Thursday, January 12, 2017

आश्चर्यजनक औषधि के रूप में इमली का उपयोग

इमली दक्षिण भारतीय व्यंजनों में प्रयोग किये जाने वाले सबसे सामान्य मसालों में से एक है। इमली के पेड़ का वैज्ञानिक नाम टामारिंडस इंडिका (Tamarindusindica) है। यह सारे भारत में विख्यात है और अपने खट्टे मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है। इस पौधे में कुछ बेहतरीन औषधीय गुण होते हैं। गूदे युक्त इमली का फल एक फली के रूप में आता है जो पतली परतों से ढका रहता है। इसके कई तरह के स्वास्थ्य गुण होते हैं जिनके बारे में हमें पता भी नहीं है। इस लेख में इस ख़ास तत्व के बेहतरीन औषधीय गुणों पर प्रकाश डाला गया है।

इमली के लाभ हाजमा सही करे और कब्ज़ दूर करे (Promotes digestion and eases constipation)

इमली के सबसे पहले औषधीय गुणों में से एक है इसका लैक्सेटिव (laxative) गुण है। इमली में काफी मात्रा में खाद्य फाइबर्स (dietary fibers) होते हैं जो पेट का भार बढ़ाने और हाजमे को दुरुस्त करने का काम करता है। इसके अलावा यह मलत्याग करने में भी आपकी मदद करता है तथा कब्ज़ एवं पेट में सूजन जैसी समस्याओं से मुक्ति दिलाता है। इमली में मौजूद फाइबर (fiber) खाने में मौजूद विभिन्न विषैले तत्वों के साथ मिश्रित होकर मलाशय के म्यूकस मेम्ब्रेन (mucus membrane) की सुरक्षा करता है एवं रसायनों के हानिकारक प्रभावों से बचाता है।

दिल के स्वास्थ्य को बरकरार रखे (Promotes cardiovascular health)

इमली दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी काफी प्रभावी साबित होती है। इमली में मौजूद तत्वों में रक्त में मौजूद लो डेंसिटी लिपिड्स (Low Density Lipids) या खराब कोलेस्ट्रोल (cholestrol) के स्तर को कम करने की क्षमता होती है। इससे उच्च डेंसिटी के लिपिड की मात्रा अपने आप बढ़ जाती है और ह्रदय के स्वास्थ्य में काफी सुधार आता है। इमली में मौजूद फेनोल्स तथा एंटीऑक्सीडेंटस (phenols and antioxidants) खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करते हैं, जिससे हमारे दिल की प्रणाली को लिपिड डेपोसिशन (lipid deposition) से सुरक्षा प्राप्त होती है। इमली में अच्छी खासी मात्रा में पोटैशियम (potassium) की मात्रा होती है जो दिल के स्वास्थ्य के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है तथा रक्तचाप को भी कम रखने में मदद करता है।

इमली के उपयोग से एनीमिया का इलाज करे (Treats anemia)

इमली में काफी मात्रा में आयरन होता है जो कि लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए काफी आवश्यक है। ये कोशिकाएं शरीर में ऑक्सीजन (oxygen) का संचार करती हैं। आयरन साइटोक्रोम ओक्सिडेजेस (cytochrome oxidases) के एंजाइम्स (enzymes) का भी एक सह कारक साबित होता है। एनीमिया एक गंभीर अवस्था है जिसके अंतर्गत कमज़ोरी और ध्यान लगाने में असमर्थता की समस्याएं आती हैं जो आपके जीवन को काफी बुरी तरह प्रभावित करती हैं। इमली में मौजूद आयरन की मात्रा एनीमिया  का उपचार करने तथा शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में सहायक होती हैं।

इमली के फायदे से आँखों की रोशनी बढ़ाए (Promotes eye sight)

इमली विटामिन ए (vitamin A) से भरपूर होती है जिसके फलस्वरूप आपके आँखों की रोशनी तेज़ होती है और आपको रतौंधी जैसी बीमारियों से सुरक्षा प्राप्त होती है। विटामिन ए के अलावा इमली में फॉस्फोरस (phosphorous) की भी अच्छी खासी मात्रा होती है, जिसका आपकी आँखों की रोशनी पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। अपने रोजाना के भोजन में इमली को अवश्य शामिल करें। यह बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होती है और सही पोषण तथा आँखों की रोशनी में वृद्धि करने में सहायक होती है।

इमली के औषधीय गुण है स्कर्वी को ठीक करे (Cures scurvy)

