Wednesday, January 11, 2017

करेले के औषधीय एवं स्वास्थ्य गुण

करेला एक बहुप्रचलित सब्जी है, जो हर लगभग हर मौसम में पाई जाती है, वैसे तो करेला एक कड़वा फल है जिसे सब्जी या तरकारी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम मोमोर्डिका क्वारंटीन (momordica quarantine) है जिसे  हिन्दी नाम करेला के अलावा बिटर मेलन (bitter melon) या बिटर स्क्वेश (bitter squash) के नाम से भी जाना जाता है। उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय जगहों पर पाई जानने वाली करेले की यह बेलें कुकुरबिटेसी (cucurbitaceae) परिवार से संबंधित है। इसके फलों के बीच में कई सारे बीज भरे होते हैं जिन पर एक मोटा आवरण होता है। बीजों के बाहरी भाग में भी एक पतला आवरण होता है। करेले के रस का उपयोग कई वर्षों से चीनी दवाओं में होता आ रहा है जो बिना किसी दुष्प्रभाव के लोगों द्वारा उपयोग की जाती रही है।

करेले में मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स (Vitamins and minerals in bitter gourd)

करेले में कई तरह के विटामिन और मिनरल या खनिज तत्व प्राकृतिक रूप से पाये जाते हैं जो इस प्रकार हैं – विटामिन ए, विटामिन बी6, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन बी6, राइबोफ्लेविन, पेंटोथेनीक एसिड, फ़ोलेट, लाइकोपेन, नियसिन, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, मैंगनिशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, जिंक और पानी। ये सभी विटामिन्स और मिनरल्स करेले में मौजूद होकर शरीर के मेटाबोलिस्म को बेहतर करते हैं।

करेले के औषधीय उपयोग (Medical benefits of bitter gourd)

करेले की मदद से डायबिटीज़ का घरेलू उपचार (Diabetes me karela ka juice)

  1. करेले में पॉलीपेप्टाइड (polypeptide) नामक तत्व मौजूद होता है, बोवाइन इंसुलिन (bovine insulin) के समतुल्य होता है। रिसर्च स्टडीज़ में यह पाया गया है कि, जब शर्करा या कोई मीठा तत्व शरीर में पहुंचता है तो यह शरीर को इसे बर्दाश्त करने के योग्य बनाने में मदद करता है, करेला एक उत्तेजक की तरह शरीर में प्रभाव डालता है।
2. डायबिटीज़ या शुगर की बिमारी में करेले को एक देशी दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
3. करेला शरीर में शर्करा (sugar) के स्तर को कम करने में मदद करता है, जिससे डायबिटीज़ में लाभ होता है।

करेला के फायदे कैंसर में (Karele ke fayde Cancer me)

एक स्टडी में यह पाया गया है कि, करेले के रस को एशिया और अफ्रीका में सामान्यतः प्रयोग में लाया जाता है। करेले का नियमित उपयोग अग्नाशय में होने वाले कैंसर को बढ़ने से रोकता है, ग्लोकोज़ मेटाबोलिस्म कैंसर (cancer) की कोशिकाओं को प्रभावित कर शरीर की सुरक्षा करते हैं।

त्वचा के रोगों को दूर करने में करेले के गुण (Psoriasis me karele ke gun)

रक्त में अशुद्धि की वजह से त्वचा विकार जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। करेले के उपयोग से रख की सारी अशुद्धियाँ दूर हो जाती हैं और रक्त कोशिकाओं (blood cells) को भी साफ करने में मदद मिलती है।

वजन घटाने के घरेलू उपाय में करेले का उपयोग (Weight lose)

करेला न केवल शरीर को भीतर से सेहतमंद रखता है बल्कि यह शरीर को सभी प्रकार से संतुलित कर वजन बढ़ाने के लिए उत्तरदायी तैलीयता या फैट को गलाकर बाहर निकालता है।

उच्च रक्तचाप कम करने में सहायक (Hypertension)

करेले का उचित मात्रा में किया गया उपयोग शरीर के लिए कई प्रकार से लाभदायक होता है। यह उच्चरक्तचाप (hypertension) को कम करता है। इसके अलावा यह ग्लूकोज के स्तर में आई कमी की वजह से होने वाली बिमारी हाइपोग्लाइसीमिया (hypoglycaemia) के प्रभाव को भी कम करने में सहायक होता है।

आँखों को सुरक्षित रखता है करेला (Eyesight)

करेले में मौजूद बीटा कैरोटीन (beta carotene) तत्व आँखों की सुरक्षा करता है। यह आँखों को कई तरह के रोगों से बचाता है और नज़र दोषों को भी दूर करता है।

करेले के रस के स्वास्थ्य लाभ (Bitter melon Juice)

  1. रक्त (blood) को साफ करता है।
2. बवासीर (piles) से पीड़ित रोगी के उपचार में करेले का रस फायदेमंद होता है।
3. कृमि (worms) समस्या में मदद करता है, इसे बच्चों के लिए खास तौर पर उपयोगी माना गया है।
4. दमा (asthma) के रोगियों के लिए लाभदायक होता है।
5. त्वचा रोगों की में करेले के रस का प्रयोग काफी प्रभावी समझा जाता है।
6. कुष्ट रोग (leprosy) में लाभदायक
7. पाचन को बेहतर बनाने में मददगार
8. मलेरिया (malaria) के उपचार में सहायक

गर्भधारण या प्रेग्नेंसी में करेले के फायदे (Pregnancy me karele ka juice)

इसमें मौजूद तत्व तंत्रिका तंत्र में होने वाली क्षति की मरम्मत करता है। यह गर्भधारण के शुरुआती समय के लिए काफी मददगार होता है।

