम्मच सरसों या तिल के तेल में तल सकते हैं। जब लहसुन के फाहे काले होने लगें तो आंच बंद कर दें और तेल को भी छान लें। तेल को तब तक ठंडा होने दें, जब तक यह सहने लायक गर्म हो जाए और फिर इससे प्रभावित भाग की मालिश करें। इसे कम से कम 3 घंटे के लिए छोड़ दें और फिर धो लें। रोजाना इसका प्रयोग 2 बार करें और आपको सुधार दिखाई देगा।
9. अदरक (Ginger se joron ka dard ka ilaj)
अपने जलनरोधी गुणों की वजह से अदरक मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द का प्राकृतिक उपचार साबित होता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि घुटनों के दर्द और ओस्टियोआर्थराइटिस से जूझ रहे मरीजों पर अदरक के प्रयोग से काफी सुधार देखा जा रहा है।
- अदरक की चाय का सेवन करें या फिर अपने खानपान में अदरक की जड़ या फिर सूखे अदरक के पाउडर को शामिल करने का प्रयास करें। एक कप अदरक की चाय बनाने के लिए अदरक का एक छोटा टुकड़ा काटें और इसे एक कप पानी में रखकर 10 मिनट तक उबाल लें और फिर छान लें। अगर आप इसके स्वाद को मीठा बनाना चाहते हैं तो इसमें थोड़े से शहद का मिश्रण भी किया जा सकता है।
- आप वैकल्पिक तौर पर बराबर मात्रा में अदरक, हल्दी और मेथी पाउडर का मिश्रण कर सकते हैं। इस मिश्रण का सेवन रोजाना सुबह और शाम में करें एवं संतोषजनक परिणाम प्राप्त करें।
10. बिच्छु बूटी (Stinging nettle)
कई वृहत शोधों से पता चला है कि बिना किसी बड़े नुकसान के बिच्छु बूटी जोड़ों के दर्द का काफी इलाज साबित होती है वैसे तो इसके कारणों के बारे में ज़्यादा कुछ पता नहीं चल सका है, पर ऐसा माना जाता है कि इसमें जलनरोधी तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसमें काफी उच्च मात्रा में बोरोन (boron) पाया जाता है जो कि स्वस्थ हड्डियों और जोड़ों के लिए काफी ज़रूरी होता है।
- एक कप गर्म पानी में सूखे बिच्छु बूटी के पत्तों को 10 से 15 मिनट तक डुबोकर रखें। इसके बाद इसे छानकर इसका सेवन करें। इस चाय को दिन में 3 बार रोजाना तब तक पियें जब तक आपको प्रभावी परिणाम प्राप्त नहीं हो जाते।
- दर्द से प्रभावित भाग पर आप ताज़ी बिच्छु बूटी की पत्तियां 30 सेकंड तक लगाकर रख सकते हैं। करीब 1 हफ्ते तक रोजाना ऐसा एक बार ज़रूर करें। शुरुआत में इससे पीड़ा होगी पर बाद में आपका दर्द काफी कम हो जाएगा।
नोट – यह जड़ीबूटी कभी कभी रक्त पतला करने की प्रक्रिया और रक्तचाप, ह्रदय तथा मधुमेह की दवाइयों को भी प्रभावित कर सकती है।
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