इमली विटामिन सी (vitamin C) से भरपूर होती है जो शरीर में एक मुख्य विटामिन की भूमिका अदा करती है। विटामिन सी की कमी से कई समस्याएं जैसे स्कर्वी, जिंजीवाइटिस (gingivitis), संयोजक कोशिकाओं में समस्या तथा अन्य परेशानियां पैदा हो सकती हैं। विटामिन सी की कमी को तनाव और थकान से भी जोड़कर देखा जाता है। इमली में मौजूद विटामिन सी की उच्च मात्रा ना सिर्फ ऊपर लिखित समस्याओं से आपको छुटकारा दिलाती है, बल्कि इन्हें ठीक करने में भी आपकी मदद करती है। अतः अगर आपको लगता है कि आपके खानपान में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा शामिल नहीं है तो अपने रोजाना के भोजन में इमली के अंश को सम्मिलित करके आप अपनी विटामिन सी की ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं।

थाइरोइड की समस्या को ठीक करे (Cures thyroid disorders)

इमली का प्रयोग थाइरोइड की समस्या को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। इमली के अंश का प्रयोग आयुर्वेद में थाइरोइड की समस्या को ठीक करने के लिए एक औषधि की तरह किया जाता है। इमली में मौजूद तत्व और इसमें भरपूर खनिज पदार्थों की मौजूदगी थाइरोइड ग्रंथियों के रिसने को नियंत्रित करती है और इस तरह ज़्यादा या कम प्रतिक्रिया करने वाली थाइरोइड ग्रंथियों की समस्या को ठीक करने में यह मददगार साबित होता है।

इमली के गुण मधुमेह के नियंत्रण में सहायक (Helps in diabetes management)

इमली मधुमेह पर नियंत्रण करने में भी प्रभावी साबित होती है। इस फल का गूदा पारंपरिक औषधियों में प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग भोजन करने के बाद रक्त के ग्लूकोस (glucose) के स्तर में हुई वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए होता है। अपने भोजन में इमली को शामिल करने से रक्त के ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है, जो कि मधुमेह के मरीजों के लिए काफी आवश्यक है। इमली के पेस्ट और जामुन से बना काढ़ा रक्त में शुगर (sugar) की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है।

शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंटस का मिश्रण (A mixture of strong anti-oxidants)

एंटीऑक्सीडेंटस ना सिर्फ आतंरिक अंगों को ऑक्सीडेटिव (oxidative) तनाव से सुरक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि यह कैंसर (cancer) से भी आपको सुरक्षित रखते हैं। इमली में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस तथा फाइटोकेमिकल्स (phytochemicals) मौजूद होते हैं। इसमें लिमोनेन, सिनामिक एसिड तथा कई अल्कालॉयडस (limonene, cinnamic acid as well as a number of alkaloids) होते हैं जो शरीर के अन्दर काफी प्रभावी और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंटस का काम करते हैं तथा इसमे मौजूद मरम्मत एवं औषधीय गुणों का पूरा प्रयोग होता है। यह फल बीटा कैरोटीन (Beta carotene) जैसे फाइटो न्यूट्रिएंट्स (phyto nutrients), जिसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा होती है। इमली में मौजूद टार्टरिक एसिड (tartaric acid) शरीर को फ्री रेडिकल्स (free radicals) के नकारात्मक कार्यकलापों से बचाता है।

विटामिन और खनिज पदार्थों का बेहतरीन स्त्रोत (A rich source of vitamins and minerals)

विटामिन्स और खनिज पदार्थ शरीर के अच्छे से चलने और प्रतिरोधक क्षमता के कार्यशील रहने के लिए काफी ज़रूरी होते हैं। इमली इस तरह बनी होती है कि इसमें कई महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज पदार्थ भरे होते हैं। इसमें विटामिन ए, सी, इ, के (Vitamins A, C, E, K) तथा थायमिन, पाइरिडॉक्सिन, नियासिन तथा फोलेट्स (thiamin, pyridoxine, niacin and folates) भी मौजूद होते हैं। खनिज पदार्थों में आयरन के अलावा इसमें  कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, सेलेनियम, फॉस्फोरस और जिंक (calcium, copper, magnesium, selenium, phosphorous and zinc) भरे होते हैं।

वज़न नियंत्रित करने में सहायक (Helps in weight management)

इमली में फाइबर (fiber) की काफी उच्च मात्रा होती है जिसकी वजह से इससे  आपकी भूख भी मिटती है और आपके द्वारा ज़्यादा कैलोरी (calorie) का सेवन भी नहीं होता। अगर आप वज़न घटाने की कोशिश कर रहे हैं तो आपको ऐसे आहार पर विश्वास करना चाहिए जिसमें  कैलोरी कम हो पर जिसमें पोषक तत्व तथा फाइबर्स की मात्रा ज़्यादा हो। इमली एक ऐसा फल है जो इन सारी ज़रूरतों को पूरा करती है। अतः अगर आप वज़न घटाने का प्रयास कर रहे हैं तो एक गिलास ताज़ा इमली के अंश का सेवन भोजन के बीच करने से आपको काफी लाभ मिलेगा।

