Thursday, January 12, 2017

घरेलू चिकित्सा उपचार - चिकन पॉक्स (छोटी माता)

वेरिसेला- जोस्टर नामक विषाणु से होने वाला चिकेन पॉक्स, छोटी माता बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाला एक संक्रामक रोग है। चिकन पॉक्स के लक्षण, चिकन पॉक्स (छोटी माता से ग्रसित व्यक्ति में खुजली होना, शरीर व चेहरे पर लाल चकत्ते होना, बुखार आना और भूख न लगना जैसे लक्षण पाए जाते हैं। चिकन पॉक्स (छोटी माता) अधिकांशतः उन लोगों में फैलता हैं जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है साथ ही शिशुओं में भी यह बीमारी माँ के माध्यम से फैलती है। यह सारे लक्षण लगातार 2 हफ्तों तक बने रहते हैं। यहाँ दी जा रही घरेलू चिकित्सा आपको खुजली से तो बचाएगी ही साथ ही चिकेन पॉक्स के वायरस को भी फैलने से रोकेगी।

चिकन पॉक्स होने के कारण (Causes of chicken pox)

  • चिकन पॉक्स होने के मुख्य कारण एक व्यक्ति के शरीर पर संक्रमित होने के बाद रैश (rash) का उभरना होता है।
  • चिकन पॉक्स के फूटे हुए फोड़ों के संपर्क में आने की वजह से भी यह हो सकता है।
  • प्रतिरोधक क्षमता के कमज़ोर होने की वजह से भी यह हो सकता है।
  • हर्पीस जोस्टर (Herpes Zoster) की वजह से भी यह हो सकता है।
  • हवा से पैदा हुई बूंदों को सांस के द्वारा शरीर में प्रवेश करवाने से भी यह रोग हो सकता है।

चिकनपॉक्स के लक्षण (Symptom of chicken pox)

  • सामान्य फोड़े फुंसियों के पैदा होने से पहले पस भरे फोड़े फुंसियों का पैदा होना
  • बुखार
  • थकान
  • लाल और खुजली वाले फोड़े
  • फूटे हुए फोड़े फुंसियों पर पपड़ी जैसी परत
  • भूख ना लगना
  • सिर में दर्द

चिकन पॉक्स (छोटी माता) का घरेलू इलाज (Homemade remedies to treat chickenpox)

छोटी माता का इलाज हैं बेकिंग सोड़ा (Baking soda se choti mata ka desi ilaj)

बेकिंग सोड़ा चिकेन पॉक्स में होने वाली खुजली और चिड़चिड़ापन रोकता है जो चिकेन पॉक्स के आम लक्षण हैं। एक चम्मच बेकिंग सोड़ा को उचित पानी में मिलायें और स्पंज के टुकड़े या रुई के माध्यम से चकत्तों पर लगायें और सूखने दें।

मार्गोसा या नीम के पत्ते (Margosa or neem leaves)

जल्दी उपचार द्वारा ठीक होने के लिए ज्यादातर भारतीय लोग भारतीय नीम का प्रयोग  करना बेहतर समझते हैं। नीम की पत्तियों में एंटी वायरल (antiviral) गुण होते हैं जो बेहतरीन पद्दति के द्वारा चिकन पॉक्स का उपचार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह फोड़ों को सुखाने में सहायता करता है और इसपर होने वाली खुजली को काफी मात्रा में कम करता है। एक मुट्ठी भर ताज़ी नीम की पत्तियां लें और इन्हें मसलकर एक सौम्य पेस्ट का निर्माण करें। इस पेस्ट का प्रयोग फोड़े फुंसी वाले क्षेत्र पर करें। इन पत्तियों को नहाने के गर्म पानी में डालें और कुछ देर तक इन्हें सोखकर रखें। इसके बाद नीम की पत्तियों से भरे इस पानी से स्नान करें, क्योंकि इससे काफी अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।

