Saturday, January 23, 2016

Dos and don’ts of fitness during pregnancy – गर्भावस्था के समय फिट रहने के नुस्खे

गर्भावस्था हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह वह समय है जब शरीर में काफी सारे परिवर्तन होते हैं और एक लड़की सही मायनों में महिला बनती है। इस समय कई तरह के सवालों का ज़ेहन में उठना काफी सामान्य बात है और इसके जवाबों की खोज भी आपको अवश्य होगी।
फिटनेस, शारीरिक स्वास्थ्य और गर्भावस्था का सीधा सम्बन्ध सही खानपान और अच्छी जीवनशैली को अपनाने से जुड़ा हुआ है। शारीरिक फिटनेस से दिल, हड्डियां और मस्तिष्क स्वस्थ रहते हैं। गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए गर्भावस्था के समय क्रियाशील रहना आवश्यक है।
गर्भावस्था के वक़्त स्वस्थ खानपान काफी आवश्यक है। यह वह समय है जब आपके शरीर को आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड की काफी ज़रुरत होती है। गर्भवती महिलाओं को कैलोरीज की भी काफी ज़रुरत होती है। ऐसा कहा जाता है कि एक गर्भवती स्त्री को दो लोगों का भोजन करना चाहिए। पर इसका यह मतलब नहीं है कि आप दोगुना भोजन करें। भोजन ऐसा होना चाहिए जो कि आपके बच्चे को भी पोषण प्रदान करे।

गर्भावस्था के दौरान पालन करने वाली चीज़ें (Dos during pregnancy)

  • गर्भावस्था के समय भी व्यायाम अवश्य करें। इससे लेबर और डिलीवरी के समय होने वाली तकलीफ और परेशानी काफी कम हो जाती है। हलके व्यायाम जैसे तैराकी, वाकिंग और योग करें।
  • अपने पेट और पीठ पर ज़्यादा दबाव ना डालें।
  • स्क्वैटिंग और प्लैंक्स करें तथा ऐसी मुद्रा बनाएं जिससे कि आप खड़े होकर तथा बगल की ओर झुककर व्यायाम कर सकें। पेट पर दबाव डालने से बच्चे तक रक्त का बहाव नहीं पहुँच पाता और इससे उसे नुकसान हो सकता है।
  • काफी मात्रा में पानी पियें और खुद को ठंडक प्रदान करें। डिहाइड्रेशन भ्रूण के लिए काफी खतरनाक हो सकता है।
  • पसलियों में दबाव डालने से बचने के लिए ढीले ढाले कपड़े पहनना ही बेहतर रहेगा।
  • अगर आपके सर्विक्स में कोई समस्या, खून निकलना, किसी तिमाही में कोई तकलीफ या गर्भावस्था के बाद के समय में खून निकलना, समय से पहले लेबर की समस्या या मेम्ब्रेन्स को हानि पहुँचने जैसी तकलीफों की स्थिति में अपने डॉक्टर से इलाज करवाएं।
  • अगर आपको लगातार सिर में दर्द, चक्कर आना, गुप्तांग से द्रव्य निकलने की समस्या, मांसपेशियों में कमज़ोरी, गर्भाशय में सिकुड़न, पेट में दर्द या पेल्विस में दबाव पड़ने जैसी समस्या है तो भी तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • गंभीर और अचानक हो रहे तनाव से आसानी से निपटने की कोशिश करें।
  • ऐसी गतिविधियों से दूर रहें जिससे माँ और बच्चे को हानि पहुँचने का ख़तरा हो।

गर्भावस्था के दौरान ना करने वाली चीज़ें (Don’ts During Pregnancy)

  • गर्म वातावरण में व्यायाम न करें। सिर्फ सुबह, शाम या एयर कंडिशन्ड जिम में ही व्यायाम करें।
  • भारी वज़न ना उठाएं, पेट या पीठ के बल ना लेटें तथा ऐसी मशीन का इस्तेमाल न करें जिसके अंतर्गत आपको अपनी कमर में बेल्ट बाँधने की ज़रुरत पड़े।
  • लम्बे समय तक खड़े रहने से परहेज करें। इससे गर्भाशय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और यह रक्त आपके पैरों में जाने लगता है, जिससे आपको चक्कर भी आ सकते हैं।
  • ज़्यादा दौड़ने भागने वाले गतिविधियों तथा खेल में हिस्सा न लें जिसमें आपके पेट के बल गिरने का ख़तरा हो, जैसे इन लाइन स्केटिंग, सॉकर, डाउनहिल स्कीइंग और घुड़सवारी।
  • डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार की दवाई का सेवन न करें।
  • डॉक्टर से परामर्श किये बिना एस्पिरिन, आई ब्रूफेन जैसे पेनकिलर्स से परहेज करें।
  • कैलोरी का सेवन बंद न करें। दिन में कम से कम 300 से 500 अतिरिक्त कैलोरी का सेवन करें।
  • गंभीर बीमारियों जैसे मधुमेह और अस्थमा की दवाइयाँ लेना बंद न करें।
  • धूम्रपान से परहेज करें तथा अवैध ड्रग्स लेने से भी बचें।
  • हॉट टब तथा सॉना में नहाने से परहेज करें। इससे तापमान में काफी ज़्यादा वृद्धि हो जाएगी और भ्रूण के मस्तिष्क के विकास पर काफी बुरा असर पड़ेगा।
  • आयल वाले पेंट्स तथा लीड और मरकरी से युक्त पदार्थों का प्रयोग न करें।
  • बिलकुल थक जाने की सीमा तक व्यायाम न करें। व्यायाम करते करते भी बातचीत जारी रखें।
  • अपने वज़न के बढ़ने की बिलकुल भी चिंता न करें। एक बार बच्चे के जन्म के बाद आपका वज़न खुद ब खुद कम हो जाएगा।
  • घर बदलने या नौकरी बदलने जैसे अनावश्यक तनाव इस स्थिति में लेने से बचें।
  • डिलीवरी के वक़्त होने वाले लेबर तथा दर्द के बारे में सोचकर बिलकुल भी ना घबराने का प्रयास करें तथा इसे प्राकृतिक रूप से स्वीकार करें।
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