करेला का जूस एंटीऑक्सीडेंट्स है (Antioxidant)

करेले का रस एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) माना जाता है। यह शरीर से टॉक्सिन (toxin) को निकाल कर बाहर करता है। शरीर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है और सूक्ष्म कणों के दुष्प्रभावों से शरीर को बचाता है। धूम्रपान (smoking) की लत के शिकार लोगों के लिए करेले का रस खास रूप से फायदेमंद होता है यह इस बुरी लत को छुड़ाने में सहायता करता है। शरीर के भीतर जमा निकोटिन तत्व को भी बाहर निकालने के लिए करेला खास मदद करता है।

करेले के गुण – इम्यून सिस्टम को बेहतर करने में (Boost your immune system)

करेला शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाकर रोगों और जिवाणुओं से शरीर की रक्षा करने का कार्य करता है। करेला एलर्जी और अपचन को सुधारने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को रोगों से बचाने के लिए वाइरस और फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं। ये हमारे शरीर को बुखार और सूक्ष्म कानों से होने वाले भीतरी डैमेज से भी बचाकर शरीर को रोगमुक्त रखते हैं। एक रिसर्च में यह बताया गया है कि, करेले को अपने आहार में शामिल करने से तीन तरह के कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है।

अस्थमा का प्राकृतिक उपचार करेला से (Bitter gourd juice for Asthma)

करेले का जूस अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत अधिक लाभदायक माना गया है। पुरानी खांसी के इलाज में करेले का प्रयोग बहुत प्रभावी है। अगर आप प्राकृतिक तरीके से लंबे समय से चली आ रही खांसी का इलाज करना चाहते हैं तो आपको नियमित रूप से करेले को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। करेले का प्रयोग जूस या अन्य तरह से भी लिया जा सकता है।

त्वचा रोगों का इलाज करेले के द्वारा (Bitter gourd benefits for skin)

करेले का जूस शरीर के लिए हर प्रकार से बहुत अधिक फायदेमंद होता है, इसकी मदद से त्वचा में दिखाई दे रही महीन रेखाओं को कम किया जा सकता है। यह त्वचा की बाहरी परत को कोमल और चिकना बनाता है जिससे आपकी त्वचा बिलकुल साफ और सुंदर दिखाई देती है।

हैंगओवर हटाने का उपाय और किडनी की सफाई के लिए करेले का प्रयोग (Cures hangovers and cleanses the liver)

करेले का रस या जूस शरीर में अल्कोहल की वजह से बने टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करती है साथ ही किडनी कि सफाई का काम भी करती है। अल्कोहल लेने कि वजह से जो नशा या हैंगओवर होता है उसे उतारने के लिए भी करेले का जूस बहुत उपयोगी है। यह पेट या आंतों से संबन्धित कई परेशानियों को दूर करता है। मोमोर्डिका चरंशिया (momordica charantia) एक ऐसा घटक है जो किडनी फेल होने से बचाता है।

करेले के फायदे – पाचन में सहायक (Benefits for digestion)

करेले का रस या जूस पाचन में सहायक होता है, यह पाचन क्रिया में सहायता करने वाले एंजाइम्स के निर्माण की प्रक्रिया को तेज करता है। अच्छे पाचन के लिए करेले का सेवन या करेले के जूस का सेवन करना बहुत लाभप्रद है।

एचआईवी एड्स से बचाए करेला (HIV/AIDS me karele ke upay)

एक स्टडी में यह प्रकाशित किया गया है कि, लगातार करेले का जूस नियमित रूप से लेने पर एड्स के रोगी की हालत में सुधार आता है। करेले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं।

करेले के जूस में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा (Nutrition value of karela juice)

करेले या करेले के जूस में लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो शरीर की स्वस्थ रहने में हर तरह से मदद भी करते हैं। करेले में विटामिन्स और मिनरल्स दोनों ही उपस्थित रहते हैं। करेले के जूस का रोजाना सेवन करने से यह दिन भर में शरीर के लिए उपयोगी पोषण की कमी को दूर करता है, करेले के जूस में मौजूद जो द्रव होता है उसमें कई तरह के घुलनशील विटामिन जैसे विटामिन सी , B1, B2 और B3 उपस्थित होते हैं। इनके अलावा इसमें मैंगनीज, फोलिक एसिड, जिंक, एल्कालाइड आदि भी होते हैं। इसमें मौजूद ये सभी विटामिन्स और मिनरल्स बाकी सब्जियों की अपेक्षा अधिक फायदेमंद और पोषकवर्धक होते हैं।

100 ग्राम करेले के जूस में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा (Nutritional value per 100gm of karela juice / bitter gourd nutrition)

  • एनर्जी 17 कैलोरी
  • कार्बोहाइड्रेट 3.70 ग्राम
  • प्रोटीन 1 ग्राम
  • कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम
  • फाइबर 2.80 मिलीग्राम
  • नियासिन 0.400 मिलीग्राम
  • फ़ोलेट 72 माइक्रोग्राम
  • पैरिडोक्सिन 0.043 मिलीग्राम
  • राइबोफ्लेविन 0.040 मिलीग्राम
  • थाइमिन 0.040 मिलीग्राम
  • सोडियम 5 मिलीग्राम
  • पोटेशियम 296 मिलीग्राम
  • कैल्शियम 19 मिलीग्राम
  • कॉपर 0.043 मिलीग्राम
  • आयरन 0.43 मिलीग्राम
  • जिंक 0.80 मिलीग्राम
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