चिकन पॉक्स का आयुर्वेदिक उपचार हैं ओटमील (जई का आटा) (Oatmeal

जई का आटा चकत्तों और त्वचा संबधी खुजली को रोकने के लिए जाना जाता है।
2 कप जई का आटा लेकर महीन पीस लें और इसे एक सूती कपड़े में रख कर बाँध लें। इस पोटली को 10 से 15 मिनट के लिए गर्म पानी के टब में डुबो दें जिससे जई के आटे का रस टब के पानी में आ जाए अब इस पानी में खुद डुबोएं और कुछ देर बैठे रहें। यह चिकेन पॉक्स की खुजली में आराम देगा।

चिकन पॉक्स का उपचार में शहद (Honey)

शहद के एंटी बैक्टीरियल और एंटी बायोटिक गुण चिकेन पॉक्स में शर्तिया आराम देते हैं यह त्वचा को मॉइस्चराइज करता है जिससे खुजली में आराम मिलता है।
बाजार से अच्छी क्वालिटी का शहद खरीदें और इसे प्रभावी स्थानों पर लेप करें, इस प्रक्रिया को दिन में 2 या 3 बार दोहरायें जब तक कि आराम न लग जाए।

छोटी माता का घरेलू उपचार में हर्बल टी (Herbal tea)

ख़ास सामग्री से बनी हुई हर्बल टी के 1 या 2 कप पीने से भी चिकेन पॉक्स में खुजली से राहत मिलती है। बेहतर परिणाम के लिए इसे दिन में कई बार पिया जा सकता है।

गाजर और धनिये की पत्ती (Carrot and coriander leaves)

गाजर और धनिये के पत्तों का प्रयोग भी चिकन पॉक्स के उपचार में किया जाता है क्योंकि ये आपको ठंडक प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संक्रमण होने की स्थिति में ये आपके शरीर को अंदरूनी रूप से ठंडक प्रदान करने में काफी प्रभावी सिद्ध होते हैं। गाजर और धनिये के पत्तों को पीसकर एक सूप (soup) बनाएं जिससे आपको जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी। ये एंटीऑक्सीडेंटस (antioxidants) से भरपूर होते हैं जिससे आपके शरीर की मरम्मत होने में सहायता प्राप्त होती है। एक गाजर को काटें और थोड़ी से धनिया पत्ती को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें। इन्हें कुछ मिनटों तक आधे कप पानी में उबाल लें और फिर इस मिश्रण को छान लें। इसे कुछ देर तक ठंडा होने दें। इसके हल्का गर्म रहते हुए ही इसका रोजाना एक महीने तक सेवन करें। आप पाएंगे कि आपके ठीक होने की गति पहले से काफी बढ़ गयी है।

छोटी माता के उपाय में अदरक (Ginger se chicken pox ke upay)

अदरक एक प्राकृतिक औषधि है जो खुजली को रोकता है और चिकेन पॉक्स में आराम देता है । अदरक के चूर्ण को अपने नहाने के बर्तन या टब में डालें और कुछ देर उसी पानी में खुद को डुबो कर बैठे रहें। इस विधि को कई बार दोहराएँ । यह खुजली को रोकेगी और राहत पहुंचाएगी।
इसके अलावा पेय के रूप में भी अदरक को लिया जा सकता है, अदरक के कुछ टुकड़ों को काटकर एक बर्तन में कुछ पानी लेकर उबालें और इस पानी को थोड़े थोड़े अंतराल के बाद पियें। यह चिकेन पॉक्स में होने वाली खुजली में राहत देगा।

चिकन पॉक्स की रोकथाम में ब्राउन विनेगर (Brown vinegar)

चिकेन पॉक्स में सबसे असर कारक औषधि के रूप में ब्राउन विनेगर एक बेहतर विकल्प है यह खुजली को रोकता है और त्वचा को आराम पहुंचाता है। एक कप ब्राउन विनेगर को हलके गुनगुने पानी में मिलाएं और इस पानी में खुद को 5 से 7 मिनिट तक भिगो कर रखें। यह खुजली को रोक कर त्वचा को राहत देगा।
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