माइग्रेन या आधा शीश दर्द
- जब सिर दर्द हो दोनों नाक के अंदर शुद्ध शहद की एक एक बूँद टपकाए व उसे सांस द्वारा खींच कर सूंघें, आराम मिलेगा।
- माइग्रेन में शहद का सेवन भी बहुत लाभकारी है। भोजन के बाद नित्य 2चम्मच शहद का सेवन करना लाभकारी है।
- गाय का ताजा घी थोड़ा सा लेकर उसमे नमक मिला दें , इसे दिन में 3 या चार बार सूँघे। कुछ दिन तक इसे लगातार करें।
- 10 ग्राम काली मिर्च चबाकर २० ग्राम के करीब गाय का घी पी लेने से माइग्रेन में काफी लाभ होता है
- माइग्रेन होने पर देशी घीं व चीनी से बनी बनी जलेबी को रात को काँच के बर्तन में दूध में भिगाकर रख दें तथा सुबह खा लें। कुछ दिन ये प्रयोग करें।
- 10 ग्राम करीब बूरा एक गिलास पानी में घोल कर सुबह सूर्योदय से पहले पी ले , अवश्य लाभ होगा। कुछ दिन लगातार इसे करें। डायबिटीज़ के रोगी इसे ना करें।
- माइग्रेन होने पर पका हुआ अमरुद रोज खाएं और कच्चा अमरुद घिस कर माथे पर लगाएं।
- हरड , बहेड़ा ,आंवला , हल्दी ,नीम की छाल तथा गिलोय को बराबर मात्रा में ले कर आधा लीटर पानी के साथ पकाएं जब आधा रह जाये तो छान लें। 5 -5 ग्राम की मात्रा सुबह व शाम को गुड या चीनी मिला कर खाएं , ये प्रक्रिया लगातार करें। सिरदर्द की ये रामबाण दवा है।
- गाजर की पत्तियों का रस बार बार सूंघने से माइग्रेन में लाभ होता है।
- गाजर को पानी में घिस कर माथे पर लेप लगाने से दर्द में आराम होता है।
- 1 ग्राम काला जीरा व 3 ग्राम सैंधा नमक मिलाकर सूंघने से सिर दर्द कम होता है।
- पीली मिट्टी जिसे चिकनी मिट्टी भी बोलते है उसे रात को पानी डाल के काँच या चीनी मिट्टी के बर्तन में भीगा दें ,सुबह पानी निथार के उस पानी को सूंघ ले। लगातार यही रोज करे। अवश्य लाभ होगा।
- भ्रस्त्रिका , कपालभाति , उज्जायी , अनुलोम – विलोम , भ्रामरी ,उदगीत व ध्यान ये सातों प्राणायाम नित्य करने से माइग्रेन जैसी लाइलाज बीमारी भी जड़ से समाप्त हो जाती है।
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