Tuesday, January 10, 2017

कुछ कदम पेट की गैस और अपच को दूर करने की तरफ

स्वाद लेकर खाएं गए भोजन का आनंद तब बिगड़ जाता है जब भोजन के बाद पेट फुला हुआ या फिर अम्लीय हो जाता है। जठरांत्र संबंधी अपच और गैस की समस्या वर्तमान में दुनिया भर के लोगो के सामने आ रही है। ज्यादातर मामलों में अपच और गैस अस्वास्थ्यकर लाइफस्टाइल और बुरे खाने की पसंद का परिणाम है। आज हम कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे है जिसकी मदद से आप घर पर ही पेट की गैस और अपच की समस्या से मुक्ति पा सकते है और आपको दवाई की जरूरत भी नही पड़ेगी।



अधिक फाइबर शामिल करें : वस्थ पाचन के लिए फाइबर को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पचाने और व्यर्थ खाने को प्रणाली के बाहर धक्का देने में मदद करता है। फाइबर डेटॉक्स के रूप में अच्छी तरह से पाचन प्राणाली की मदद करता है। नियमित रूप से फाइबर का चुनाव करने वाले लोगो को यह मधुमेह, हृदय रोग, बवासीर और अन्य बीमारियों से बचाता है।



साबुत अनाज, अनाज, फल, सब्जियां, नट्स और पानी के रूप में आप अपने आहार में फाइबर शामिल कर सकते है। अगर हम एक आदर्श रूप की बात करें तो एक औरत को एक दिन में 25 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है और पुरुषों को एक दिन में 38 ग्राम फाइबर चाहिए होता है।

स्वस्थ भोजन खाने की आदत डाले : आपकी खाने की आदतों का फर्क आपके पाचन पर पड़ता है। अगर आप खाने को अधिक स्वाद की जगह दिमाग से खाते है तो निश्चित ही आप सबसे जल्दी पेट की गैस और अपच से छुटकारा पा लेंगे। अगर आप पाचन प्रणाली का ध्यान करते हुए भोजन को चबा चबा कर खाना शुरू कर देते है और छोटे छोटे भागो में भोजन करते है तो निश्चित ही पेट की कार्यप्रणाली में सुधार महसूस करेंगे।



फास्ट फूड पचाने में मुश्किल होते है इसलिए इनसे अधिक परहेज करने का प्रयास करें इसके अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित करे कि बिस्तर पर जाने से पहले कम से कम एक घंटे तक आपने कुछ ना खाया हो। खाना खाने के बाद तुरंत सोना अपच और पेट में गैस का प्रमुख कारण बनते है।

प्रोबायोटिक्स : आंत जीवाणु स्वस्थ पाचन के लिए आवश्यक है। यह जीवाणु एक स्वस्थ आंतरिक पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने और हानिकारक वायरस, खमीर और अन्य ऐसे सूक्ष्म जीवाणुओं से लड़ने में हमारी मदद करता है। पेट का यह बैक्टीरिया शराब सेवन, धूम्रपान, तनाव और कुछ दवाओं के सेवन और अन हेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से प्रभावित हो जाता है।



प्रोबायोटिक की खुराक की बात करें तो दही सबसे उत्तम माना जाता है। दही के प्रोबायोटिक एंजाइम पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है।

नियमित रूप से कसरत : कसरत ना केवल स्वस्थ शरीर के के लिए बल्कि स्वस्थ पाचन के लिए भी आवश्यक है। कसरत तनाव को दूर करता है जो गैस और अपच के प्रमुख कारणों में से एक है। भोजन के बाद टहलने से पाचन तंत्र और पेट में पारित हो रही गैस को विनियमित करने में मदद मिलती है। शारीरिक गतिविधि आंत को प्रोत्साहित कर कब्ज को रोकने और गैसीय निर्माण को रोकने के लिए मदद करता है।



आप कसरत में योग, तैराकी और साइकिल को भी शामिल कर सकते है। कसरत करते समय इस बात का खास ध्यान रखे कि कसरत और भोजन के बीच में कम से कम 3 घंटे के अंतराल होना चाहिए।
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