त्वचा के संक्रमणों को ठीक करे (Cures skin infections)

इमली में प्राकृतिक एंटी माइक्रोबियल (antimicrobial) गुण होते हैं और यह त्वचा को सुकून भी प्रदान करता है। कीड़े के काटने या त्वचा के चिडचिडेपन जैसे खुजली या त्वचा के लाल हो जाने की स्थिति में इमली का गूदा काफी प्रभावी साबित होता है। इमली का गूदा हल्दी के साथ मिश्रित करने पर त्वचा के संक्रमणों से काफी प्रभावी तरीके से लड़ने में सक्षम है। इमली के रस का सेवन करने से आपकी  त्वचा काफी बेहतर हो जाती है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट तथा विटामिन सी की मात्रा रहती है।
इमली का फल भारतीय व्यंजन मसाला में बहुत लोकप्रिय है। इमली के खट्टे स्वाद के कारण इसके कई उपयोग है ।यह जाम मीठे पेय या स्नेक्स के साथ मिठाई को बनाने में प्रयोग किया जाता है। इमली में ज्वरनाशक,सर्द और एंटिसेप्टिक के रूप में कुछ गुण शामिल है, इसे स्वाद के लिए चटनी , करी और अचार जैसे खाद्य पदार्थो में इस्तेमाल किया जाता है।

चिकित्सा के लिए उपयोग (Medical benefits)

भूख में कमी (Lack of hunger me imli ke fayde)

अगर आपको भूख नही लगती है, तो इसके लिए एक कटोरी में पानी ले उसमे गुड़, इमली का गुदा, दाल चीनी का छिलका और इलायची अच्छे से मिलाये फिर इसे मुह में आहार के रूप में चुसे।

कान की समस्या (Ear problem)

एक व्यक्ति को अगर कान में गंभीर दर्द है, तो  तेल के साथ इमली का रस असरदार काम करता है।

जुकाम (Cold me imli ke gun)

इमली के फलो के सूप से तीव्र ठण्ड का इलाज किया जा सकता है।

दस्त (Diahorrea)

कुछ इमली के बीज लो उन्हें सुखा कर पिसे और उसमे अदरक पावडर, विशप घास और सेंधा नमक मिलाये और थोडा सा मक्खन मिलाये फिर इसे दूध के साथ पिये।

आँख रोग के लिए (For eye problem)

दूध के साथ इमली का रस ले और से अच्छे से मिला ले अगर आपकी आँखों में दर्द या जलन हे तो इस तरल पदार्थ को आँखों में लगा ले अगर आपकी आँखों में खुजली हो रही हो तो काली मिर्च घी और इमली के बने पेस्ट को लगा ले खुजली कम होगी।

झाई पड़ना (Freckles)

इमली की जड़ की छाल लीजिये इसे पीसकर इसका पेस्ट बना लीजिये और लगा लीजिये झाई पड़ना कम हो जायेगा।

बवासीर (Piles)

बराबर तेल और घी बराबर मात्रा में गर्म करे और इसमें इमली की पत्तिया तल ले अब इसमें अनार के बीज सुखा अदरक और धनिया पावडर पर्याप्त मात्रा में डाले इसे अच्छे से पकाने के बाद इसमें दही मिला ले इसे आप नियमित रूप से ले अच्छे परिणाम मिलेंगे इमली के गुदे के साथ दलिया के द्वारा भी रक्तस्त्राव बवासीर को ठीक किया जा सकता है।

खांसी (Cough me imli ke labh)

एक कटोरी में इमली का गुदा,उसमे दो चम्मच हल्दी, कुछ चमेली की पत्तिया ले और उन्हें अच्छी तरह से पीस ले जब भी आपको खांसी हो तो ये खा ले आपको राहत मिलेगी।

घाव और सूजन (Wound and sweeling)

एक कटोरी में गेहूं का आटा, इमली के पत्ते, इमली का रस एक चुटकी नमक ले और इसे उबाल ले अब इस गर्म पेस्ट को घाव या सुजन की जगह पर लगा ले इससे सुजन के दर्द को और भी राहत मिलती है सुजन को कम करने के लिए इमली का गुदा और नींबू का रस भी लगा सकते है।

पाचन (Degistive)

पाचन की समस्याओ के आयुर्वेदिक उपचार के लिए इमली के बीज का इस्तेमाल किया जा सकता है इमली के बीज को पीसकर इसके पाउडर को पानी के साथ ले सकते है।
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